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आगरा: बेटी के इलाज के लिए अब नहीं बचे पैसे, परिवार ने सरकार से की इच्छा मृत्यु की मांग - ayushman yogna

जिले के एक परिवार ने बेटी की बीमारी का इलाज करा के थक जाने के बाद सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग की है. किशोरी एक गंभीर बीमारी से पीड़ित है, जिसमें उसका बोन मैरो ट्रांसप्लांट नहीं हो पा रहा है.

पिता ने सरकार से की इच्छामृत्यु की मांग.
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Published : Jun 24, 2019, 8:43 AM IST

आगरा: आर्थिक तंगहाली और बेटी की बीमारी के उपचार में मकान बिक जाने से आहत परिवार ने सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग की है. मामला जिले के जलेसर रोड पुरा लोधी का है. जहां एक मजदूर के पास रुपये नहीं होने के कारण वह अपनी बेटी का बोन मैरो ट्रांसप्लांट नहीं करवा पा रहा है. इसलिए किशोरी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है.

पिता ने सरकार से की इच्छामृत्यु की मांग.

पिता ने परिवार सहित की इच्छामृत्यु की मांग

  • जिले के जलेसर रोड पुरा लोधी इलाके का निवासी सुमेर सिंह मजदूरी करता है, और इससे ही परिवार का गुजर बसर हो रहा है.
  • पिछले दो साल से सुमेर अपनी 16 साल की बेटी ललिता का इलाज करा के थक चुका है.
  • ललिता को एप्लास्टिक अनीमिया नाम की गंभीर बीमारी है. जिसमे शरीर मे खून बनना बंद हो जाता है .
  • इस बीमारी में पीड़ित को जिंदा रखने के लिए हफ्ते में एक बार खून चढ़ाया जाता है.
  • इसी के चलते सुमेर सिंह अब तक लाखों रुपए बेटी के इलाज में खर्च कर चुके हैं.
  • पीड़ित पिता ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा जिसके बाद प्रधानमंत्री राहत कोष से 3 लाख रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की गई.
  • यह राशि जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रांसफर भी कर दी गई, लेकिन पीड़ित बेटी को राहत नहीं मिली.
  • आयुष्मान योजना केंद्र पहुंचने के बाद लिस्ट में नाम न होने से इलाज के लिये कार्ड नहीं बना और न ही इलाज मिल सका.
  • हर तरफ से निराश पिता ने सरकार से बेटी के लिए इलाज या फिर परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग की है.

अगर परिवार हमसे मुलाकात करता है तो हम हर सम्भव मदद करने के लिए तैयार हैं. जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री राहत कोष तक से इलाज कराया जा सकता है. बेटी के लिए खून की कमी भी नहीं होने दी जाएगी.

- मुकेश कुमार वत्स, मुख्य चिकित्साधिकारी

आगरा: आर्थिक तंगहाली और बेटी की बीमारी के उपचार में मकान बिक जाने से आहत परिवार ने सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग की है. मामला जिले के जलेसर रोड पुरा लोधी का है. जहां एक मजदूर के पास रुपये नहीं होने के कारण वह अपनी बेटी का बोन मैरो ट्रांसप्लांट नहीं करवा पा रहा है. इसलिए किशोरी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है.

पिता ने सरकार से की इच्छामृत्यु की मांग.

पिता ने परिवार सहित की इच्छामृत्यु की मांग

  • जिले के जलेसर रोड पुरा लोधी इलाके का निवासी सुमेर सिंह मजदूरी करता है, और इससे ही परिवार का गुजर बसर हो रहा है.
  • पिछले दो साल से सुमेर अपनी 16 साल की बेटी ललिता का इलाज करा के थक चुका है.
  • ललिता को एप्लास्टिक अनीमिया नाम की गंभीर बीमारी है. जिसमे शरीर मे खून बनना बंद हो जाता है .
  • इस बीमारी में पीड़ित को जिंदा रखने के लिए हफ्ते में एक बार खून चढ़ाया जाता है.
  • इसी के चलते सुमेर सिंह अब तक लाखों रुपए बेटी के इलाज में खर्च कर चुके हैं.
  • पीड़ित पिता ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा जिसके बाद प्रधानमंत्री राहत कोष से 3 लाख रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की गई.
  • यह राशि जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रांसफर भी कर दी गई, लेकिन पीड़ित बेटी को राहत नहीं मिली.
  • आयुष्मान योजना केंद्र पहुंचने के बाद लिस्ट में नाम न होने से इलाज के लिये कार्ड नहीं बना और न ही इलाज मिल सका.
  • हर तरफ से निराश पिता ने सरकार से बेटी के लिए इलाज या फिर परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग की है.

अगर परिवार हमसे मुलाकात करता है तो हम हर सम्भव मदद करने के लिए तैयार हैं. जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री राहत कोष तक से इलाज कराया जा सकता है. बेटी के लिए खून की कमी भी नहीं होने दी जाएगी.

- मुकेश कुमार वत्स, मुख्य चिकित्साधिकारी

Intro:आगरा.
आर्थिक तंगहाली और बेटी की बीमारी के उपचार में मकान बिक जाने पर आहत परिवार ने सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग की है. रुपए नहीं होने से किशोरी का बोन मैरो ट्रांसप्लांट नहीं हो पा रहा है. इसलिए किशोरी जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है. बीमार बेटी के इलाज के चलते पिता कर्जदार हो गया और बेटी को चारपाई पर तड़पता देखता है तो गरीबी के चलते कुछ कर नहीं पा रहा है. इसलिए बीमार किशोरी और उसके पिता ने परिवार सहित योगी सरकार से इच्छामृत्यु की मांग की है. Body:मामला जलेसर रोड पुरा लोधी का है सुमेर सिंह मजदूरी करता है। इससे ही परिवार परिवार की गुजर बसर कर रहा है. पिछले दो साल से सुमेर अपनी 16 साल की बेटी ललिता का इलाज करा करा कर थक गया है. ललिता को एप्लास्टिक अनीमिया नाम की गंभीर बीमारी है. जिसमे शरीर मे खून बनना बंद हो जाता है और पीड़ित को जिंदा रखने के लिए हफ्ते में एक बार खून चढ़ाया जाता है. इसी के चलते सुमेर सिंह अब तक लाखो रुपए बेटी के इलाज में खर्च करा चुके है.और आगरा में फाउंड्री नगर के गोकुल नगर में अपने रिश्तेदार के यहाँ रकेह रहे है.बेटी को तड़पता देखकर और कोई राहत न मिलने पर सुमेर सिंह के एक परिचित उन्हें अलीगढ के सांसद राजवीर सिंह के पास लेकर पहुंचे जहां से उनकी मदद के रूप में जो मदद मिल सकती थी. वो तो मिली लेकिन उससे भी राहत नही मिली. जिसके बाद पीड़ित पिता ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा जिसके बाद प्रधानमंत्री राहत कोष से 3 लाख रुपए की सहायता राशि स्वीकृत की गई और जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल को पैसा भी ट्रांसफर कर दिया गया लेकिन पीड़ित बेटी को राहत नही मिली.

पीड़ित पिता सुमेर सिंह ने बताया कि बीमार बेटी के उपचार के लिए एसएमएस हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने 10 लाख का खर्चा बताया. डॉक्टरों का कहना था कि बॉर्नमेरो बदलना पड़ेगा तब जाकर बेटी की जान बच सकेगी. डॉक्टरों ने पीड़ित पिता से 7 लाख और लाने के बाद ही इलाज करने के लिए बोला.पीड़ित का कहना है कि कई बार हॉस्पिटल जाने के बाद भी कोई मदद नही मिली. जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में राहत कोष से आये 3 लाख रुपए पिछले साल सितंबर 2018 में ट्रांसफर हुए थे, लेकिन इलाज आज तक नहीं मिल पाया है.

आयुष्मान योजना भी इस परिवार का सहारा नहीं
सुमेर सिंह आयुष्मान योजना केंद्र पहुंचे, तो वहाँ भी निराश ही हाथ लगी. लिस्ट में नाम न होने से कार्ड नहीं बन सका और न ही इलाज मिल सका.हर तरफ से निराश हो चुके पिता और उनकी बीमार बेटी योगी सरकार से मदद की उम्मीद लागये बैठे है. पिता ने जहां सरकार से बेटी के लिए इलाज या परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग की है. तो बेटी भी पिता की हालत देख भगवान से अपने लिए मौत मांग रही है.
इस पूरे मामले पर जब मुख्य चिकित्साधिकारी मुकेश कुमार वत्स से बात की गई तो उनका कहना था कि अगर परिवार उनसे मुलाकात करता है तो वो हर सम्भव मदद करने के लिए तैयार है।जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री राहत कोष तक से इलाज कराया जा सकता है. बेटी के लिए खून की कमी भी नहीं होने दी जाएगी.Conclusion:एप्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित बेटी के उपचार के लिए पिता ने मकान बेच दिया. परिवार कियारे के मकान में रह रहा है. पीड़ित बेटी के उपचार के लिए 10 लाख रुपए की जरूरत है, क्योंकि किशोरी का बोनमैरो ट्रांसप्लांट होना है. रुपए नहीं होने से परिवार घर में चारपाई पर लेटी तिल तिल मर रही बेटी को देख कर सरकार से इच्छामृत्यु की गुहार लगा रहा है. बेटी भी बीमारी के आहत है और वह भी परिवार की खुशी के लिए इच्छा मृत्यु की मांग कर रही है.

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सभी की बाइट नाम से भेजी हैं.

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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