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अब मोबाइल ऐप से होगी वाहनों के फिटनेस की जांच, जानें कैसे - उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग

उत्तर प्रदेश में सौ फीसदी वाहनों की फिटनेस जांच के लिए परिवहन विभाग ने एक मोबाइल ऐप तैयार किया है. अब जो वाहन आरटीओ के फिटनेस सेंटर तक नहीं पहुंचेंगे, उन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र नहींं जारी किया जाएगा. उन वाहनों के फिटनेस का ब्यौरा मोबाइल ऐप पर दर्ज करने के बाद ही प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.

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अब मोबाइल ऐप से होगी वाहनों के फिटनेस की जांच
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Published : Nov 1, 2020, 1:15 AM IST

लखनऊ: प्रदेश के आरटीओ कार्यालय में अब बिना वाहन के फिटनेस सेंटर पहुंचने पर वाहनों के फिटनेस का प्रमाण पत्र नहीं जारी किया जाएगा. परिवहन विभाग ने 100 फीसदी वाहनों के फिटनेस के लिए मोबाइल ऐप तैयार किया है. ऐप के चलते अब दलालों की मिलीभगत से घर में खड़े वाहनों की फिटनेस का खेल खत्म हो सकेगा. ऐसे में अब जो वाहन फिटनेस सेंटर तक नहीं पहुंच सकेंगे, उन वाहनों के फिटनेस का ब्यौरा मोबाइल ऐप पर दर्ज करने के बाद ही प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.

बता दें कि फिटनेस सेंटर पर आने वाले वाहनों की फिटनेस से पहले और बाद के ऐप पर फोटो अपलोड करनी होगी. फोटो से यह पता चलेगा कि वाहन में क्या कमियां पहले थी और उन्हें बाद में ठीक किया गया या नहीं. खास बात यह है कि ऐप में लोकेशन भी फीड की गई है. फिटनेस ग्राउंड से 500 मीटर से अधिक की दूरी पर वाहनों की फिटनेस मान्य नहीं होगी. ऐसे में यात्री वाहन हो या माल वाहन हर हाल में फिटनेस सेंटर पहुंचना जरूरी होगा.

कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
व्यवसायिक वाहनों के फिटनेस के लिए जो मोबाइल ऐप तैयार किया गया है, उसके आरआई और आरटीओ कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. अधिकारियों की मानें तो इस व्यवस्था को दीपावली के बाद शुरू कर दिया जाएगा. वहीं परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि ऐप की व्यवस्था लागू होने से वाहनों को फिटनेस सेंटर पहुंचना होगा. साथ ही फोटो अपलोड होने से वाहनों की सही तस्वीर भी सामने आ सकेगी. गलत फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

लखनऊ: प्रदेश के आरटीओ कार्यालय में अब बिना वाहन के फिटनेस सेंटर पहुंचने पर वाहनों के फिटनेस का प्रमाण पत्र नहीं जारी किया जाएगा. परिवहन विभाग ने 100 फीसदी वाहनों के फिटनेस के लिए मोबाइल ऐप तैयार किया है. ऐप के चलते अब दलालों की मिलीभगत से घर में खड़े वाहनों की फिटनेस का खेल खत्म हो सकेगा. ऐसे में अब जो वाहन फिटनेस सेंटर तक नहीं पहुंच सकेंगे, उन वाहनों के फिटनेस का ब्यौरा मोबाइल ऐप पर दर्ज करने के बाद ही प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.

बता दें कि फिटनेस सेंटर पर आने वाले वाहनों की फिटनेस से पहले और बाद के ऐप पर फोटो अपलोड करनी होगी. फोटो से यह पता चलेगा कि वाहन में क्या कमियां पहले थी और उन्हें बाद में ठीक किया गया या नहीं. खास बात यह है कि ऐप में लोकेशन भी फीड की गई है. फिटनेस ग्राउंड से 500 मीटर से अधिक की दूरी पर वाहनों की फिटनेस मान्य नहीं होगी. ऐसे में यात्री वाहन हो या माल वाहन हर हाल में फिटनेस सेंटर पहुंचना जरूरी होगा.

कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
व्यवसायिक वाहनों के फिटनेस के लिए जो मोबाइल ऐप तैयार किया गया है, उसके आरआई और आरटीओ कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. अधिकारियों की मानें तो इस व्यवस्था को दीपावली के बाद शुरू कर दिया जाएगा. वहीं परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि ऐप की व्यवस्था लागू होने से वाहनों को फिटनेस सेंटर पहुंचना होगा. साथ ही फोटो अपलोड होने से वाहनों की सही तस्वीर भी सामने आ सकेगी. गलत फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

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