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कैसे बिकेगा किसान का धान, चार माह बाद का मिल रहा टोकन

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Published : Oct 31, 2020, 10:27 PM IST

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में किसानों को धान बेचने में खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि उन्हें फरवरी माह का टोकन दिया जा रहा है. ऐसे में उन्हें धान बेचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

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धान बेचनेे के लिए किसानों को दिया जा रहा फरवरी माह का टोकन

सोनभद्र: जिले में पिछले 15 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो चुकी है. अभी खरीद केंद्रों पर किसानों की भीड़ नहीं दिखाई दे रही है. दरअसल सरकार की तरफ से धान बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और टोकन की व्यवस्था की गई थी. वहीं इसके बाद किसानों की समस्याओं को देखते हुए खरीद केंद्रों पर ही टोकन जारी करने की व्यवस्था की गई, फिर भी किसानों की परेशानियां खत्म नहीं होती दिख रही हैं.

राबर्ट्सगंज में खाद्य विभाग के धान क्रय केंद्र पर धान बेचने के इच्छुक किसानों को फरवरी माह का टोकन दिया जा रहा है. किसानों का कहना है कि अक्टूबर में टोकन लेने के बाद फरवरी में धान बेचने का नंबर आएगा, तो उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. वहीं दूसरी तरफ खाद्य विभाग के अधिकारी किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या न होने देने का दावा कर रहे हैं.

किसानों का कहना है कि करीब 4 माह बाद टोकन मिलने से उन्हें धान बेचने में समस्या होगी. अगर इस पर आपत्ति जताई जाती है, तो कर्मचारी उन्हें दूसरे केंद्र पर जाने की कर्मचारी देते हैं. किसान रामाशीष का कहना है कि पहले उन्होंने ऑनलाइन टोकन लिया था, जिस व्यवस्था को शासन ने खत्म कर दिया. वहीं अब क्रय केंद्र से ही मैनुअल टोकन मिलना है, इसमें भी खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

धान खरीद के लिए बनाए गए हैं 74 केंद्र
खाद्य विभाग के मंडलीय खाद्य विपणन अधिकारी केके द्विवेदी ने बताया कि धान खरीद के कुल 75 केंद्र जिले में बनाए गए हैं. नवंबर माह से केंद्रों पर धान आने की संभावना है. उन्होंने बताया कि धान बेचने के लिए टोकन व्यवस्था समाप्त कर दी गई है. किसान सीधे केंद्र पर अपना धान बेचने के लिए आ सकते हैं. वहीं फरवरी माह का टोकन दिए जाने की बात को उन्होंने इनकार कर दिया. खाद्य विपणन अधिकारी ने कहा कि किसानों को धान बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी.

सोनभद्र: जिले में पिछले 15 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो चुकी है. अभी खरीद केंद्रों पर किसानों की भीड़ नहीं दिखाई दे रही है. दरअसल सरकार की तरफ से धान बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और टोकन की व्यवस्था की गई थी. वहीं इसके बाद किसानों की समस्याओं को देखते हुए खरीद केंद्रों पर ही टोकन जारी करने की व्यवस्था की गई, फिर भी किसानों की परेशानियां खत्म नहीं होती दिख रही हैं.

राबर्ट्सगंज में खाद्य विभाग के धान क्रय केंद्र पर धान बेचने के इच्छुक किसानों को फरवरी माह का टोकन दिया जा रहा है. किसानों का कहना है कि अक्टूबर में टोकन लेने के बाद फरवरी में धान बेचने का नंबर आएगा, तो उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. वहीं दूसरी तरफ खाद्य विभाग के अधिकारी किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या न होने देने का दावा कर रहे हैं.

किसानों का कहना है कि करीब 4 माह बाद टोकन मिलने से उन्हें धान बेचने में समस्या होगी. अगर इस पर आपत्ति जताई जाती है, तो कर्मचारी उन्हें दूसरे केंद्र पर जाने की कर्मचारी देते हैं. किसान रामाशीष का कहना है कि पहले उन्होंने ऑनलाइन टोकन लिया था, जिस व्यवस्था को शासन ने खत्म कर दिया. वहीं अब क्रय केंद्र से ही मैनुअल टोकन मिलना है, इसमें भी खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

धान खरीद के लिए बनाए गए हैं 74 केंद्र
खाद्य विभाग के मंडलीय खाद्य विपणन अधिकारी केके द्विवेदी ने बताया कि धान खरीद के कुल 75 केंद्र जिले में बनाए गए हैं. नवंबर माह से केंद्रों पर धान आने की संभावना है. उन्होंने बताया कि धान बेचने के लिए टोकन व्यवस्था समाप्त कर दी गई है. किसान सीधे केंद्र पर अपना धान बेचने के लिए आ सकते हैं. वहीं फरवरी माह का टोकन दिए जाने की बात को उन्होंने इनकार कर दिया. खाद्य विपणन अधिकारी ने कहा कि किसानों को धान बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी.

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