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दर दर भटकते रहे अभ्यर्थी, नहीं हो पाया आई टेस्ट

लखनऊ में लोको पायलट भर्ती के लिए अभ्यर्थियों से आई टेस्ट का सर्टिफिकेट मांगा गया. इसके लिए अभ्यर्थी सुबह से सरकारी अस्पताल में अपना टेस्ट कराने के लिए चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी आंखों का टेस्ट नहीं हो पाया.

दर दर भटके अभ्यर्थी नहीं हो पाया आई टेस्ट
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Published : Apr 8, 2019, 10:09 PM IST

लखनऊ: राजधानी में आज लोको पायलट की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. दूसरा राउंड पास करने के बाद तीसरे राउंड में अभ्यर्थियों से आंखों के टेस्ट का सर्टिफिकेट मांगा गया. इसके लिए सरकारी अस्पतालों में जाकर अपना टेस्ट कराने के लिए गए. लेकिन सुबह से शाम हो गई उनकी आंखों का टेस्ट नहीं हो पाया.

दर दर भटके अभ्यर्थी नहीं हो पाया आई टेस्ट


दरअसल अभ्यर्थियों को परीक्षा पास करने के बाद एक फॉर्म दिया गया था. किसी भी सरकारी अस्पताल से आई टेस्ट का प्रमाण पत्र देना होता है. इसके लिए आई टेस्ट कराने गए अभ्यर्थी सुबह से लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में पहुंच गये. अभ्यर्थियों ने नियमानुसार फॉर्म भर दिया. बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों में कहीं पर अभ्यर्थियों को भगा दिया गया तो कहीं पर यह कह दिया गया कि लोको पायलट अभ्यर्थियों का कोई आई टेस्ट नहीं किया जाएगा.


सरकारी अस्पतालों के इस रवैये से दिलीप अभ्यर्थी ने बताया कि16 अप्रैल को को लोको पायलट का एग्जाम होना है. जिसमें आई टेस्ट मांगा गया है यदि आई टेस्ट नहीं होगा तो हम 16 अप्रैल को होने वाले इस एग्जाम में शामिल तक नहीं हो पाएंगे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से उनका भविष्य अधर में लटका दिया है. इस बारे में जब हमने मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ से बातचीत करने का प्रयास किया तो उन्होंने नियमों का हवाला देकर पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया.

लखनऊ: राजधानी में आज लोको पायलट की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. दूसरा राउंड पास करने के बाद तीसरे राउंड में अभ्यर्थियों से आंखों के टेस्ट का सर्टिफिकेट मांगा गया. इसके लिए सरकारी अस्पतालों में जाकर अपना टेस्ट कराने के लिए गए. लेकिन सुबह से शाम हो गई उनकी आंखों का टेस्ट नहीं हो पाया.

दर दर भटके अभ्यर्थी नहीं हो पाया आई टेस्ट


दरअसल अभ्यर्थियों को परीक्षा पास करने के बाद एक फॉर्म दिया गया था. किसी भी सरकारी अस्पताल से आई टेस्ट का प्रमाण पत्र देना होता है. इसके लिए आई टेस्ट कराने गए अभ्यर्थी सुबह से लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में पहुंच गये. अभ्यर्थियों ने नियमानुसार फॉर्म भर दिया. बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों में कहीं पर अभ्यर्थियों को भगा दिया गया तो कहीं पर यह कह दिया गया कि लोको पायलट अभ्यर्थियों का कोई आई टेस्ट नहीं किया जाएगा.


सरकारी अस्पतालों के इस रवैये से दिलीप अभ्यर्थी ने बताया कि16 अप्रैल को को लोको पायलट का एग्जाम होना है. जिसमें आई टेस्ट मांगा गया है यदि आई टेस्ट नहीं होगा तो हम 16 अप्रैल को होने वाले इस एग्जाम में शामिल तक नहीं हो पाएंगे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से उनका भविष्य अधर में लटका दिया है. इस बारे में जब हमने मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ से बातचीत करने का प्रयास किया तो उन्होंने नियमों का हवाला देकर पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया.

Intro:एंकर- राजधानी लखनऊ में आज लोको पायलट में भर्ती के लिए अभ्यर्थियों ने एग्जाम दिए 2 राउंड पास करने के बाद तीसरे राउंड में अभ्यर्थियों से आंखों के टेस्ट का सर्टिफिकेट मांगा गया। इसके लिए अभी सरकारी अस्पतालों में जाकर अपना टेस्ट कराने के लिए गए। लेकिन सुबह से शाम हो गई उनका आंखों का टेस्ट नहीं हो पाया।


Body:वी.ओ- राजधानी लखनऊ में आज लोको पायलट में भर्ती के लिए अभ्यर्थियों ने एग्जाम दिए 2 राउंड पास करने के बाद तीसरे राउंड में अभ्यर्थियों से आंखों के टेस्ट का सर्टिफिकेट मांगा गया। इसके लिए अभी सरकारी अस्पतालों में जाकर अपना टेस्ट कराने के लिए गए। लेकिन सुबह से शाम हो गई उनका आंखों का टेस्ट नहीं हो पाया। दरअसल ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अभ्यर्थियों को दौरान पास करने के बाद एक फॉर्म दिया गया था सारा में लिखा था किसी भी सरकारी अस्पताल से इसका आई टेस्ट प्रमाणित कर वाले इसके लिए सुबह से ही अभ्यर्थियों ने राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में जा करके पूरे तौर तरीके से फॉर्म कब भर के टेस्ट के लिए आगे बढ़े लेकिन सरकारी अस्पतालों में कहीं पर अभ्यर्थियों को भगा दिया गया तो कहीं पर यह तकलीफ दिया गया कि लोको पायलट अभ्यर्थियों का कोई आई टेस्ट तक नहीं होगा अभ्यर्थियों के साथ अस्पताल के सरकारी अस्पतालों किस रवैया से दिलीप अभ्यर्थियों से जब अपने बातचीत की उन्होंने सरकारी अस्पतालों में उनके साथ हुए इस प्रकरण की पूरी जानकारी थी

बाइट- अभ्यर्थी, पीड़ित
बाइट- अभ्यर्थी, पीड़ित
बाइट- अभ्यर्थी, पीड़ित
बाइट- अभ्यर्थी, पीड़ित

वी.ओ- अभ्यर्थियों की पीड़ा यह है कि आने वाले दिनों में आने वाली 16 तारीख को लोको पायलट का एग्जाम होना है जिसमें या आई टेस्ट मांगा गया है यदि आई टेस्ट नहीं होगा तो मैं 16 अप्रैल को होने वाले इस एग्जाम में शामिल तक नहीं हो पाएंगे लेकिन स्वास्थ्य विभाग के इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार नहीं उनके भविष्य अधर में लटका दिया है उस पूरे पटना पर जब हमने मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ से बातचीत करने का प्रयास किया तो उन्होंने नियमों का हवाला देकर पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया

बाइट-डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ, लखनऊ

एन्ड पीटीसी


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