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जफरयाब जिलानी बोले, सरकार को मंदिर बनाने का कानूनी हक नहीं - बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी की लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस

अयोध्या मसले को लेकर बाबरी एक्शन कमेटी ने बैठक का आयोजन किया. बैठक खत्म होने के बाद कमेटी पदाधिकारियों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इस दौरान बाबरी एक्शन कमेटी के कन्वीनर जफरयाब जिलानी ने कहा कि सरकार को मंदिर बनाने का कोई संवैधानिक हक नहीं है.

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी की लखनऊ में प्रेस कांन्फ्रेंस.
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Published : Jun 20, 2019, 9:30 PM IST

लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले को लेकर राजधानी के इस्लामिया कॉलेज में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने बैठक की. बैठक के बाद सीनियर एडवोकेट और बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीटिंग के बारे में जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही सर्वमान्य होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार को मंदिर बनाने का कानूनी हक नहीं है.

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी की लखनऊ में प्रेस कांन्फ्रेंस.

क्या बोले जफरयाब जिलानी

  • उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और इलेक्शन के दौरान नेताओं की ओर से जारी बयानों के मद्देनजर यह मीटिंग रखी गई थी.
  • बैठक में एकसुर से सहमति बनी कि बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का मस्जिद को लेकर जो पहले स्टैंड था वह उसी पर कायम रहेगी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही सर्वमान्य होगा.
  • प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडवोकेट जिलानी ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि सारे उलेमा का स्टैंड यही है कि एक बार मस्जिद बन जाने के बाद वह अल्लाह की मिल्कियत हो जाती है.
  • अल्लाह की मिल्कियत को न तो हटाया जा सकता है और न ही उसे कहीं शिफ्ट किया जा सकता है.
  • जफरयाब जिलानी ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद ऐलान कर चुके हैं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक इस मामले में कुछ कहना सही नहीं है.
  • जिलानी ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जारी है, तब तक इसमें किसी के बयान की कोई अहमियत नहीं है.
  • अलबत्ता सरकार में शामिल कुछ लोगों की ओर से जो बयानबाजी हो रही है, वह किसी भी सूरत में बाजिब नहीं है, क्योंकि संविधान के मुताबिक सरकार का काम मंदिर बनाना नहीं है.
  • इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की एक बेंच इस मामले में पहले ही कह चुकी है कि मंदिर बनाने की बात करने वाली सरकार एंटी-सेकुलर है.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य या शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को अयोध्या मामले पर बयान देने से बचने की जरूरत है. देश का संविधान सरकार को किसी धर्म विशेष के लिए मंदिर-मस्जिद बनाने की इजाजत नहीं देता है. ऐसा करने वालों को सरकार में रहने का कोई हक नहीं है.

-जफरयाब जिलानी, संयोजक बाबरी एक्शन कमेटी

लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले को लेकर राजधानी के इस्लामिया कॉलेज में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने बैठक की. बैठक के बाद सीनियर एडवोकेट और बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीटिंग के बारे में जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही सर्वमान्य होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार को मंदिर बनाने का कानूनी हक नहीं है.

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी की लखनऊ में प्रेस कांन्फ्रेंस.

क्या बोले जफरयाब जिलानी

  • उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और इलेक्शन के दौरान नेताओं की ओर से जारी बयानों के मद्देनजर यह मीटिंग रखी गई थी.
  • बैठक में एकसुर से सहमति बनी कि बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का मस्जिद को लेकर जो पहले स्टैंड था वह उसी पर कायम रहेगी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही सर्वमान्य होगा.
  • प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडवोकेट जिलानी ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि सारे उलेमा का स्टैंड यही है कि एक बार मस्जिद बन जाने के बाद वह अल्लाह की मिल्कियत हो जाती है.
  • अल्लाह की मिल्कियत को न तो हटाया जा सकता है और न ही उसे कहीं शिफ्ट किया जा सकता है.
  • जफरयाब जिलानी ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद ऐलान कर चुके हैं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक इस मामले में कुछ कहना सही नहीं है.
  • जिलानी ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जारी है, तब तक इसमें किसी के बयान की कोई अहमियत नहीं है.
  • अलबत्ता सरकार में शामिल कुछ लोगों की ओर से जो बयानबाजी हो रही है, वह किसी भी सूरत में बाजिब नहीं है, क्योंकि संविधान के मुताबिक सरकार का काम मंदिर बनाना नहीं है.
  • इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की एक बेंच इस मामले में पहले ही कह चुकी है कि मंदिर बनाने की बात करने वाली सरकार एंटी-सेकुलर है.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य या शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को अयोध्या मामले पर बयान देने से बचने की जरूरत है. देश का संविधान सरकार को किसी धर्म विशेष के लिए मंदिर-मस्जिद बनाने की इजाजत नहीं देता है. ऐसा करने वालों को सरकार में रहने का कोई हक नहीं है.

-जफरयाब जिलानी, संयोजक बाबरी एक्शन कमेटी

Intro:अयोध्या के राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले को लेकर लखनऊ के इस्लामिया कॉलेज में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मीडिया को संबोधित करते हुए सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने बताया कि यह मीटिंग सुप्रीम कोर्ट और इलेक्शन में जो बयान सामने आए हैं उनको लेकर रखी गई थी। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का मस्जिद को लेकर जो पहले स्टैंड था आज भी उसी पर कायम है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वमान्य होगा।


Body:इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जफरयाब जिलानी ने अपना रूख साफ करते हुए कहा कि सारे उलमा का स्टैंड यही है कि मस्जिद एक बार बन जाने के बाद अल्लाह की मिलकियत हो जाती है फिर ना उसको हटाया जा सकता है और ना कहीं शिफ्ट किया जा सकता है। इसके अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक और सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद ऐलान कर चुके हैं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक इस मामले में कुछ कहना सही नहीं है और इसके अलावा किसी के बयान से हमें कोई लेना देना नहीं है ना ही किसी के बयान का कोई मायने रखता है। जफरयाब जिलानी ने कहा कि जिस तरीके से बराबर सरकार के कुछ लोगों की तरफ से बयानबाजी हो रही है वह सही नहीं है क्योंकि संविधान के मुताबिक सरकार का काम मंदिर बनाना नहीं है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के कई सवालों के जवाब देते हुए जिलानी ने कहा कि जब यह मामले कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है तो इसमें किसी के बयान की कोई अहमियत नहीं, उन्होंने कहा कि चाहे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य या शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे हो ऐसे बयानों से उनको बचने की जरूरत है। जिलानी ने आगे बताया कि 15 अगस्त से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई दोबारा शुरू होगी जिसकी जानकारी अगर जरूरत पड़ी तो मीडिया को दी जाएगी।

बाइट- जफरयाब जिलानी, संयोजक, बाबरी एक्शन कमेटी


Conclusion: गौरतलब है कि लखनऊ में होने वाली मीटिंग और प्रेस कॉन्फ्रेंस को जफरयाब जिलानी ने रूटीन बैठक बताया लेकिन कहीं ना कहीं राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर आ रहे बयानों से जफरयाब जिलानी नाराज नजर आए और कमेटी का रुख साफ किया।

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