ETV Bharat / briefs

शौर्य चक्र सम्मानित प्रवीण कुमार 'आयरनमैन प्रतियोगिता' में शामिल होने पहुंचेंगे न्यूयॉर्क - up news

26/11 आतंकी हमले में करीब डेढ़ सौ लोगों की जान बचाने के बाद शौर्य पुरस्कार से सम्मानित प्रवीण कुमार तेवतिया ने ईटीवी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अहम बातें भी शेयर की.

praveen kumar
author img

By

Published : Mar 23, 2019, 2:56 PM IST

बुलंदशहर: शौर्य चक्र से सम्मानित प्रवीण कुमार तेवतिया किसी कार्यक्रम में शिरकत करने बुलंदशहर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बीत की. उन्होंने बताया कि जल्द ही आयरनमैन प्रतियोगिता में वह शामिल होने न्यूयॉर्क पहुंचेंगे. हालांकि इससे पहले वह मलेशिया और साउथ अफ्रीका में आयरनमैन का खिताब अपने नाम कर चुके हैं.

प्रवीण कुमार तेवतिया से खास बातचीत


दरअसल 26/11 मुंबई के ताज होटल में हुए आतंकी हमले में करीब डेढ़ सौ लोगों की जान बचाने के बाद इन्हें शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्होंने ईटीवी से बात करने के दौरान बताया कि अगर हमारे अंदर इच्छाशक्ति है और कुछ करने का जज्बा है तो हम हर लक्ष्य को भेद सकते हैं. वहीं पुलवामा आतंकी हमले पर उन्होंने कहा कि पुलवामा जैसी दुस्साहसिक घटना सिर्फ और सिर्फ हमारे देश को अस्थिर करने को दुश्मन की एक साजिश है. हमें एकजुट होकर सब्र से काम लेना चाहिए. दुश्मन को सबक सीखने के लिए सेना हर तरह से सक्षम है.

क्या होता है 'आयरनमैन प्रतियोगिता'

आयरनमैन ट्रायथलॉन दुनिया में सबसे प्रसिद्ध सहनशक्ति प्रतियोगिता है. आयरनमैन ट्रायथलॉन प्रतियोगिता अमेरिका के साथ-साथ पूरी दुनिया में होती है. ट्रायथलॉन प्रतियोगिता एक2.4 मील तैरना, 112 मील बाइक की सवारी और 26.02 मील दौड़ से बना है, जिसे आपको फिनिशर माना जाने के लिए 17 घंटे में पूरा करने की आवश्यकता है. अधिकांश आयरनमैन ट्रायथलॉन प्रतियोगिताओं में एक घटना समय सीमा होती है.

बुलंदशहर: शौर्य चक्र से सम्मानित प्रवीण कुमार तेवतिया किसी कार्यक्रम में शिरकत करने बुलंदशहर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बीत की. उन्होंने बताया कि जल्द ही आयरनमैन प्रतियोगिता में वह शामिल होने न्यूयॉर्क पहुंचेंगे. हालांकि इससे पहले वह मलेशिया और साउथ अफ्रीका में आयरनमैन का खिताब अपने नाम कर चुके हैं.

प्रवीण कुमार तेवतिया से खास बातचीत


दरअसल 26/11 मुंबई के ताज होटल में हुए आतंकी हमले में करीब डेढ़ सौ लोगों की जान बचाने के बाद इन्हें शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्होंने ईटीवी से बात करने के दौरान बताया कि अगर हमारे अंदर इच्छाशक्ति है और कुछ करने का जज्बा है तो हम हर लक्ष्य को भेद सकते हैं. वहीं पुलवामा आतंकी हमले पर उन्होंने कहा कि पुलवामा जैसी दुस्साहसिक घटना सिर्फ और सिर्फ हमारे देश को अस्थिर करने को दुश्मन की एक साजिश है. हमें एकजुट होकर सब्र से काम लेना चाहिए. दुश्मन को सबक सीखने के लिए सेना हर तरह से सक्षम है.

क्या होता है 'आयरनमैन प्रतियोगिता'

आयरनमैन ट्रायथलॉन दुनिया में सबसे प्रसिद्ध सहनशक्ति प्रतियोगिता है. आयरनमैन ट्रायथलॉन प्रतियोगिता अमेरिका के साथ-साथ पूरी दुनिया में होती है. ट्रायथलॉन प्रतियोगिता एक2.4 मील तैरना, 112 मील बाइक की सवारी और 26.02 मील दौड़ से बना है, जिसे आपको फिनिशर माना जाने के लिए 17 घंटे में पूरा करने की आवश्यकता है. अधिकांश आयरनमैन ट्रायथलॉन प्रतियोगिताओं में एक घटना समय सीमा होती है.

Intro:शौर्य चक्र से सम्मानित 26 /11 के हीरो प्रवीण कुमार तेवतिया अब एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार हैं,दुनिया के कठिनतम गेम्स में से एक आयरनमैन के खिताब के लिए होने वाली प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए मार्कोस प्रवीण इस साल न्यूयार्क जा रहे हैं ,अब तक मलेशिया और साउथ अफ्रीका में भी भारत का झंडा आयरनमैन बनकर बुलन्द कर चुके हैं। मुम्बई के ताज होटल में हुए आतंकी हमले में 150 लोगों को बचाने वाले प्रवीण से इटीवी की बातचीत के मुख्य अंश ।देखिये ये विशेष रिपोर्ट।



Body:26 11 2008 को मुंबई के ताज होटल में हुए आतंकी हमले में करीब डेढ़ सौ लोगों की जान बचाने वाले शूरवीर योद्धा मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया को हर कोई जानता है ,शौर्य पुरस्कार से सम्मानित मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया एक कार्यक्रम में शिरकत करने बुलंदशहर पहुंचे ,तो यहां ईटीवी से उनकी खास बातचीत हुई बुलंदशहर के गांव भटौना से ताल्लुक रखने वाले एक साधारण से परिवार में जन्म प्रवीण तेवतिया ने एक से बढ़कर एक असाधारण काम किए हैं ,आज भी जब मुंबई हमले का जिक्र कहीं किया जाता है, तो सबसे पहले शूरवीर योद्धा प्रवीण तेवतिया का नाम लिया जाता है ,प्रवीण तेवतिया ने चार चार गोलियां खाने के बाद भी हार नहीं मानी थी, बल्कि जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई उसे अपना धर्म समझकर निभाने के लिए डटे रहे जबकि उन्हें मालूम था कि उस अंधेरी रात में उनका सामना सीधे तौर पर मौत से हो रहा है, उनके शौर्य और साहस की गाथाएं न सिर्फ युवाओं में सुनाई जाती हैं,बल्कि हर उस मंच पर बार बार परवीन तेवतिया की बहादुरी के किस्से सुनाये जाते हैं, ताज होटल में ऑपरेशन विजय के लिए भेजे गए कमांडो ये जानते थे कि वहां से वापिस आना हो पाए ऐसा जरूरी नहीं है ,लेकिन अपने और अपने देश के बाहर के विदेश मेहमानों की हिफाजत के लिए अपनी जान की बाजी लगाकर न सिर्फ सभी को सुरक्षित किया बल्कि जब गोलियों की बौछार हुई तो सबसे आगे थे हमारे बहादुर कमांडो,इस ऑपरेशन में प्रवीण को आतंकियों की एक के बाद एक चार गोलियां लगीं जिससे उनके गुर्दे तक भी डैमेज हुए तो वहीं एक कान को भी गोली ने चीर कर रख दिया, प्रवीण हर किसी भारतीय की पसंद हैं, चाहे बॉलीवुड के महानायक कहे जाने वाले अभिनेता अमिताभ बच्चन हों या फिर क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर सभी ने मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया को सराहा है, इतना ही नहीं जहां चार गोलियां फेफड़ों में लगने के बाद फिर भी ने हार नहीं मानी थी उसके बाद जब वह करीब 6 महीने जिंदगी और मौत से जंग में मौत को हराकर फिर एक बार लोगों के सामने आए तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं था ,अपने जीवन में चुनौतियों को स्वीकार कर आगे बढ़ने वाले मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया के जज्बे को समझने के लिए हमें उनके बारे में जानना होगा, ताज होटल में आतंकी हमले में लोगों में को बचाने के लिए अपने अधिकारियों के एक आदेश पर प्रवीण तेवतिया ने मोर्चा संभाला था और दुश्मन के दांत खट्टे कर दिए थे जिसमें करीब डेढ़ सौ से ज्यादा होटल में खौफ के साए में बैठे लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने की जिम्मा उन्होंने सम्भाला था, अब तक और भी कई कीर्तिमान इस रणबांकुरे वीर योद्धा ने बनाए हैं, प्रवीण का कहना है कि अगर हमारे अंदर इच्छाशक्ति है और कुछ करने का जज्बा है तो हम हर लक्ष्य को भेद सकते हैं ,हर मंजिल पर पहुंच जा सकता है, उनका कहना है कि हम रुके नहीं बल्कि उसी पर फोकस करके अपने लक्ष्य को पाने के लिए लगे रहें, दुनिया के सबसे कठिन माने जाने वाले इवेंट्स में से एक आयरन मैन की प्रतियोगिता में साउथ अफ्रीका में जाकर इस हीरो ने न सिर्फ भाग लिया बल्कि वहां भारत का झंडा भी बुलन्द किया,इसी तरह मलेशिया में भी आयरनमैंन का खिताब अपने नाम कर चुके हैं, सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए न सिर्फ मानसिक तौर पर बल्कि इसके लिए जहां ना सिर्फ शरीर में फुर्ती चाहिए बल्कि वही शरीर का स्वस्थ होना भी उतना ही जरूरी है ,अब अपने अगले लक्ष्य के लिए बुलन्दशाहर की माटी का ये देश का लाल जुलाई माह में फिर एक बार आयरनमैन की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए न्यूयार्क जाने वाला है इस बारे में इटीवी से बातचीत में कमांडो प्रवीण का कहना है कि वह जुलाई में होने वाले मैराथन में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क जाएंगे केबीसी में अमिताभ बच्चन के सामने भी आयरन मैन प्रवीण तेवतिया बैठ चुके हैं ,प्रवीण जहां जाते हैं ,वहां युवाओं की भीड़ लग जाती है, देश के लगभग हर बड़े मंच पर अब तक प्रवीण को बुलाकर सम्मानित किया जा चुका है, प्रवीण युवाओं को ना सिर्फ मोटिवेट करते हैं ,बल्कि उनसे वादा भी लेते हैं कि वह अपने देश की बेहतरी के लिए आगे बढ़ते रहेंगे, कमांडो प्रवीण तेवतिया को उनके अदम्य साहस के लिए पूर्व में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया था,
स्वेच्छा से नेवी से रिटायरमेंट इसलिए लेना पड़ा , क्योंकि वहां इन्हें डिसेबल केटेगरी में गिना जाता था लेकिन मन में एक विश्वास जिंदा था जिसकी वजह से इस बहादुर का दिल कहता था बहुत कुछ अलग करने को और व्व उन्होंने करके ये सिद्ध भी कर दिया कि प्रबल इच्छाशक्ति अगर है तो कोई आपको रोक नहीं सकता,प्रवीण कहते हैं, उन्हें अच्छा लगता है अपने युवा पीढ़ी के संग उठना बैठना और उनसे मेहनत करते देखना,मार्कोस परवीन कहते हैं है कि हमे अपने लक्ष्य को पाना है तो हमे उसी पर ध्यान लगाना होगा।
पाकिस्तान के बारे में प्रवीण का कहना है कि ऐसे देश का नाम न लिया जाए तो अच्छा है,साथ ही परवीन का कहां है कि पुलवामा जैसी दुस्साहसिक घटना सिर्फ और सिर्फ हमारे देश को अस्थिर करने को दुश्मन की एक साजिश है हमें एकजुट होकर झबर से काम लेना चाहिए साथ ही उनका कहना है कि दुश्मन को सबक सीखने के लिए सेना हर तरह से सक्षम है।

...one to one with praveen teotia .


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.