लखनऊ: आने वाला साल राजधानी वासियों को बिजली आपूर्ति के लिहाज से राहत देने वाला साबित होगा. लखनऊ में नए साल में 10 नए उपकेंद्रों का निर्माण कराया जाएगा, जिससे गर्मी में करीब पांच लाख की बड़ी आबादी को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. गर्मियों में उन्हें पसीना बहाने के लिए जनता को मजबूर नहीं होना होगा. इन उपकेंद्रों में जैतीखेड़ा और गोपरामऊ उपकेंद्र का निर्माण कार्य शुरू भी हो गया है. इसके अलावा गोमतीनगर के विशेषखंड, विनम्रखंड, ईटीआई, लोकबंधु अस्पताल, ससेंडी, बक्कास, एफसीआई, सतरिख रोड में भूमि अधिग्रहण कर लिया गया है.
गोमतीनगर का विभूतिखंड और मंत्री आवास उपकेंद्र ओवरलोड है. इससे गर्मियों में बड़ी आबादी को बिजली संकट झेलना पड़ता है. नये उपकेंद्र के निर्माण के लिए लखनऊ विद्युत संपूर्ति प्रशासन (लेसा) ने विनम्रखंड और विशेषखंड में जमीन चिन्हित की है. करीब चार साल बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने लखनऊ विद्युत सम्पूर्ति प्रशासन को जमीन मुहैया करा दी है. इसके अलावा लोकबंधु अस्पताल, ईटीआई, एफसीआई के लिए भी जमीन मिल चुकी है. ससेंडी और बक्कास के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है.
लेसा के अधिकारियों के मुताबिक बजट स्वीकृत होते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा. लखनऊ के अमौसी जोन के मुख्य अभियंता रजत जुनेजा ने बताया, कि गोपरामऊ और जैतीखेड़ा उपकेंद्र का निर्माण शुरू हो चुका है. प्रस्तावित सभी उपकेंद्रों में पांच-पांच एमवीए के दो पावर ट्रांसफार्मर लगाएं जाएंगे. इससे अतिभारित होने से ट्रांसफार्मर फुंकने की समस्या आड़े नहीं आएगी.
मार्च तक पूरा होगा जर्जर तार बदलने का काम : लखनऊ में आरडीएसएस योजना के तहत जर्जर बिजली के खंभे और तार बदलने का काम किया जा रहा है. करीब 60 फीसद काम पूरा हो चुका है. उम्मीद जताई जा रही है, कि अगले साल मार्च तक एरियल बंच कंडक्टर (एबीसी) बिछाने का काम पूरा हो जाएगा. इसके अलावा ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि और नये ट्रांसफार्मर लगाएं जाएंगे. नए फीडरों का भी निर्माण कराया जाएगा.
एलडीए ने वापस ली लाटूश रोड पर उपकेंद्र की जमीन : एलडीए ने पांच साल पहले बांसमंडी उपकेंद्र को बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए पुराना आरटीओ के पास जमीन मुहैया कराई थी. लेकिन, उपकेंद्र का निर्माण न होने से एलडीए ने इस साल जमीन वापस ले ली. जिससे उपकेंद्रों का निर्माणकार्य ठप हो गया. अब यहां की जनता के सामने राहत मिलने के बजाय दिक्कत खड़ी हो गई है.
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