लखनऊ: निर्वाचन आयोग की इस बार देश मे हो रहे लोकसभा चुनावों में सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रम फैलाने वालों पर भी नकेल कसने की तैयारी है. आयोग ने पहली बार टीम गठित की है. शिकायत मिलने पर या स्वतः संज्ञान लेकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. लेकिन समाज को भी सजग होने की जरूरत है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली भ्रामक चीजों को वे सही मानकर न चलें.
योगेश्वर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने आज यहां दूरदर्शन केंद्र पर मीडिया प्रतिनिधियों के लिए आयोजित कार्यशाला में बोलते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर जो बहस छिड़ी है उसे लोग सच्चाई क्यों मानते हैं ? यह बड़ा सवाल है. उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि समाज को भी यह समझाने की जरूरत है. समाज ऐसी चीजों पर यकीन ना करे. सभ्य समाज को यह बताना होगा सोशल मीडिया में चीजों को सत्य न माना जाए.
हालांकि निर्वाचन आयोग इसको लेकर काफी गंभीर है. ऐसे भ्रामक चीजों को वायरल करने वाले सोशल मीडिया ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए बाकायदा निर्वाचन आयोग में केंद्रीय स्तर पर राज्य स्तर पर और जिला स्तर पर पूरी तकनीकी टीम गठित की गई है. समाज को यह भी बताने की जरूरत है कि सोशल मीडिया पर ऐसी चीजों को नहीं चलाया जाना चाहिए जो समाज में विद्वेष फैलाने वाला या फिर भ्रामक हो.
मीडिया प्रतिनिधियों को बहुत सूझबूझ कर काम करना होगा क्योंकि समाज के आप सजग प्रहरी हैं. कोई अगर अपना बहुत बढ़ा चढ़ाकर प्रचार-प्रसार करना चाहता है. अगर वह केवल प्रचार प्रसार कर अपने आप को स्थापित करना चाहता है तो उसके प्रचार प्रसार में शामिल न हो करके आप उसे रोक रोक सकते हैं। समाज को यह भी देखना होगा कि वह भले ही लीगल तौर पर अपना प्रचार प्रसार कर रहा हो लेकिन अगर वह देश के लिए समाज के लिए ठीक नहीं होगा तो ऐसे जनप्रतिनिधि को हमें नहीं चुनना चाहिए.