अलीगढ़ : अलीगढ़ में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टर संदीप पांडेय ने गंगा को बचाने के लिए अनशन पर बैठे साधुओं का मामला उठाया है. इस दिशा में संदीप पांडेय गंगा के अविरल प्रवाह की मांग को लेकर दिल्ली से हरिद्वार तक पद यात्रा निकाल रहे हैं.
- संदीप पांडेय ने कहा कि स्वामी सानंद की मौत के बाद केरल के ब्रह्मचारी आत्म बोधानंद गंगा के अविरल व निर्मल बहाव की मांग को लेकर 172 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं.
- स्वामी सानंद चाहते थे कि गंगा अविरल निर्मल बहे और गंगा के संरक्षण के लिए कानून भी बने.
- इसका मसौदा स्वामी सानंद ने तैयार किया था, लेकिन इस पर कोई बातचीत नहीं हुई.
- 112 दिन के अनशन में स्वामी सानंद की जान चली गई.
- मरने से पहले स्वामी सानंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 4 चिट्ठियां लिखी थीं.
- मनमोहन सिंह की सरकार में स्वामी सानंद 5 बार अनशन पर बैठे थे.
- स्वामी सानंद की मौत के बाद उनके संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए केरल निवासी 26 वर्षीय ब्रह्मचारी आत्म बोधानंद मातृ सदन उसी स्थान पर 172 दिन से अनशन पर बैठे हैं.
- गंगा के संरक्षण के लिए तीन संतों की जान जा चुकी है. जिसमें स्वामी निगमानंद, स्वामी गोकुलानंद और स्वामी नागनाथ शामिल हैं.
गंगा की सफाई के लिए कोई काम नहीं हुआ है. गंगा गंदी होती जा रही है. पिछली सरकार में राजीव गांधी एक्शन प्लान में करोड़ों रुपए खर्च हुए. इस सरकार में भी कई गुना ज्यादा रुपया खर्च हो चुका है. सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते गंगा के निर्मल प्रवाह के लिए अनशन पर बैठे साधुओं के पक्ष में आवाज उठा रहे हैं. राम मंदिर के मुद्दे पर भीड़ जुटा लेते हैं, लेकिन गंगा के संरक्षण में अपनी जान की बाजी लगाने वाले साधुओं के प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखता है.
-डॉक्टर, संदीप पांडेय