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खुदकुशी के पहले सिपाही ने लिखा, DGP साहब फ्रस्ट्रेटेड हैं पुलिस वाले

सिकंदर अली के सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. सुसाइड नोट के मिलने से अंदेशा लगाया जा रहा है कि सिकंदर छुट्टी न मिलने से परेशान था.

फाइल फोटो.
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Published : Feb 3, 2019, 11:19 AM IST

लखीमपुर खीरी : डायल100 के सिपाही का खुदकुशी सुसाइड नोट मिला है. इस सुसाइड नोट ने पुलिस महकमे के अफसरों की नींद उड़ा दी है. खत में लिखा है 'डीजीपी साहब पुलिस विभाग में मेरी तरह न जाने कितने लोग फ्रस्ट्रेटेड हैं, छुट्टी न मिलने, घरवालों से न मिल पाने से परेशान होकर ये कदम उठा रहा हूं' सिपाही सिकन्दर अली के इस सुसाइड नोट ने पुलिस महकमे में नई बहस शुरू करा दी है.

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जिले में मैलानी कोतवाली इलाके के बांकेगंज में शनिवार को डायल 100 में तैनात सिपाही सिकंदर अली का शव उस के किराए के कमरे में लुंगी से लटका मिला था. इसका खुलासा तब हुआ जब डायल 100 के सिपाही सिकंदर ने अपना फोन रिसीव नहीं किया. उसके साथी सुबह ड्यूटी के लिए उसको फोन करते रहें पर जब फोन रिसीव नहीं हुआ तो उसके घर पहुंच देखा कि किराए के कमरे में लुंगी से सिकन्दर अली का शव लटका हुआ है.
इस घटना की इत्तला तुरंत पुलिस के आला अफसरों को दी गई. एसपी पूनम खुद मौके पर पहुंची. उन्होंने बारीकी से मौका मुआयना किया. साक्ष्य जुटाने के लिए फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट और फॉरेंसिक एक्सपर्ट को भी बुलाया गया था. बारीकी से जब जांच की गई तो सिकंदर का एक सुसाइड नोट मौके से मिला.

क्या लिखा सुसाइड नोट में...
पिछले कुछ समय से मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है. मैं इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं. इसके लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं. वैसे भी मैं अपने जीवन से तंग आ चुका हूं. मम्मी-पापा मुझे माफ कर देना. उम्र के इस पड़ाव पर जहां आप को मेरी जरूरत है. मैं छोड़कर जा रहा हूं पर मैं शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं हूं, श्रीमान एसपी सर मैं बहुत ही गरीब परिवार से हूं. मेरे पिताजी की तबीयत ठीक नहीं रहती है. मेरे सिवा मेरे घर पर कोई सहारा नहीं है. मैं पिछले काफी दिनों से फ्रस्ट्रेटेड रहता था. विभाग में आकर घर वालों को समय नहीं दे पा रहा था. जबकि घर पर मेरी बहुत जरूरत है. 31 जनवरी 2019 को मेरे पैर में चोट लग गई. कई बार मैंने घर जाने की कोशिश की, पर मैं भगोड़ा साबित नहीं होना चाहता था. मेरे हालात ऐसे नहीं रहे जिससे मैं और जी सकूं. पुलिस विभाग में जहां मेरी तरह कितने ही लोग फ्रस्ट्रेटेड हैं और आत्महत्या करने की सोच रहे हैं. उनसे मेरी सहानुभूति है. डीजीपी साहब से भी अनुरोध करना चाहता हूं. कितनी बड़ी संख्या में आए दिन पुलिसकर्मी आत्महत्या कर रहे हैं. प्लीज अब कुछ इस संदर्भ में संज्ञान लीजिए.

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सिकंदर अली के सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. सुसाइड नोट के मिलने से अंदेशा लगाया जा रहा है कि सिकंदर छुट्टी न मिलने से परेशान था. पीलीभीत जिले के जहानाबाद कोतवाली इलाके के पूरनपुरा गांव के बेहद गरीब परिवार के मन में घरवालों को समय न देने पाने मलाल था. एसपी पूनम का कहना है कि सुसाइड नोट मिला है. हम लोग इसका परीक्षण करा रहे हैं. घरवालों और उसके साथी संगियों और पड़ोसियों से भी पूछताछ कर रहे हैं कि आखिर सिकंदर किन परिस्थितियों के वजह से मानसिक रूप से परेशान था.

लखीमपुर खीरी : डायल100 के सिपाही का खुदकुशी सुसाइड नोट मिला है. इस सुसाइड नोट ने पुलिस महकमे के अफसरों की नींद उड़ा दी है. खत में लिखा है 'डीजीपी साहब पुलिस विभाग में मेरी तरह न जाने कितने लोग फ्रस्ट्रेटेड हैं, छुट्टी न मिलने, घरवालों से न मिल पाने से परेशान होकर ये कदम उठा रहा हूं' सिपाही सिकन्दर अली के इस सुसाइड नोट ने पुलिस महकमे में नई बहस शुरू करा दी है.

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जिले में मैलानी कोतवाली इलाके के बांकेगंज में शनिवार को डायल 100 में तैनात सिपाही सिकंदर अली का शव उस के किराए के कमरे में लुंगी से लटका मिला था. इसका खुलासा तब हुआ जब डायल 100 के सिपाही सिकंदर ने अपना फोन रिसीव नहीं किया. उसके साथी सुबह ड्यूटी के लिए उसको फोन करते रहें पर जब फोन रिसीव नहीं हुआ तो उसके घर पहुंच देखा कि किराए के कमरे में लुंगी से सिकन्दर अली का शव लटका हुआ है.
इस घटना की इत्तला तुरंत पुलिस के आला अफसरों को दी गई. एसपी पूनम खुद मौके पर पहुंची. उन्होंने बारीकी से मौका मुआयना किया. साक्ष्य जुटाने के लिए फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट और फॉरेंसिक एक्सपर्ट को भी बुलाया गया था. बारीकी से जब जांच की गई तो सिकंदर का एक सुसाइड नोट मौके से मिला.

क्या लिखा सुसाइड नोट में...
पिछले कुछ समय से मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है. मैं इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं. इसके लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं. वैसे भी मैं अपने जीवन से तंग आ चुका हूं. मम्मी-पापा मुझे माफ कर देना. उम्र के इस पड़ाव पर जहां आप को मेरी जरूरत है. मैं छोड़कर जा रहा हूं पर मैं शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं हूं, श्रीमान एसपी सर मैं बहुत ही गरीब परिवार से हूं. मेरे पिताजी की तबीयत ठीक नहीं रहती है. मेरे सिवा मेरे घर पर कोई सहारा नहीं है. मैं पिछले काफी दिनों से फ्रस्ट्रेटेड रहता था. विभाग में आकर घर वालों को समय नहीं दे पा रहा था. जबकि घर पर मेरी बहुत जरूरत है. 31 जनवरी 2019 को मेरे पैर में चोट लग गई. कई बार मैंने घर जाने की कोशिश की, पर मैं भगोड़ा साबित नहीं होना चाहता था. मेरे हालात ऐसे नहीं रहे जिससे मैं और जी सकूं. पुलिस विभाग में जहां मेरी तरह कितने ही लोग फ्रस्ट्रेटेड हैं और आत्महत्या करने की सोच रहे हैं. उनसे मेरी सहानुभूति है. डीजीपी साहब से भी अनुरोध करना चाहता हूं. कितनी बड़ी संख्या में आए दिन पुलिसकर्मी आत्महत्या कर रहे हैं. प्लीज अब कुछ इस संदर्भ में संज्ञान लीजिए.

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सिकंदर अली के सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. सुसाइड नोट के मिलने से अंदेशा लगाया जा रहा है कि सिकंदर छुट्टी न मिलने से परेशान था. पीलीभीत जिले के जहानाबाद कोतवाली इलाके के पूरनपुरा गांव के बेहद गरीब परिवार के मन में घरवालों को समय न देने पाने मलाल था. एसपी पूनम का कहना है कि सुसाइड नोट मिला है. हम लोग इसका परीक्षण करा रहे हैं. घरवालों और उसके साथी संगियों और पड़ोसियों से भी पूछताछ कर रहे हैं कि आखिर सिकंदर किन परिस्थितियों के वजह से मानसिक रूप से परेशान था.


लखीमपुर-यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में डायल 100 के सिपाही का खुदकुशी के पहले एक सुसाइड नोट मिला है। इस सुसाइड नोट ने पुलिस महकमे के अफसरों की नींद उड़ा दी है। खत में लिखा है 'डीजीपी साहब पुलिस विभाग में मेरी तरह न जाने कितने लोग फ्रस्ट्रेटेड हैं,छुट्टी न मिलने घरवालों से न मिल पाने से परेशान होकर ये कदम उठा रहा हूँ।' सिपाही सिकन्दर अली के इस सुसाइड नोट ने पुलिस महकमे में नई बहस शुरू करा दी है। 

लखीमपुर खीरी जिले में मैलानी कोतवाली इलाके के बांकेगंज में शनिवार को डायल हंड्रेड में तैनात सिपाही सिकंदर अली का शव उस के किराए के कमरे में लुंगी से लटका मिला था। इसका खुलासा तब हुआ जब डायल हंड्रेड के सिपाही सिकंदर ने अपना फोन रिसीव नहीं किया। उसके साथी सुबह ड्यूटी के लिए उसको फोन करते रहे पर जब फोन रिसीव नहीं हुआ तो वह उसके घर पहुंचे देखा। कि किराए के कमरे में लुंगी से सिकन्दर अली का शव लटका हुआ था। इसकी इत्तला तुरंत पुलिस के आला अफसरों को दी गई। एसपी पूनम खुद मौके पर पहुंची। उन्होंने बारीकी से मौका मुआयना किया। साक्ष्य जुटाने के लिए फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट और फॉरेंसिक एक्सपर्ट को भी बुलाया गया था। बारीकी से जब जांच की गई तो सिकंदर का एक सुसाइड नोट मौके से मिला। मजमून कुछ इस तरह था।
सर,
पिछले कुछ समय से मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है। मैं इसलिए आत्महत्या कर रहा हूँ। इसके लिए मैं खुद जिम्मेदार हूँ। वैसे भी मैं अपने जीवन से तंग आ चुका हूँ। मम्मी पापा मुझे माफ कर देना। उम्र के इस पड़ाव पर जहां आप को मेरी जरूरत है। मैं छोड़कर जा रहा हूँ। पर मैं शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं हूँ। श्रीमान एसपी सर मैं बहुत ही गरीब परिवार से हूँ। मेरे पिताजी की तबीयत ठीक नहीं रहती है। मेरे सिवा मेरे घर पर कोई सहारा नहीं है। मैं पिछले काफी दिनों से फ्रस्ट्रेटेड रहता था। विभाग में आकर घर वालों को समय नहीं दे पा रहा था। जबकि घर पर मेरी बहुत जरूरत है। 31 जनवरी 2019 को मेरे पैर में चोट लग गई। कई बार मैंने घर जाने की कोशिश की,पर मैं भगोड़ा साबित नहीं होना चाहता था। मेरे हालात ऐसे नहीं रहे जिससे मैं और जी सकूं। पुलिस विभाग में जहां मेरी तरह कितने ही लोग फ्रस्ट्रेटेड हैं। और आत्महत्या करने की सोच रहे हैं। उनसे मेरी सहानुभूति है। डीजीपी साहब से भी अनुरोध करना चाहता हूँ। कितनी बड़ी संख्या में आए दिन पुलिसकर्मी आत्महत्या कर रहे हैं। प्लीज अब कुछ इस संदर्भ में संज्ञान लीजिए।
आरक्षी 
सिकंदर अली
सिकंदर अली के सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। सुसाइड नोट के मिलने से अंदेशा लगाया जा रहा है कि सिकंदर छुट्टी ना मिलने से परेशान था। पीलीभीत जिले के जहानाबाद कोतवाली इलाके के पूरनपुरा गाँव के बेहद गरीब परिवार के मन में घरवालों को समय न देने न दे पाने कभी मलाल था। एसपी पूनम का कहना है कि सुसाइड नोट मिला है । हम लोग इसका परीक्षण करा रहे हैं। घरवालों और उसके साथी संगियों और आज पड़ोसियों से भी पूछताछ कर रहे हैं कि आखिर सिकंदर किन परिस्थितियों के वजह से मानसिक रूप से परेशान था। पर पुलिस एक अंदर के सुसाइड नोट मिलने से पुलिस महकमे में छुट्टी न मिलने से और परिवारों से दूर रहने के बाद उपजे मानसिक की स्थितियों का एक बड़ा खुलासा जरूर हो रहा है। कि पुलिसवाले सही बाद मानसिक रूप से परेशान है।

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प्रशान्त पाण्डेय
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