लखनऊ: आधुनिक युग में लोगों की बढ़ती जनसंख्या के साथ ही किताबों की संख्या में भी गुणात्मक वृद्धि हुई है. ऐसे में किताबों को सुव्यवस्थित संजोए रखने के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस से जुड़े देश-विदेश के कई एक्सपर्ट शामिल हुए. सेमिनार में पारंपरिक लाइब्रेरी को किस प्रकार से आधुनिक बनाया जाय इस विषय पर चर्चा की गई.
समय के साथ किताबों की गुणवत्ता और उनका अस्तित्व बचाए रखने के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की जरूरत बढ़ रही है. इसी को देखते हुए डिपार्टमेंट ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया. जिसमें देश विदेश के कई विश्वविद्यालयों के शिक्षक और लाइब्रेरी एंड इनफॉरमेशन साइंस से जुड़े एक्सपर्ट मौजूद रहे.
सेमिनार में पारंपरिक लाइब्रेरी को नए सिरे से प्लानिंग एवं व्यवस्था के साथ किस प्रकार से डिजिटल प्रारूप में डाला जाए इस पर चर्चा की गई. जहां सदियों पुराने किताबों को डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से लोगों के कंप्यूटर एवं फोन तक पहुंचाना सेमिनार को मुख्य उद्देश्य रहा.
सेमिनार में शामिल जापान के एक्सपर्ट ने बताया कि आज उनके देश में सभी किताबें डिजिटली मुहैया कराई जा रही है. ऐसे में अंबेडकर विश्वविद्यालय में भी जो सेंट्रल लाइब्रेरी मौजूद है अगर वह पूरी तरह से डिजिटलाइज्ड हो जाएं. तो यहां की सभी किताबें सिर्फ एक क्लिक पर लोगों तक पहुंच सकेगी.