बलिया: जिला कारागार में विचाराधीन बंदी की अचानक तबियत बिगड़ गई. उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां देर शाम उसकी मौत हो गई. मृतक के परिजन जेल में उसे जहर देने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं प्रशासन ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई करने की बात कही है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पोस्टमार्टम जांच के लिए मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया है.
- जिला कारागार में राकेश तिवारी विचाराधीन बंदी था.
- वह दहेज के लिए पत्नी की हत्या के आरोप में 2016 से जेल में बंद था.
- जनवरी 2018 में इसी केस के सिलसिले में जिला कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस को चकमा देकर वह फरार हो गया था.
- पुलिस ने नाकाबंदी कर देर शाम ही उसे दोबारा गिरफ्तार कर लिया था.
- बुधवार दोपहर अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई, तो आनन-फानन में जेल प्रशासन ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाया.
- दिनभर इलाज के बाद शाम को राकेश ने दम तोड़ दिया.
- उसकी मौत से प्रशासन में हड़कंप मच गया और परिजनों के विरोध को देखते हुए पोस्टमार्टम के लिए विशेष मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया.
वह बिल्कुल स्वस्थ था. खाने के दौरान उसे जेल में जहर दिया गया है, इसके चलते ही उसकी मौत हुई है. जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली शक के घेरे में है.
- पुष्कर तिवारी, मृतक के पिता
पोस्टमार्टम के लिए दो डॉक्टरों का एक पैनल तैयार किया गया है. मेरी देख-रेख में यह पैनल काम करेगा. मामले की गंभीरता को देखते हुए पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी की जाएगी.
- जया सिंह, मजिस्ट्रेट