चित्रकूट : प्रदेश सरकार पानी की तरह पैसे बहाने के बावजूद गोवंश की जान नहीं बचा पा रही है. चित्रकूट के चुरेह कशेरुवा गांव में बीते 24 घंटों में लगभग एक दर्जन से अधिक गोवंश की भूख के चलते जान चली गई है. जिला प्रशासन ने गोवंशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
लगभग तीन महीने से बन्द गोवंशों की मौतों में हो रहे दिन-प्रतिदिन इजाफे ने कहीं न कहीं प्रशासन की बड़ी चूक को सामने ला दिया है. इसी लापरवाही के चलते पिछले एक महीने में लगभग सैकड़ों गोवंशों ने अपनी जान गवां दी है. ग्रामीणों के आक्रोश के चलते जिला प्रशासन ने आनन-फानन में रातों-रात गोवंशों का पोस्टमार्टम करवाकर खानापूर्ति कर ली है.
डॉक्टर के अनुसार गोवंशों के पेट से निकले प्लास्टिक और पॉलिथीन ने जांच प्रक्रिया को और भी पेचीदा कर दिया है कि आखिर तीन महीने से बाड़े में बंद जानवरों के खाने में पॉलिथीन कहां से आई है. 48 डिग्री में रहने वाले पाठा के जानवरों को हीट स्ट्रोक 18 डिग्री में कैसे लगा, जिसके चलते गोवंशों ने अपनी जान गंवा दी है.
ग्रामीण तो यहां तक कहते हैं कि अभी तक करीब एक दर्जन गोवंश की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. लोगों का कहना है कि ऐसी गोशाला में जानवरों को भेज कर प्रशासन ने सिर्फ खानापूर्ति की है.