लखनऊ: राजधानी की बंथरा पुलिस ने दो लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया है. जबकि इनका सरगना मौके से भागने में सफल रहा. इन पर कोरोना मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन महंगे दामों पर बेचने का आरोप है. पकड़े गए आरोपियों से एक अपोलो हॉस्पिटल का कर्मचारी बताया जा रहा है. पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है.
बंथरा के हनुमान मंदिर के पास से सोमवार की देर रात दो आरोपी विकास सिंह उर्फ लकी और अल्ताफ आलम को रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया गया. जबकि, इनका सरगना अनुज पुलिस को चकमा देते हुए मौके से भाग निकला. बताया जा रहा है कि अनुज इन आरोपियों को एक रेमडेसिविर इंजेक्शन 5000 रुपये में देता था. इसके बाद ये आरोपी उसे 20 से 25 हजार रुपये में बेच देते थे. रेमडेसिविर इंजेक्श की कालाबाजारी के इस मामले में पकड़े गए आरोपियों में एक अपोलो हॉस्पिटल का कर्मचारी बताया जा रहा है. पुलिस अपोलो हॉस्पिटल के अधिकारियों से भी इस मामले में पूछताछ की, लेकिन हॉस्पिटल ने इस बात से इनकार कर दिया है.
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सीनियर सब इंस्पेक्टर दिनेश सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान विकास सिंह उर्फ लक्की बंथरा कस्बा इलाके का रहने वाला है. जबकि, अल्ताफ आलम श्रावस्ती भिंदा का मूल निवासी है, लेकिन वर्तमान समय में एलडीए कॉलोनी सेक्टर-D में रह रहा था. अल्ताफ ने पूछताछ में बताया है कि वह अपोलो हॉस्पिटल का कर्मचारी है. इनका सरगना हरदोई निवासी अनुज है. जो इन लोगों तक रेमडेसिविर इंजेक्शन पहुंचाता था. जिसे ये लोग ऊंचे दाम पर बेचते थे.
अपोलो हॉस्पिटल के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि वह आरोपी अल्ताफ उनके अस्पताल में नौकरी करता था या नहीं. उन्होंने कहा है जांच की जाएगी यदि ऐसा हुआ तो उस कर्मचारी को संस्थान द्वारा निलंबित कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल वह आरोपी का संबंध हॉस्पिटल से होने की बात से इनकार कर रहे हैं.