ETV Bharat / briefs

मुरादाबाद: शहीद ब्रज अवतार की पत्नी ने पीएम मोदी से आतंकियों की खात्मे की लगाई गुहार - air strike

मुरादाबाद में शहीद ब्रज अवतार की पत्नी ने पीएम मोदी से सभी आतंकियों के खात्मे की मांग की है. शहीद की पत्नी कमलेश कुमारी का कहना है कि वह आज भी अपने पति की शहादत को याद कर गौरवान्वित महसूस करती हैं.

martyr wife
author img

By

Published : Mar 2, 2019, 3:48 PM IST

मुरादाबाद: शहादत के वक्त देश के इन सपूतों को हर कोई याद करता है, लेकिन बीतते वक्त के साथ यह सब भी इतिहास के पन्नों का हिस्सा बन जाते हैं. 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में शहीद एक वीर सैनिक की विधवा पत्नी ने आज भी पति की यादों को अपने सीने में संजों कर रखा है. पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को सही बताने वाली इस वीरांगना ने मोदी से आखिरी वार करने की भी अपील की है.

आप बीती बताती शहीद की पत्नी.


कमलेश कुमारी के पति ब्रज अवतार भारतीय सेना में हवलदार थे और शादी के दो साल बाद चीन के साथ हुए युद्ध में शहीद हो गए थे. कमलेश उस वक्त आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहीं थीं. पति की शहादत की खबर परिजनों को एक साल बाद मिली. शहादत का शोक मनाने के बजाय उन्होंने खुद अपने पैरों पर खड़ा होने का निश्चय किया और अपनी पढ़ाई पूरी कर शिक्षक की नौकरी प्राप्त की. आज भी उन संघर्ष के उन दिनों को याद कर कमलेश की आंखें नम हो जाती हैं, लेकिन वह आज भी उनकी शहादत को याद कर गौरवान्वित महसूस करती हैं.

undefined

कमलेश ने बताया कि उनके लिए सब कुछ इतना आसान नहीं था. परिजन, रिश्तेदार, समाज की परवाह किये बिना कमलेश अपने पति की यादों को सहेजकर आगे बढ़ीं. पति की शहादत के बाद कमलेश ने अपनी बहन के बेटे को गोद लिया और उसके सहारे अपने जीवन को आगे बढ़ाया. पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कमलेश खुश तो हैं, लेकिन उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री मोदी आतंकवाद की जड़ों को जड़ से उखाड़ फेंकें. शहीद की पत्नी सवाल उठाती हैं कि आखिर कब तक पत्नियों के सुहाग उजड़ते रहेंगे.

मुरादाबाद: शहादत के वक्त देश के इन सपूतों को हर कोई याद करता है, लेकिन बीतते वक्त के साथ यह सब भी इतिहास के पन्नों का हिस्सा बन जाते हैं. 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में शहीद एक वीर सैनिक की विधवा पत्नी ने आज भी पति की यादों को अपने सीने में संजों कर रखा है. पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को सही बताने वाली इस वीरांगना ने मोदी से आखिरी वार करने की भी अपील की है.

आप बीती बताती शहीद की पत्नी.


कमलेश कुमारी के पति ब्रज अवतार भारतीय सेना में हवलदार थे और शादी के दो साल बाद चीन के साथ हुए युद्ध में शहीद हो गए थे. कमलेश उस वक्त आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहीं थीं. पति की शहादत की खबर परिजनों को एक साल बाद मिली. शहादत का शोक मनाने के बजाय उन्होंने खुद अपने पैरों पर खड़ा होने का निश्चय किया और अपनी पढ़ाई पूरी कर शिक्षक की नौकरी प्राप्त की. आज भी उन संघर्ष के उन दिनों को याद कर कमलेश की आंखें नम हो जाती हैं, लेकिन वह आज भी उनकी शहादत को याद कर गौरवान्वित महसूस करती हैं.

undefined

कमलेश ने बताया कि उनके लिए सब कुछ इतना आसान नहीं था. परिजन, रिश्तेदार, समाज की परवाह किये बिना कमलेश अपने पति की यादों को सहेजकर आगे बढ़ीं. पति की शहादत के बाद कमलेश ने अपनी बहन के बेटे को गोद लिया और उसके सहारे अपने जीवन को आगे बढ़ाया. पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कमलेश खुश तो हैं, लेकिन उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री मोदी आतंकवाद की जड़ों को जड़ से उखाड़ फेंकें. शहीद की पत्नी सवाल उठाती हैं कि आखिर कब तक पत्नियों के सुहाग उजड़ते रहेंगे.

Intro:एंकर: मुरादाबाद: सीमा की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों को लेकर देश गौरवान्वित महसूस करता है. शहादत के वक्त देश के इन सपूतों को हर कोई याद करता है लेकिन बीतते वक्त के साथ यह सभी भी इतिहास के पन्नों का हिस्सा बन जाते है. 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में शहीद एक वीर सैनिक की विधवा पत्नी ने आज भी पति की यादों को अपने सीने में संजों कर रखा है. पति की शहादत के बाद अपनी पढ़ाई पूरी कर शिक्षा विभाग में नौकरी और फिर बहन के बेटे को गोद लेकर उसने अपने शहीद पति को ऐसी सलामी दी है जिसे देख हर कोई नमन कर जाता है. पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को सही बताने वाली यह वीरांगना मोदी से आखिरी वार करने की भी अपील कर रहीं है.


Body:वीओ वन: देश हर उस शहीद का कर्जदार है जिसने सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपने प्राण गंवाने में जरा भी गुरेज नहीं किया. मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र में रहने वाली 72 वर्षीय कमलेश कुमारी का जीवन अनुकरणीय है उन सभी लोगों के लिए जिन्होंने शहादत को जीवन भर याद रखने के लिए अपने सपनों को तिलांजलि दे दी. कमलेश कुमारी आज भी अपने पति की शहादत को याद कर गर्व महसूस करती है. कमलेश कुमारी के पति ब्रज अवतार भारतीय सेना में हवलदार थे और शादी के दो साल बाद चीन के साथ हुए युद्ध में शहीद हुए थे. कमलेश उस वक्त आठवी कक्षा में पढ़ाई कर रहीं थी. पति की शहादत की खबर परिजनों को एक साल बाद मिली. शहादत का शौक मनाने के बजाय कमलेश ने खुद अपने पैरों पर खड़ा होने का निश्चय किया और अपनी पढ़ाई पूरी कर शिक्षक की नौकरी प्राप्त की. आज भी उन संघर्ष के उन दिनों को याद कर कमलेश की आंखे नम हो जाती है.
बाइट: कमलेश कुमारी: शहीद की पत्नी
वीओ टू: भीगी आंखों के साथ अपने संघर्ष को बयां करती कमलेश के लिए सब कुछ इतना आसान नहीं था. परिजन,रिश्तेदार,समाज की परवाह किये बिना कमलेश अपने पति की यादों को सहेज कर आगे बढ़ती रहीं.पति की शहादत के कमलेश ने अपनी बहन के बेटे को गोद लिया और उसके सहारे अपने जीवन को आगे बढ़ाया. आज गोद लिए बेटे की पत्नी और चार बच्चों के साथ रह रहीं कमलेश भगवान का शुक्रिया अदा करना नहीं भूलती. पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कमलेश खुश तो है लेकिन उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री मोदी आतंकवाद की जड़ों को जड़ से उखाड़ फेंके. शहीद की पत्नी सवाल उठाती है कि आखिर कब तक पत्नियों के सुहाग उजड़ता रहेगा.
बाइट: कमलेश कुमारी
वीओ तीन: 72 साल की उम्र में भी कमलेश को आज भी वो दिन याद है जब उसके पति का सामान लेकर फ़ौज के अधिकारी आये थे और उन्होंने पति ब्रज अवतार की शहादत की सूचना दी. कमलेश चाहती तो शहीद पति की यादों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाती लेकिन वह अपने पति की शहादत के सहारे जीना चाहती है. भारत सरकार द्वारा शहीद कोटे से मिले गैस एजेंसी को उनका गोद लिया बेटा चला रहा है. पुलवामा हमले पर सभी परिजन चाहते है कि सरकार बड़ा फैसला लेकर आतंकियों को समाप्त करें.
बाइट: अनुज: बेटा


Conclusion:वीओ चार: शहीदों की शहादत पर देश में गम और गुस्से का माहौल होता है लेकिन कुछ दिन इस शहादत को याद कर जीवन फिर आगे बढ़ जाता है. कमलेश कुमारी ने अपने पति की यादों को संजोकर जो खजाना अपने लिए जुटाया है उसकी बराबरी आम इंसान शायद ही कभी कर पाए. ऐसे मौके पर जब देश पुलवामा के शहीदों को याद कर अपनी श्रद्धांजलि दी रहा है एक सलाम इस शहीद की पत्नी को भी बनता है जिसके लिए शहादत के मायने अपने सपनों से कहीं ज्यादा रहें है.
भुवन चन्द्र
ईटीवी भारत
मुरादाबाद
9634544417
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.