लखनऊः सिक्खों के पांचवे गुरु शहीदों के सरताज गुरु अर्जुन देव का प्रकाश पर्व 3 मई को श्रद्धा और कोविड प्रोटोकॉल के दायरे में मनाया गया. इस अवसर पर गुरुद्वारों में कीर्तन हुए और गुरु की महिमा का बखान हुआ. कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रसारण भी हुआ.
श्री तेगबहादुर साहिब गुरुद्वारा में आयोजन
ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब यहियागंज में सिक्खों के पांचवे गुरु शहीदों के सरताज श्री गुरु अर्जुन देव का प्रकाश पर्व श्रद्धा पूर्वक मनाया गया. दीवान की शुरुआत मुख्य ग्रंथी ज्ञानी परमजीत सिंह द्वारा सुखमनी साहब का पाठ करके किया गया. उसके पश्चात हजूरी रागी भाई ने शबद-कीर्तन किया.
गुरु के जीवन पर डाला प्रकाश
गुरु महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए ज्ञानी परमजीत सिंह ने कहा कि गुरु अर्जुन देव जी का प्रकाश पंजाब के गोइंदवाल नगर जिला तरनतारन में 1563 को पिता गुरु रामदास जी और माता भानी जी के घर हुआ. गुरु अर्जुन देव जी की जिंदगी में आदर्श और योग्यता को देखते हुए गुरु रामदास जी ने उन्हें गुरता गद्दी की बख्शीश दी. गुरु अर्जुन देव जी ने अपने जीवन में मानवता के भले के लिए अनेक कार्य किए और हमेशा ही सबको भले के कार्य करने का उपदेश दिया.
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अध्यक्ष ने दी बधाई
गुरुद्वारा के अध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह ने कहा कि गुरु अर्जुन देव जी के प्रकाश पर्व पर सबको बधाई. गुरुद्वारा सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रसारण भी किया गया है.
श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा
गुरु सिंह सभा ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिन्डोला में भी गुरु अर्जुन देव का प्रकाश पर्व मनाया गया. हजूरी रागी भाई राजिन्दर सिंह ने अपनी मधुरवाणी में शबद कीर्तन गायन किया.