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कानपुर: मंडी शुल्क हटाने के लिए व्यापारियों ने मंडी सचिव को सौंपा ज्ञापन - mandi secretary

उत्तर प्रदेश के कानपुर महानगर में शनिवार को मंडी के अंदर मंडी शुल्क को समाप्त करने के लिए आढ़तियों ने मंडी सचिव सतपाल सिंह गंगवार को ज्ञापन सौंपा. आढ़तियों का कहना है कि मंडी के भीतर कारोबार को बचाने के लिए मंडी शुल्क को समाप्त किया जाना बेहद जरूरी है.

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आढ़तियों ने मंडी सचिव सतपाल सिंह गंगवार को ज्ञापन सौंपा.
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Published : Jun 13, 2020, 7:51 PM IST

कानपुर: पांच जून को कृषक उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 लागू किया जा चुका है. इसके बाद से उत्तर प्रदेश में मंडियों के बाहर शुल्क समाप्त हो गया है. वहीं कानपुर में मंडियों के अंदर भी मंडी शुल्क समाप्त करने की मांग को लेकर आढ़तियों ने मंडी सचिव सतपाल सिंह गंगवार को ज्ञापन सौंपा.

किसानों की खुशहाली के लिए अध्यादेश लागू

पांच जून को राष्ट्रपति कोविंदनाथ ने एपीएमसी से किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए कृषक उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को लागू कर दिया. इस अध्यादेश के तहत व्यापारी अपनी पसंद की जगह पर उत्पाद बेच सकते हैं.

मंडी सचिव ने बताया कि 5 जून के अध्यादेश के मुताबिक 6 जून से मंडियों के बाहर मंडी शुल्क नहीं लगेगा, लेकिन मंडियों के अंदर शुल्क लगेगा. इस बात का विरोध करते हुए आढ़तियों ने शनिवार को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन के माध्यम से मंडी शुल्क समाप्त करने की मांग मंडी निदेशक तक पहुंचाई जाएगी.

आढ़तियों का कहना है कि मंडी के भीतर कारोबार को बचाने के लिए मंडी शुल्क को समाप्त किया जाना बेहद जरूरी है. मंडी सचिव ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह उनकी मांग मुख्यमंत्री और मंडी निदेशक तक पहुंचाएंगे. इस दौरान अजय वाजपेई, सत्य प्रकाश गुप्ता मौजूद रहे.

कानपुर: पांच जून को कृषक उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 लागू किया जा चुका है. इसके बाद से उत्तर प्रदेश में मंडियों के बाहर शुल्क समाप्त हो गया है. वहीं कानपुर में मंडियों के अंदर भी मंडी शुल्क समाप्त करने की मांग को लेकर आढ़तियों ने मंडी सचिव सतपाल सिंह गंगवार को ज्ञापन सौंपा.

किसानों की खुशहाली के लिए अध्यादेश लागू

पांच जून को राष्ट्रपति कोविंदनाथ ने एपीएमसी से किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए कृषक उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को लागू कर दिया. इस अध्यादेश के तहत व्यापारी अपनी पसंद की जगह पर उत्पाद बेच सकते हैं.

मंडी सचिव ने बताया कि 5 जून के अध्यादेश के मुताबिक 6 जून से मंडियों के बाहर मंडी शुल्क नहीं लगेगा, लेकिन मंडियों के अंदर शुल्क लगेगा. इस बात का विरोध करते हुए आढ़तियों ने शनिवार को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन के माध्यम से मंडी शुल्क समाप्त करने की मांग मंडी निदेशक तक पहुंचाई जाएगी.

आढ़तियों का कहना है कि मंडी के भीतर कारोबार को बचाने के लिए मंडी शुल्क को समाप्त किया जाना बेहद जरूरी है. मंडी सचिव ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह उनकी मांग मुख्यमंत्री और मंडी निदेशक तक पहुंचाएंगे. इस दौरान अजय वाजपेई, सत्य प्रकाश गुप्ता मौजूद रहे.

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