गोरखपुर: जिले के चरगांवा में नव वर्ष के दूसरे दिन 2 जनवरी राजकीय कृषि विद्यालय के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन और छात्रावास (किसान हॉस्टल) का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी करेंगे. इस कृषि विद्यालय में कृषि से जुड़े मास्टर ट्रेनरों, कमर्चारियों और प्रगतिशील किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है. राजकीय कृषि विद्यालय के नए प्रशासनिक भवन के निर्माण पर 9.88 करोड़ और किसान हॉस्टल के निर्माण पर 9.08 करोड़ रुपये की लागत आई है. इन दोनों निर्माण कार्यों का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 21 मार्च 2021 को किया था. मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा के मुताबिक राजकीय कृषि विद्यालय के नवीनीकृत हो जाने से अधिक संख्या में किसानों को खेती किसानी की नवीनतम जानकारियों से रूबरू कराया जा सकेगा. पूर्व के भवन में मात्र 80 लोग ही प्रशिक्षण प्राप्त कर पाते थे. नई बिल्डिंग में 200 लोग प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जुड़ सकेंगे.
1932 में हुई थी विद्यालय की स्थापनाः बता दें कि चरगांवा में स्थित राजकीय कृषि विद्यालय की स्थापना 1932 में की गई थी. तब इस विद्यालय से कृषि डिप्लोमा की पढ़ाई होती थी. प्रदेश में कृषि स्नातकों की संख्या पर्याप्त हो जाने के कारण 1984 में यहां कृषि डिप्लोमा कोर्स बंद कर दिया गया. डिप्लोमा कोर्स बंद होने के बाद राजकीय कृषि विद्यालय द्वारा कृषि विभाग के कर्मचारियों, प्रगतिशील किसानों तथा किसान विद्यालय के मास्टर ट्रेनरों को अद्यतन कृषि तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जाता है. वर्तमान में इस राजकीय कृषि विद्यालय के कार्यक्षेत्र में गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी और विंध्याचल मंडल के 17 जिले सम्मिलित हैं.
प्रतिभा को तलाशने का माध्यम बनेगा संस्कृति उत्सव, 02 से 24 जनवरी तक होगा आयोजन
वहीं, कला और संगीत के क्षेत्र में समृद्ध उत्तर प्रदेश में योगी सरकार प्रदेश के स्थापना दिवस (उत्तर प्रदेश दिवस) के उपलक्ष्य में संस्कृति उत्सव का आयोजन करने जा रही है. संस्कृति विभाग ने कार्यक्रम को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं. उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को और भी समृद्ध बनाने और लोककला को देश सहित दुनिया भर में प्रसिद्धि दिलाने के लिये प्रदेश में 2 से 24 जनवरी तक ‘संस्कृति उत्सव 2024-25’ का आयोजन किया जाएगा. ‘उत्तर प्रदेश पर्व: हमारी संस्कृति-हमारी पहचान’ थीमलाइन से आयोजित किये जा रहे संस्कृति उत्सव में गांव, विकास खंड, तहसील, जनपद, मंडल सहित राज्य स्तर पर लोक कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित मंच मिलेगा. संस्कृति विभाग द्वारा इस उत्सव का आयोजन प्रदेश भर में कराया जाएगा, जिसमें कई प्रतियोगिताएं होंगी.
कार्यक्रम और उनकी तारीखः 2 से 5 जनवरी के बीच तहसील मुख्यालय पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ग्राम पंचायत, विकास खंड और तहसील स्तर के कलाकार भाग लेंगे. इसके बाद 7 और 8 जनवरी के बीच जनपद मुख्यालयों पर होने वाली प्रतियोगिता में तहसील स्तर के चयनित कलाकार भाग लेंगे. मंडलीय मुख्यालय स्तर पर 10 से 12 जनवरी के बीच प्रतियोगिता का आयोजन होगा. जिसमें जनपद स्तर पर चयनित कलाकार प्रतिभाग करेंगे. 18 से 20 जनवरी तक मंडल स्तर के चयनित कलाकारों की प्रतियोगिता लखनऊ में होगी. लखनऊ में हुई प्रतियोगिता के विजयी कलाकारों का 23 जनवरी को पूर्वाभ्यास होगा और 24 से जनवरी को उत्तर प्रदेश पर्व के अवसर पर अंतिम रूप से चयनित सभी प्रतिभागियों की प्रस्तुति होगी और उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा.
इन विधाओं की होंगी प्रतियोगिताएंः संस्कृति उत्सव आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय गायन में ख्याल, ध्रुपद, उप-शास्त्रीय गायन में ठुमरी, दादरा, चैती, चैता, झूला, होरी, टप्पा, लोक गायन में कजरी, चैती, झूला, बिरहा, आल्हा, निर्गुण, लोकगीत, कव्वाली, सुगम संगीत में गीत, गजल, भजन और देशभक्ति गीत की स्पर्धाएं होंगी। वादन में बांसुरी, शहनाई, हारमोनियम, सितार, वॉयलिन, गिटार, सारंगी, वीणा, तबला, पखावज, मृदंगम, घटम तथा जनजातीय व लोक वाद्ययंत्र के डफला, नगाड़ा, ढोल ताशा, ढोलक, नाल, चिमटा, हुड़का, सिंघा से जुड़ी प्रतियोगिताएं होंगी. वहीं, नृत्य में कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, मोहिनीअट्टम व अन्य शास्त्रीय नृत्यों से जुड़ी प्रतियोगिताएँ होंगी. इसी प्रकार, लोकनृत्य में धोबिया, अहिरवा, करमा, शैला, डोमकच, आखेट तथा लोकनाट्य में नौटंकी, रामलीला, रासलीला, स्वांग, भगत, बहुरूपिया, नुक्कड़ नाटक आदि की प्रतियोगिताएं होंगी.
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