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स्वास्थ्य विभाग की अनोखी पहल, हर घर पर बुखार को लेकर 'दस्तक' देंगी आशा बहुएं

बच्चों में होने वाले 'दिमागी बुखार' को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में यदि किसी भी परिवार में बच्चा बीमार है तो उन्हें स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने का काम आशा बहुएं करेंगी.

दिमागी बुखार को लेकर चलाया जा रहा है अभियान.
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Published : Jun 29, 2019, 7:44 PM IST

बाराबंकी: प्रदेश के कुछ जिलों में हर घर पर स्वास्थ्य विभाग अब ने 'दस्तक' अभियान चलाया है. इन जिलों में बाराबंकी जिला भी शामिल है. दरअसल बच्चों में होने वाले 'दिमागी बुखार' को लेकर स्वास्थय विभाग की ओर से 'दस्तक' अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में प्रत्येक आशा बहू को जिले के एक हजार की आबादी पर निरीक्षण करने को कहा गया है. यह अभियान विशेषकर बच्चों में होने वाले 'दिमागी बुखार' से बचने के लिए प्रिकॉशन के तौर पर है.

दिमागी बुखार को लेकर चलाया जा रहा है अभियान.

'दिमागी बुखार' को लेकर चलाया जा रहा है अभियान:

  • बच्चों में होने वाले दिमागी बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग दस्तक अभियान चला रहा है.
  • यह अभियान 1 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक चलाया जाएगा.
  • इस अभियान में आशा बहुएं घर-घर जाकर देखेंगी कि घर पर कोई बच्चा बीमार तो नहीं है.
  • किसी परिवार में बच्चा बीमार है तो उन्हें स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने का काम आशा बहुएं करेगी.
  • इस अभियान में प्रत्येक आशा बहू को एक हजार की आबादी पर निरीक्षण करने को कहा गया है.
  • निरीक्षण करने के बाद आशा बहू जिस घर पर जाएगी वहां पर स्टीकर भी लगाएगी.
  • यह अभियान बच्चों में होने वाले दिमागी बुखार से बचने के लिए प्रिकॉशन के तौर पर चलाया जा रहा है.

प्रदेश के पूर्वांचल और लखनऊ से सटे कुछ जिलों में हर साल दिमागी बुखार से बहुत बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो जाती है. इस बार सरकार का प्रयास है कि बच्चों को किसी भी प्रकार का बुखार पहले न हो इसके लिए कोशिश की जा रही है. यदि यह बुखार बच्चों को हो भी जाए तो समय पर बच्चों को इलाज मिले इससे बच्चों की जान बचाई जा सके यह सरकार की कोशिश है.

बाराबंकी: प्रदेश के कुछ जिलों में हर घर पर स्वास्थ्य विभाग अब ने 'दस्तक' अभियान चलाया है. इन जिलों में बाराबंकी जिला भी शामिल है. दरअसल बच्चों में होने वाले 'दिमागी बुखार' को लेकर स्वास्थय विभाग की ओर से 'दस्तक' अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में प्रत्येक आशा बहू को जिले के एक हजार की आबादी पर निरीक्षण करने को कहा गया है. यह अभियान विशेषकर बच्चों में होने वाले 'दिमागी बुखार' से बचने के लिए प्रिकॉशन के तौर पर है.

दिमागी बुखार को लेकर चलाया जा रहा है अभियान.

'दिमागी बुखार' को लेकर चलाया जा रहा है अभियान:

  • बच्चों में होने वाले दिमागी बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग दस्तक अभियान चला रहा है.
  • यह अभियान 1 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक चलाया जाएगा.
  • इस अभियान में आशा बहुएं घर-घर जाकर देखेंगी कि घर पर कोई बच्चा बीमार तो नहीं है.
  • किसी परिवार में बच्चा बीमार है तो उन्हें स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने का काम आशा बहुएं करेगी.
  • इस अभियान में प्रत्येक आशा बहू को एक हजार की आबादी पर निरीक्षण करने को कहा गया है.
  • निरीक्षण करने के बाद आशा बहू जिस घर पर जाएगी वहां पर स्टीकर भी लगाएगी.
  • यह अभियान बच्चों में होने वाले दिमागी बुखार से बचने के लिए प्रिकॉशन के तौर पर चलाया जा रहा है.

प्रदेश के पूर्वांचल और लखनऊ से सटे कुछ जिलों में हर साल दिमागी बुखार से बहुत बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो जाती है. इस बार सरकार का प्रयास है कि बच्चों को किसी भी प्रकार का बुखार पहले न हो इसके लिए कोशिश की जा रही है. यदि यह बुखार बच्चों को हो भी जाए तो समय पर बच्चों को इलाज मिले इससे बच्चों की जान बचाई जा सके यह सरकार की कोशिश है.

Intro: बाराबंकी, 27 जून । उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में हर घर पर स्वास्थ्य विभाग देगा " दस्तक ". बाराबंकी जिला भी उन जिलों में है शामिल. हर घर पर जाएंगी आशा बहुएं और घरवालों से पूछेंगी और देखेंगी कि उनके घर पर कोई बीमार तो नहीं है. बच्चों में होने वाले दिमागी बुखार को लेकर चलाया जा रहा है यह अभियान. सरकार नहीं रखना चाहती है कोई कसर. प्रत्येक आशा बहू को एक हजार की आबादी पर निरीक्षण करने को कहा गया है. जिस घर पर जाएंगे वहां पर स्टीकर भी लगाएंगे. यह अभियान विशेषकर बच्चों में होने वाले दिमागी बुखार से बचने के लिए प्रिकॉशन के तौर पर है.


Body: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और लखनऊ से सटे कुछ जिलों में , हर साल दिमागी बुखार से बहुत बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो जाती है. इस बार सरकार का प्रयास है कि बच्चों को किसी भी प्रकार का बुखार पहले तो ना हो इसकी कोशिश की जा रही है. लेकिन यदि हो भी जाए तो समय पर उन्हें इलाज मिले, जिससे उनकी जान बचाई जा सके यह सरकार की कोशिश है.
इसीलिए स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों को जोड़कर आशा बहुओं के माध्यम से दस्तक करने की तैयारी है.यही वजह है कि प्रत्येक आशा बहू को 1000 की आबादी पर दस्तक देने के लिए कहा गया है. यदि किसी भी परिवार में कोई भी बच्चा बीमार है तो उन्हें तत्काल स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने की अपील और व्यवस्था दोनों के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार है.
इस बार दिमागी बुखार को लेकर किसी भी प्रकार का रिस्क और कसर नहीं छोड़ना चाहती है सरकार और बाराबंकी प्रशासन.



Conclusion: समस्या से पूर्व इस प्रकार से व्यवस्थित होना वास्तव में लोगों की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार होना दर्शाता है. इस प्रकार के अभियान में नागरिक भी सहभागिता निभाएं. जिससे आने वाली समस्या दिमागी बुखार से अपने बच्चों को बचाया जा सके.


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1- डॉ. रमेश चंद्र मुख्य , चिकित्सा अधिकारी ,बाराबंकी



रिपोर्ट- आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907
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