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छोटे भूखंडों को नीलामी से बेचेगा आवास विकास, बिल्डर और प्रापर्टी डीलरों को होगा फायदा - उत्तर प्रदेश समाचार

आवास एवं विकास परिषद अपनी शहीद पथ स्थित अवध बिहार योजना में बड़े भूखंड लॉटरी और पंजीकरण से बेच रहा है. इससे कुछ कदम की दूरी पर स्थित वृंदावन योजना में भी छोटे भूखंड को नीलामी से बेचने की तैयारी है.

उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद.
उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद.
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Published : Oct 6, 2020, 4:46 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद अपनी वृंदावन योजना में छोटे भूखंडों की नीलामी कराएगा. इस वजह से गरीबों और मध्यम वर्ग को छोटे भूखंड मिलना मुश्किल हो जाएगा. प्रॉपर्टी डीलर और इन्वेस्टर्स इन्हें महंगी कीमतों पर बड़ी बोली लगाकर खरीद लेंगे. बड़े भूखंडों को नीलामी की बजाय पंजीकरण के लिए खोला गया है. परिषद की इस दोहरी प्रणाली के पीछे बिल्डरों को फायदा होना तय है.

आवास एवं विकास परिषद अपनी शहीद पथ स्थित अवध बिहार योजना में बड़े भूखंड लॉटरी और पंजीकरण से बेच रहा है. इससे कुछ कदम की दूरी पर स्थित वृंदावन योजना में छोटे भूखंड को नीलामी से बेचने की तैयारी है. परिषद ने अवध विहार योजना में 1 से 30 सितंबर के बीच 121.89 वर्ग मीटर के 83 बड़े भूखंडों के लिए पंजीकरण खोला है. इन भूखंडों को 33,000 रुपये वर्ग मीटर में बेचा जा रहा है. इन्हें लॉटरी से आवंटित किया जाएगा. इसके लिए निर्धारित कीमत से एक रुपए ज्यादा नहीं देना होगा. दूसरी तरफ वृंदावन योजना में 74 छोटे भूखंडों को बेचने के लिए नीलामी की जाएगी. यह भूखण्ड 40 से 80 वर्ग मीटर के हैं. इन्हें गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए सृजित किया गया है. जल्द ही नीलामी के लिए विज्ञापन जारी हो जाएगा.

बता दें कि वृंदावन में आवास विकास ने 33 से लेकर 35 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर प्लॉट की नीलामी की दर तय की है. आवास विकास की योजनाओं में भूखंड मिलने की योजना काफी समय बाद आ रही है. लोगों को उम्मीद थी कि शहर में उनका अपना आशियाना हो सकेगा लेकिन परिषद की दोहरी प्रणाली ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. इसके बाद छोटे भूखंडों के लिए कोई योजना आवास विकास के पास नहीं रहेगी. इस संबंध में अपर आवास आयुक्त दीपा रंजन का कहना है कि अवध बिहार योजना में भूखण्ड के लिए पहली बार पंजीकरण खोले गए हैं. इसीलिए लाटरी से आवंटित करने का निर्णय लिया गया है. वहीं वृंदावन योजना पुरानी है. कुछ भूखण्ड रह गए थे, जिन्हें नीलामी से बेचने के लिए खोला जाएगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद अपनी वृंदावन योजना में छोटे भूखंडों की नीलामी कराएगा. इस वजह से गरीबों और मध्यम वर्ग को छोटे भूखंड मिलना मुश्किल हो जाएगा. प्रॉपर्टी डीलर और इन्वेस्टर्स इन्हें महंगी कीमतों पर बड़ी बोली लगाकर खरीद लेंगे. बड़े भूखंडों को नीलामी की बजाय पंजीकरण के लिए खोला गया है. परिषद की इस दोहरी प्रणाली के पीछे बिल्डरों को फायदा होना तय है.

आवास एवं विकास परिषद अपनी शहीद पथ स्थित अवध बिहार योजना में बड़े भूखंड लॉटरी और पंजीकरण से बेच रहा है. इससे कुछ कदम की दूरी पर स्थित वृंदावन योजना में छोटे भूखंड को नीलामी से बेचने की तैयारी है. परिषद ने अवध विहार योजना में 1 से 30 सितंबर के बीच 121.89 वर्ग मीटर के 83 बड़े भूखंडों के लिए पंजीकरण खोला है. इन भूखंडों को 33,000 रुपये वर्ग मीटर में बेचा जा रहा है. इन्हें लॉटरी से आवंटित किया जाएगा. इसके लिए निर्धारित कीमत से एक रुपए ज्यादा नहीं देना होगा. दूसरी तरफ वृंदावन योजना में 74 छोटे भूखंडों को बेचने के लिए नीलामी की जाएगी. यह भूखण्ड 40 से 80 वर्ग मीटर के हैं. इन्हें गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए सृजित किया गया है. जल्द ही नीलामी के लिए विज्ञापन जारी हो जाएगा.

बता दें कि वृंदावन में आवास विकास ने 33 से लेकर 35 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर प्लॉट की नीलामी की दर तय की है. आवास विकास की योजनाओं में भूखंड मिलने की योजना काफी समय बाद आ रही है. लोगों को उम्मीद थी कि शहर में उनका अपना आशियाना हो सकेगा लेकिन परिषद की दोहरी प्रणाली ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. इसके बाद छोटे भूखंडों के लिए कोई योजना आवास विकास के पास नहीं रहेगी. इस संबंध में अपर आवास आयुक्त दीपा रंजन का कहना है कि अवध बिहार योजना में भूखण्ड के लिए पहली बार पंजीकरण खोले गए हैं. इसीलिए लाटरी से आवंटित करने का निर्णय लिया गया है. वहीं वृंदावन योजना पुरानी है. कुछ भूखण्ड रह गए थे, जिन्हें नीलामी से बेचने के लिए खोला जाएगा.

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