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चित्रकूट में भूख ने ली एक दर्जन से अधिक गोवंशों की जान - hunger- govans-has-given-death-dozen-in-chitrakoot

चित्रकूट में चल रहे अस्थायी गोशाला में एक दर्जन से अधिक गोवंशों की मौत की खबर आने से हड़कंप मच गया है. वैसे ग्रामीणों की माने तो गोवंश की मौत का सिलसिला कई दिन से चल रहा है, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है.

चित्रकूट में भूख ने ली एक दर्जन से अधिक गोवंशों की जान
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Published : Mar 24, 2019, 12:25 AM IST

चित्रकूट : प्रदेश सरकार पानी की तरह पैसे बहाने के बावजूद गोवंश की जान नहीं बचा पा रही है. चित्रकूट के चुरेह कशेरुवा गांव में बीते 24 घंटों में लगभग एक दर्जन से अधिक गोवंश की भूख के चलते जान चली गई है. जिला प्रशासन ने गोवंशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

चित्रकूट में भूख ने ली एक दर्जन से अधिक गोवंशों की जान.
चित्रकूट के विकास खण्ड मानिकपुर की पंचायत चुरेह कशेरुवा में अस्थायी गोशाला बनी हुई है. जिला प्रशासन ने गोवंश के रहने और खाने की व्यवस्था ग्राम पंचायत के जिम्मे कर रखी है, लेकिन पिछले 24 घंटे में हुई एक दर्जन गोवंशों की मौतों ने प्रशासन की व्यवस्था की सारी पोल खोल कर रख दी है. ग्राम पंचायत ने गोवंशों को खुले बाड़े में बन्द करके रखा था, लेकिन उनके खाने और पीने की व्यवस्था करना ही भूल गई. नतीजा यह निकला कि लगभग एक दर्जन गोवंशों को अपनी जान गंवानी पड़ी.

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चित्रकूट में भूख ने ली एक दर्जन से अधिक गोवंशों की जान.

लगभग तीन महीने से बन्द गोवंशों की मौतों में हो रहे दिन-प्रतिदिन इजाफे ने कहीं न कहीं प्रशासन की बड़ी चूक को सामने ला दिया है. इसी लापरवाही के चलते पिछले एक महीने में लगभग सैकड़ों गोवंशों ने अपनी जान गवां दी है. ग्रामीणों के आक्रोश के चलते जिला प्रशासन ने आनन-फानन में रातों-रात गोवंशों का पोस्टमार्टम करवाकर खानापूर्ति कर ली है.

डॉक्टर के अनुसार गोवंशों के पेट से निकले प्लास्टिक और पॉलिथीन ने जांच प्रक्रिया को और भी पेचीदा कर दिया है कि आखिर तीन महीने से बाड़े में बंद जानवरों के खाने में पॉलिथीन कहां से आई है. 48 डिग्री में रहने वाले पाठा के जानवरों को हीट स्ट्रोक 18 डिग्री में कैसे लगा, जिसके चलते गोवंशों ने अपनी जान गंवा दी है.

ग्रामीण तो यहां तक कहते हैं कि अभी तक करीब एक दर्जन गोवंश की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. लोगों का कहना है कि ऐसी गोशाला में जानवरों को भेज कर प्रशासन ने सिर्फ खानापूर्ति की है.

चित्रकूट : प्रदेश सरकार पानी की तरह पैसे बहाने के बावजूद गोवंश की जान नहीं बचा पा रही है. चित्रकूट के चुरेह कशेरुवा गांव में बीते 24 घंटों में लगभग एक दर्जन से अधिक गोवंश की भूख के चलते जान चली गई है. जिला प्रशासन ने गोवंशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

चित्रकूट में भूख ने ली एक दर्जन से अधिक गोवंशों की जान.
चित्रकूट के विकास खण्ड मानिकपुर की पंचायत चुरेह कशेरुवा में अस्थायी गोशाला बनी हुई है. जिला प्रशासन ने गोवंश के रहने और खाने की व्यवस्था ग्राम पंचायत के जिम्मे कर रखी है, लेकिन पिछले 24 घंटे में हुई एक दर्जन गोवंशों की मौतों ने प्रशासन की व्यवस्था की सारी पोल खोल कर रख दी है. ग्राम पंचायत ने गोवंशों को खुले बाड़े में बन्द करके रखा था, लेकिन उनके खाने और पीने की व्यवस्था करना ही भूल गई. नतीजा यह निकला कि लगभग एक दर्जन गोवंशों को अपनी जान गंवानी पड़ी.

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चित्रकूट में भूख ने ली एक दर्जन से अधिक गोवंशों की जान.

लगभग तीन महीने से बन्द गोवंशों की मौतों में हो रहे दिन-प्रतिदिन इजाफे ने कहीं न कहीं प्रशासन की बड़ी चूक को सामने ला दिया है. इसी लापरवाही के चलते पिछले एक महीने में लगभग सैकड़ों गोवंशों ने अपनी जान गवां दी है. ग्रामीणों के आक्रोश के चलते जिला प्रशासन ने आनन-फानन में रातों-रात गोवंशों का पोस्टमार्टम करवाकर खानापूर्ति कर ली है.

डॉक्टर के अनुसार गोवंशों के पेट से निकले प्लास्टिक और पॉलिथीन ने जांच प्रक्रिया को और भी पेचीदा कर दिया है कि आखिर तीन महीने से बाड़े में बंद जानवरों के खाने में पॉलिथीन कहां से आई है. 48 डिग्री में रहने वाले पाठा के जानवरों को हीट स्ट्रोक 18 डिग्री में कैसे लगा, जिसके चलते गोवंशों ने अपनी जान गंवा दी है.

ग्रामीण तो यहां तक कहते हैं कि अभी तक करीब एक दर्जन गोवंश की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. लोगों का कहना है कि ऐसी गोशाला में जानवरों को भेज कर प्रशासन ने सिर्फ खानापूर्ति की है.

Intro:एंकर- प्रदेश सरकार पानी की तरह पैसे बहाने के बावजूद गौवंश की जान नही बचा पा रही है ताजा मामला चित्रकूट के चुरेह कशेरुका गांव का है यहां बीते 24 घंटो में लगभग एक दर्जन गोवंश ने भूख के चलते अपनी जान गवा दी है आम ग्रामीणों की नाराजगी के चलते वही नींद में सोया जिला प्रशासन ने गौवंशो का पोस्टमार्टम के नाम पर रातोरात गौवंशो को ठिकाने लगा दिया है पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी कही न कही संदेह के घेरे में है


Body:वीओ-चित्रकूट का विकास खण्ड मानिकपुर की पंचायत चुरेह कशेरुवा में बने अस्थाई गौशाला में अन्ना गौवंश के रहने और खाने की व्यवस्था जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायत की जुम्मेदारी में कर रखी थी पर बीते 24 घंटे में हुई एक दर्जन गौवंशो की मौतों ने प्रशासन की व्यवस्था की सारी पोले खोल कर रख दी है गौ वंशो को ग्रामपंचायत ने खुले बाड़े में तो बन्द कर दिया पर उनके खाने और पीने की व्यवस्था करना ही भूल गई नतीजा लगभग एक दर्जन गौवंशो को अपनी जान गवानी पड़ी लगभग तीन महीने से बन्द गौवंशो की मौतों में रोज इजाफा इस ओर इशारा करता है कि कही न कही प्रशासन की बड़ी चूक के चलते पिछले एक महीने में लगभग एक सैकड़ा गौवंशो ने अपनी जान गवाई है वही ग्रामीणों के आक्रोश के चलते जिला प्रशासन ने आनन-फानन में रातो रात गौवंशो का पोस्टमार्टम करवा कर खानापूर्ति तो कर दी पर डॉक्टर के अनुसार गौवंशो के पेट से निकले प्लास्टिक और पालीथीन ने जांच प्रक्रिया को और भी पेचीदा कर दिया है कि आखीर तीन महीने से बाड़े में बंद जानवरो के खाने में पालीथीन कहाँ से आई और48डिग्री में रहने वाले पाठा के जानवरों को हिट स्ट्रोक 18 डिग्री में कैसे लगा जिसके चलते गौवंशो ने अपनी जान गवा दी


Conclusion:बाइट-कुल्ली (गौवंश बाड़े का चौकीदार)
बाइट- संजय सिंह(पशु चिकित्सक चित्रकूट)
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