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महाशक्तिपीठ धाम महुअरिया में निःसंतान लोगों की हर मुरादें होती हैं पूरी

राबर्ट्सगंज मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर मिर्जापुर कर्मा मार्ग पर स्थित महाशक्ति पीठ सेवा आश्रम समिति ने मां शक्तिपीठ मंदिर में मां के अनेक रूपों की स्थापना कर भव्य तीन मंजिला मंदिर का निर्माण कराया है. बता दें कि इस शक्तिपीठ की काफी मान्यता है जिसके चलते लोग दूर-दूर से यहां दर्शन के लिये आते हैं.

महाशक्तिपीठ धाम महुअरिया.
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Published : Apr 7, 2019, 4:29 AM IST

सोनभद्र: राबर्ट्सगंज मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर मां शक्तिपीठ मंदिर स्थित है. इस मंदिर में मां के अनेक रूपों और हनुमान जी की मूर्ति की नवरात्रि के मौके पर प्राण प्रतिष्ठा की गई. यह स्थापना महाशक्ति पीठ सेवा आश्रम समिति महुअरिया के द्वारा कराई गई.

महाशक्तिपीठ धाम महुअरिया.

इस संबंध में मंदिर के पुजारी का कहना है कि वह तपोवन से अखंड तपस्या करके यहां आए और नीम के पेड़ के नीचे मां की स्थापना करके पूजा करने लगे. उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे लोगों की आस्था और विश्वास से यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण हुआ.


पुजारी ने बताया कि यहां पर मां की बड़ी महिमा है. इस कारण यहां अपंग, अंधे, कैंसर पीड़ित और निःसंतान लोग आते हैं. उन्होंने बताया कि लोग यहां मां के दरबार में आकर मन्नत मांगते है और मन्नत पूरी हो जाने पर नारियल, चुनरी चढ़ाते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि नवरात्रि के दिनों में यहां अखंड जागरण और भंडारे का आयोजन होता है.


वहीं दर्शन करने आए भक्तों ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना चार दशक पूर्व की गई थी. यहां दर्शन करने के लिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार व झारखंड समेत दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.

सोनभद्र: राबर्ट्सगंज मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर मां शक्तिपीठ मंदिर स्थित है. इस मंदिर में मां के अनेक रूपों और हनुमान जी की मूर्ति की नवरात्रि के मौके पर प्राण प्रतिष्ठा की गई. यह स्थापना महाशक्ति पीठ सेवा आश्रम समिति महुअरिया के द्वारा कराई गई.

महाशक्तिपीठ धाम महुअरिया.

इस संबंध में मंदिर के पुजारी का कहना है कि वह तपोवन से अखंड तपस्या करके यहां आए और नीम के पेड़ के नीचे मां की स्थापना करके पूजा करने लगे. उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे लोगों की आस्था और विश्वास से यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण हुआ.


पुजारी ने बताया कि यहां पर मां की बड़ी महिमा है. इस कारण यहां अपंग, अंधे, कैंसर पीड़ित और निःसंतान लोग आते हैं. उन्होंने बताया कि लोग यहां मां के दरबार में आकर मन्नत मांगते है और मन्नत पूरी हो जाने पर नारियल, चुनरी चढ़ाते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि नवरात्रि के दिनों में यहां अखंड जागरण और भंडारे का आयोजन होता है.


वहीं दर्शन करने आए भक्तों ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना चार दशक पूर्व की गई थी. यहां दर्शन करने के लिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार व झारखंड समेत दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.

Intro:नवरात्र स्पेशल

Anchor-महाशक्ति पीठ सेवा आश्रम समिति महुअरिया के सौजन्य से मां शक्तिपीठ समेत मां के अनेक रूपो की स्थापना कर कर्मा थाना क्षेत्र के महुअरिया गांव में भव्य तीन मंजिला मंदिर का निर्माण कराया गया है इस मंदिर में माँ के अनेक रूपो दुर्गा,काली,समेत हनुमान जी की मूर्ति का भी प्राण प्रतिष्ठा हुआ है जहां दर्शन करने के लिए मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़,बिहार व झारखंड समेत दूर दूर से श्रद्धालु आते है और अपनी मन्नते मांगते है इसके बाद नारियल चुनरी चढ़ाते है।इस संबंध में मंदिर के पुजारी का कहना है कि वे तपोवन से अखंड तपस्या करके यहां आए और नीम के पेड़ के नीचे माँ की स्थापना करके पूजा करने लगे,धीरे धीरे लोगो की आस्था और विश्वास से यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण हुआ।यहाँ पर माँ की बड़ी महिमा है जिसके कारण अपंग,अंधे,कैंसर के पीड़ित,जहर खाल,निःसंतान लोग आते है और मां के दरवार में मन्नते मांगते है नारियल चुनरी चढ़ाते है उनकी सभी मन्नते पूरी हो जाती है ।नौ दिनों तक यहां अखंड जागरण और भंडारा होता है इस दौरान सभी प्रकार की समस्याओं का निवारण हो जाता है।


Body:Vo1-राबर्टसगंज मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर मिर्जापुर कर्मा मार्ग पर स्थित महाशक्ति पीठ सेवा आश्रम समिति महुअरिया के मां शक्तिपीठ मंदिर में मां के अनेक रूपो की स्थापना कर भव्य तीन मंजिला मंदिर का निर्माण कराया गया है इस मंदिर में माँ के अनेक रूपो दुर्गा,काली,समेत हनुमान जी की मूर्ति का भी प्राण प्रतिष्ठा हुआ है।दर्शन करने आये मक्त में बताया कि इस मंदिर की स्थापना चार दशक पूर्व किया गया था जहां दर्शन करने के लिए मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़,बिहार व झारखंड समेत दूर दूर से श्रद्धालु आते है और अपनी मन्नते मांगते है इसके बाद नारियल चुनरी चढ़ाते है।यहां पर नौ दिनों तक निवास करते है और उनकी हर मुराद पूरी हो जाती है।

Byte-वरुण त्रिपाठी(श्रद्धालु)


Conclusion:Vo2-इस संबंध में मंदिर के पुजारी का कहना है कि वे तपोवन से अखंड तपस्या करके यहां आए और नीम के पेड़ के नीचे माँ की स्थापना करके पूजा करने लगे,धीरे धीरे लोगो की आस्था और विश्वास से यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण हुआ।यहाँ पर माँ की बड़ी महिमा है जिसके कारण अपंग,अंधे,कैंसर के पीड़ित,जहर खाल,निःसंतान लोग आते है और मां के दरवार में मन्नते मांगते है नारियल चुनरी चढ़ाते है उनकी सभी मन्नते पूरी हो जाती है ।नौ दिनों तक यहां अखंड जागरण और भंडारा होता है इस दौरान सभी प्रकार की समस्याओं का निवारण हो जाता है।
Byte-राम आशीष बाबा(मंदिर के पुजारी व अधिष्ठाता)



चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
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