लखनऊ: राजधानी में आज लोको पायलट की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. दूसरा राउंड पास करने के बाद तीसरे राउंड में अभ्यर्थियों से आंखों के टेस्ट का सर्टिफिकेट मांगा गया. इसके लिए सरकारी अस्पतालों में जाकर अपना टेस्ट कराने के लिए गए. लेकिन सुबह से शाम हो गई उनकी आंखों का टेस्ट नहीं हो पाया.
दरअसल अभ्यर्थियों को परीक्षा पास करने के बाद एक फॉर्म दिया गया था. किसी भी सरकारी अस्पताल से आई टेस्ट का प्रमाण पत्र देना होता है. इसके लिए आई टेस्ट कराने गए अभ्यर्थी सुबह से लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में पहुंच गये. अभ्यर्थियों ने नियमानुसार फॉर्म भर दिया. बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों में कहीं पर अभ्यर्थियों को भगा दिया गया तो कहीं पर यह कह दिया गया कि लोको पायलट अभ्यर्थियों का कोई आई टेस्ट नहीं किया जाएगा.
सरकारी अस्पतालों के इस रवैये से दिलीप अभ्यर्थी ने बताया कि16 अप्रैल को को लोको पायलट का एग्जाम होना है. जिसमें आई टेस्ट मांगा गया है यदि आई टेस्ट नहीं होगा तो हम 16 अप्रैल को होने वाले इस एग्जाम में शामिल तक नहीं हो पाएंगे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से उनका भविष्य अधर में लटका दिया है. इस बारे में जब हमने मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ से बातचीत करने का प्रयास किया तो उन्होंने नियमों का हवाला देकर पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया.