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एटा में कोरोना संदिग्ध की इलाज के दौरान मौत

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Published : Jun 5, 2020, 7:39 PM IST

यूपी के एटा जिले में एक कोरोना संदिग्ध की इलाज के दौरान मौत हो गई. बताया जा रहा है वह डायबिटीज से पीड़ित था. उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है.

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कोरोना संदिग्ध की इलाज के दौरान मौत

एटा: जिले के सेंट मेरिस स्कूल में क्वारंटाइन किए गए एक शख्स की मौत शुक्रवार को इलाज के दौरान जिला अस्पताल में हो गई. इसके बाद स्वास्थ्य महकमे में अफरा-तफरी मच गई. पहले मृतक के शव को परिजनों को सौंप दिया गया. साथ ही परिजन शव को लेकर दाह संस्कार के लिए चले गए, लेकिन बाद में स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर शव को वापस मंगा लिया.


दरअसल जलेसर तहसील में चपरासी के पद पर तैनात शख्स की गुरुवार को अचानक तबीयत खराब हो गई. उसने जलेसर में ही एक नजदीकी डॉक्टर को दिखाया, जिसके बाद डॉक्टर ने उसको कोरोना वायरस जांच कराने की सलाह दी. यही कारण था कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसको कोरोना संदिग्ध मानते हुए सेंट मेरिस क्वारंंटाइन सेंटर में भर्ती कराया. साथ ही उसका सैंपल लेकर जांंच के लिए भेज दिया.

इसे भी पढ़ें: कोविड-19: उत्तर प्रदेश में कोरोना के 44 नए केस आए सामने, आंकड़ा 9281 के पार

शख्स था मधुमेह से पीड़ित
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह शख्स की तबीयत अचानक खराब हो गई. उसको पहले से मधुमेह की शिकायत थी. आनन-फानन में उसको जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां पर इलाज के दौरान महाराम की मौत हो गई. इसके बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने शव को सील कर परिजनों को सौंप दिया. परिजन शव लेकर श्मशान घाट चले गए. वहीं मृतक के परिजन शव के अंतिम संस्कार की तैयारी कर ही रहे थे कि एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग ने कॉलकर शव को वापस लाने का फरमान सुनाया.

सीएमओ डॉक्टर अजय अग्रवाल के मुताबिक परिजन शव का पोस्टमार्टम कराना चाहते हैं. इस वजह से शव को पोस्टमार्टम हाउस लाने के लिए कहा गया है.

एटा: जिले के सेंट मेरिस स्कूल में क्वारंटाइन किए गए एक शख्स की मौत शुक्रवार को इलाज के दौरान जिला अस्पताल में हो गई. इसके बाद स्वास्थ्य महकमे में अफरा-तफरी मच गई. पहले मृतक के शव को परिजनों को सौंप दिया गया. साथ ही परिजन शव को लेकर दाह संस्कार के लिए चले गए, लेकिन बाद में स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर शव को वापस मंगा लिया.


दरअसल जलेसर तहसील में चपरासी के पद पर तैनात शख्स की गुरुवार को अचानक तबीयत खराब हो गई. उसने जलेसर में ही एक नजदीकी डॉक्टर को दिखाया, जिसके बाद डॉक्टर ने उसको कोरोना वायरस जांच कराने की सलाह दी. यही कारण था कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसको कोरोना संदिग्ध मानते हुए सेंट मेरिस क्वारंंटाइन सेंटर में भर्ती कराया. साथ ही उसका सैंपल लेकर जांंच के लिए भेज दिया.

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शख्स था मधुमेह से पीड़ित
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह शख्स की तबीयत अचानक खराब हो गई. उसको पहले से मधुमेह की शिकायत थी. आनन-फानन में उसको जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां पर इलाज के दौरान महाराम की मौत हो गई. इसके बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने शव को सील कर परिजनों को सौंप दिया. परिजन शव लेकर श्मशान घाट चले गए. वहीं मृतक के परिजन शव के अंतिम संस्कार की तैयारी कर ही रहे थे कि एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग ने कॉलकर शव को वापस लाने का फरमान सुनाया.

सीएमओ डॉक्टर अजय अग्रवाल के मुताबिक परिजन शव का पोस्टमार्टम कराना चाहते हैं. इस वजह से शव को पोस्टमार्टम हाउस लाने के लिए कहा गया है.

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