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इस भीषण गर्मी में मच्छरों के कहर से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके

इन दिनों जहां भीषण गर्मी कहर बरपा रही है. वहीं मच्छरों के आतंक ने लोगों की नींद उड़ रखी है. मच्छरों के काटने से मलेरिया एवं डेंगू के खतरे को देखते हुए डॉक्टरों ने न सिर्फ सावधानी बरतने की सलाह दी है बल्कि मच्छरों से बचने के उपाय भी बताए हैं.

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Published : May 10, 2019, 12:38 PM IST

मच्छरों से बचने के उपाय.

सहारनपुर: बढ़ती गर्मी के साथ मच्छरों ने भी अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. मच्छरों के काटने से मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा रहता है. जिला मलेरिया अधिकारी डॉ शिवांका गौड़ ने मच्छरों से बचने के उपाय बताए हैं. उनका कहना है कि घरों के आस-पास और कूलर आदि में ज्यादा दिन तक पानी इकट्ठा न होने दें. मच्छरों से बचने के लिए सबसे आसान तरीका मच्छरदानी का इस्तेमाल करना है.

मलेरिया अधिकारी डॉ. शिवांका गौड़ के अनुसार

  • मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि से बचाव एवं रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
  • आशा बहुओं एवं ग्राम प्रधानों को जिम्मेदारी दी गई है.
  • आशाओं को बाकायदा प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे घर-घर जाकर पानी से भरे बर्तन जैसे कूलर, गमले, छत आदि को खाली कराए.
  • इन्हीं बर्तनों में एंटी लार्वा प्रजनन करता है.

डॉ. शिवांका ने सावधानी बरतने के साथ बताए उपाए

  • डेंगू की रोकथाम के लिए विषेश तौर पर कूलरों में पानी भरने से पहले अच्छी तरह उसको रगडकर साफ किया जाए.
  • इससे डेंगू फैलाने वाले मच्छर एडिज का विगत वर्श का अण्डा मर जायगा. यह अण्डा एक साल तक कूलरों में जमा रहता है.
  • पानी के सम्पर्क में आने पर यह एडिज मच्छर बन जाता है जो कि डेंगू रोग फैला सकता है.
  • ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोना, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी के लिए जन-जागरण के लिए प्रचार प्रसार किया जाए.
    डॉ शिवांका गौड़ ने बताए मच्छर से बचने के उपाय.

बीमारी के लक्षण जैसे

  • बुखार,सर्दी जुकाम, खांसी, खराश, बदन दर्द, आदि दिखायी देने पर तुरन्त सरकारी अस्पताल में सम्पर्क करें.
  • एक दूसरे के मुंह की तरफ छींकने और खांसने से बचे.
  • नाक और मुंह पर कपडा/टीशु पेपर रखकर छींकने एवं खांसने की आदत डालें.
  • कपडे को डिटरजेंट से धोएं एवं धूप में सुखाये दूसरे कपडों से अलग रखें.
  • फ्लू होने की स्थिति में घर पर आराम करें तथा चिकित्सक से सम्पर्क करें.

मलेरिया व डेगू से बचाव के लिए क्या करें

  • रुके हुए पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दें. कुछ बूंद मिट्टी का तेल या डीजल उसमें डाल दें.
  • घर में कूलर, गमले, छतों पर पड़े पुराने टायर आदि में जल एकत्रित न होने दें.
  • सोते समय मच्छर दानी अथवा मच्छर भगाने की क्रीम को प्रयोग करें.
  • जहां तक सम्भव हो पूरी आस्तीन की कमीज, मोजे इत्यादि से पहने.
  • तेज बुखार होने पर चिकित्सक से सम्पर्क करें. मलेरिया का शक होने पर नजदीकी के सरकारी अस्पताल में जांच कराएं.

सहारनपुर: बढ़ती गर्मी के साथ मच्छरों ने भी अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. मच्छरों के काटने से मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा रहता है. जिला मलेरिया अधिकारी डॉ शिवांका गौड़ ने मच्छरों से बचने के उपाय बताए हैं. उनका कहना है कि घरों के आस-पास और कूलर आदि में ज्यादा दिन तक पानी इकट्ठा न होने दें. मच्छरों से बचने के लिए सबसे आसान तरीका मच्छरदानी का इस्तेमाल करना है.

मलेरिया अधिकारी डॉ. शिवांका गौड़ के अनुसार

  • मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि से बचाव एवं रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
  • आशा बहुओं एवं ग्राम प्रधानों को जिम्मेदारी दी गई है.
  • आशाओं को बाकायदा प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे घर-घर जाकर पानी से भरे बर्तन जैसे कूलर, गमले, छत आदि को खाली कराए.
  • इन्हीं बर्तनों में एंटी लार्वा प्रजनन करता है.

डॉ. शिवांका ने सावधानी बरतने के साथ बताए उपाए

  • डेंगू की रोकथाम के लिए विषेश तौर पर कूलरों में पानी भरने से पहले अच्छी तरह उसको रगडकर साफ किया जाए.
  • इससे डेंगू फैलाने वाले मच्छर एडिज का विगत वर्श का अण्डा मर जायगा. यह अण्डा एक साल तक कूलरों में जमा रहता है.
  • पानी के सम्पर्क में आने पर यह एडिज मच्छर बन जाता है जो कि डेंगू रोग फैला सकता है.
  • ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोना, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी के लिए जन-जागरण के लिए प्रचार प्रसार किया जाए.
    डॉ शिवांका गौड़ ने बताए मच्छर से बचने के उपाय.

बीमारी के लक्षण जैसे

  • बुखार,सर्दी जुकाम, खांसी, खराश, बदन दर्द, आदि दिखायी देने पर तुरन्त सरकारी अस्पताल में सम्पर्क करें.
  • एक दूसरे के मुंह की तरफ छींकने और खांसने से बचे.
  • नाक और मुंह पर कपडा/टीशु पेपर रखकर छींकने एवं खांसने की आदत डालें.
  • कपडे को डिटरजेंट से धोएं एवं धूप में सुखाये दूसरे कपडों से अलग रखें.
  • फ्लू होने की स्थिति में घर पर आराम करें तथा चिकित्सक से सम्पर्क करें.

मलेरिया व डेगू से बचाव के लिए क्या करें

  • रुके हुए पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दें. कुछ बूंद मिट्टी का तेल या डीजल उसमें डाल दें.
  • घर में कूलर, गमले, छतों पर पड़े पुराने टायर आदि में जल एकत्रित न होने दें.
  • सोते समय मच्छर दानी अथवा मच्छर भगाने की क्रीम को प्रयोग करें.
  • जहां तक सम्भव हो पूरी आस्तीन की कमीज, मोजे इत्यादि से पहने.
  • तेज बुखार होने पर चिकित्सक से सम्पर्क करें. मलेरिया का शक होने पर नजदीकी के सरकारी अस्पताल में जांच कराएं.
Intro:सहारनपुर : इन दिनों एक ओर जहां दिन में भीषण गर्मी अपना कहर बरपा रही है वहीं रात के समय मच्छरों के आतंक ने लोगो की नींद उड़ाई हुई है। मच्छरों के आतंक के चलते बच्चे तो बच्चे महिलाएं पुरुष भी परेशान होने लगे है। मच्छरो के काटने से होने वाले मलेरिया एवं डेंगू के खतरे को देखते हुए डॉक्टरों ने न सिर्फ सावधानी बरतने की सलाह दी है बल्कि मच्छरो से बचने के उपाय भी बताए है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ शिवांका गौड़ ने बताया कि घरो के आसपास और कूलर आदि में ज्यादा दिन तक पानी इकट्ठा ना होने दें। मच्छरो से बचने के लिए सबसे आसान तरीका मच्छरदानी का इस्तेमाल करना है।




Body:VO 1 - आपको बता दें कि जैसे जैसे दिन में गर्मी बढ़ रही है वैसे वैसे रात के समय मच्छर अपना कहर बरपाना शुरू कर रहे है। मच्छरों के काटने से मलेरिया और डेंगू की बीमारी का खतरा सराने लगा है। जबकि जिला मलेरिया अधिकारी मच्छरो से बचने के लिए एंटी लार्वा का छिड़काव करने के दावे कर रही है। मलेरिया अधिकारी डॉ शिवांका गौड ने बताया कि मलेरिया ,डेंगू, चिकनगुनिया आदि से बचाव एव रोकथाम के लिए लोगो को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए आशा बहुओं एवं ग्राम प्रधानों को जिम्मेदारी दी गई है। आशाओं को बाकायदा प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण कर घर-घर जाकर पानी से भरे बर्तन जैसे कूलर, गमले, छतो पर रखे पुराने टायर, फ्रिज की ट्रे आदि जिनमें एक सप्ताह से ज्यादा पानी रूका रहता है उन्हे खाली करा सके। उनके मुताबिक इन्ही बर्तनों में एंटी लार्वा प्रजनन करता है। डॉ शिवांका ने लोगो को सावधानी बरतने के साथ कुछ उपाय करने की भी सलाह दी है। डेंगू की रोकथाम हेतु विषेशतौर पर कूलरों में पानी भरने से पहले अच्छी तरह उसकों रगडकर साफ किया जाये जिससे डेंगू फैलाने वाले मच्छर एडिज का विगत वर्श का अण्डा मर जाये। यह अण्डा एक साल तक कूलरों में जमा रहता है। पानी के सम्पर्क में आने पर यह एडिज मच्छर बन जाता है। जोकि डेंगू रोग फैला सकता है। ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोना, शोचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी हेतु जन-जागरण के लिये प्रचार प्रसार, प्रधान के माध्यम से संचारी रोगों तथा वैक्टर जनित रोगों की रोकथाम हेतु ‘‘ क्या करें क्या न करें‘‘ का सधन प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

बीमारी के लक्षण जैसे

बुखार,सर्दी जुकाम, खाॅसी, खराश, बदन दर्द, आदि दिखायी देने पर तुरन्त सरकारी अस्पताल में सम्पर्क करें। एक दूसरे के मुंह की तरफ छींकने, खाॅसने से बचे,नाक मुंह पर कपडा/टीशु पेपर रखकर छींकने एवं खाॅसने की आदत डालें, कपडे को डिटरजेंट से धोयें, एवं धूप में सुखाये दूसरे कपडों से अलग रखें, फ्लू होने की स्थिति में घर पर आराम करे तथा चिकित्सक से सम्पर्क करें।

मलेरिया व डेगू से बचाव हेतु

 क्या करें -रूके हुये पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दे यदि सम्भव न हो तो कुछ बूंद मिट्टी का तेल या डीजल उसमें डाल दें। घर में कूलर, गमले, छतो पर पडे पुराने टायर, पषु-पक्षियों के पीने के पात्र एवं निश्प्रयोज्य सामग्री तथा नारियल के खोल, प्लास्टिक की कप, बोतल आदि में जल एक़ि़त्रत न होने दे। सोते समय मच्छर दानी अथव मच्छर भगाने की क्रीम को प्रयोग करे। जहाॅ तक सम्भव हो पूरी आसतीन की कमीज मोजे इत्यादि से षरीर को अधिक से अधिक हिस्से को ढक के रखे। तेज बुखार होने पर चिकित्सक से सम्पर्क करें,  मलेरिया का षक होने पर नजदीकी के सरकारी अस्पताल में जाॅच करायें । 

क्या न करे

घरों के आस-पास गन्दगी व कूडा एकत्र न होने दें। नालियों अथव गढडों में रूका हुआ पानी एकत्र न होने दें। यदि मलेरिया रोगी कोई है तो उसे बिना मच्छदानी के न रहने दें। अथवा ऐसे कमरें में रोगी की देखभाल करे जिसमें दरवाजे खिडकिया में जाली लगी हो।

बाईट - डॉ शिवांका गौड़ ( मलेरिया अधिकारी )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
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