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वाराणसी : रेलवे स्टेशन से प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए ऑटो चलाने की मिली अनुमति - प्रवासी मजदूर

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में लॉकडाउन के कारण ट्रांसपोर्ट सुविधाएं रोक दी गई थी, लेकिन अब धीरे-धीरे इनको खोला जा रहा है. जिले में मजदूरों का आना जारी है. उनको रेलवे स्टेशन से घर पहुंचाने के लिए प्रशासन ने ऑटो चालकों को परमिशन दे दी है, जिससे ऑटो चालक काफी खुश दिखाई दिए.

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Published : May 25, 2020, 9:20 AM IST

वाराणसी: जिले के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन और कैंट रेलवे स्टेशन पर जो प्रवासी ट्रेन से आ रहे हैं उनमें से जिनका घर जिले में या आसपास है, उन्हें घर पहुंचाने के लिए ऑटो चालकों को परमिशन दी गई है. जिला प्रशासन की तरफ से दिए गए आदेश के बाद ऑटो चालक काफी खुशी दिखाई दिए.

ऑटो चलाने को मिली अनुमति
लॉकडाउन की शुरुआत से ही ट्रांसपोर्ट की सुविधाओं पर रोक लगा दी गई थी, हालांकि जैसे-जैसे रियायत दी गई वैसे-वैसे ट्रांसपोर्ट के अन्य वाहन चलना शुरू हो गए. अभी भी ऑटो, प्राइवेट बस को चलने की परमिशन नहीं दी गई थी. जिला प्रशासन ने इन वाहन चालकों की समस्याओं को देखते हुए उन्हें ऑटो चलाने की अनुमति प्रदान की है.

ऑटो चालकों ने बताई अपनी परेशानी
कैंट रेलवे स्टेशन पर मौजूद ऑटो चालकों का कहना है कि हम काफी खुश हैं साथ ही साथ थोड़ी सी मायूसी भी है. ऑटो चालकों ने कहा कि उम्मीद ज्यादा नहीं है, क्योंकि हमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करते हुए सिर्फ एक-दो सवारी को ऑटो में बैठाना है. पहले हम पांच सवारी बैठाते थे, तो दिन भर में हजार बारह सौ रुपये कमा लेते थे. अभी सिर्फ एक दो सवारी को ही बैठाना हो रहा है, तो दिन भर में मात्र 300 से 400 रुपये की आमदनी हो पा रही है.

यह 400 रुपये गाड़ी वालों को देना पड़ता है. गाड़ी जमा करते हैं तो प्रतिदिन स्टैंड में भी पैसे जमा करना पड़ता है. हमारे लिए कुछ बचा पाना बड़ा मुश्किल है. बहुत सारे लोगों ने गाड़ी किस्त पर ले रखी है. उसको भी जमा करना पड़ेगा और ऐसे में हमारा गुजारा कैसे हो पाएगा. अगर हम कुछ बचा लेंगे तो शायद हमारे परिवार का थोड़ा-बहुत गुजारा हो सकेगा.

वाराणसी: जिले के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन और कैंट रेलवे स्टेशन पर जो प्रवासी ट्रेन से आ रहे हैं उनमें से जिनका घर जिले में या आसपास है, उन्हें घर पहुंचाने के लिए ऑटो चालकों को परमिशन दी गई है. जिला प्रशासन की तरफ से दिए गए आदेश के बाद ऑटो चालक काफी खुशी दिखाई दिए.

ऑटो चलाने को मिली अनुमति
लॉकडाउन की शुरुआत से ही ट्रांसपोर्ट की सुविधाओं पर रोक लगा दी गई थी, हालांकि जैसे-जैसे रियायत दी गई वैसे-वैसे ट्रांसपोर्ट के अन्य वाहन चलना शुरू हो गए. अभी भी ऑटो, प्राइवेट बस को चलने की परमिशन नहीं दी गई थी. जिला प्रशासन ने इन वाहन चालकों की समस्याओं को देखते हुए उन्हें ऑटो चलाने की अनुमति प्रदान की है.

ऑटो चालकों ने बताई अपनी परेशानी
कैंट रेलवे स्टेशन पर मौजूद ऑटो चालकों का कहना है कि हम काफी खुश हैं साथ ही साथ थोड़ी सी मायूसी भी है. ऑटो चालकों ने कहा कि उम्मीद ज्यादा नहीं है, क्योंकि हमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करते हुए सिर्फ एक-दो सवारी को ऑटो में बैठाना है. पहले हम पांच सवारी बैठाते थे, तो दिन भर में हजार बारह सौ रुपये कमा लेते थे. अभी सिर्फ एक दो सवारी को ही बैठाना हो रहा है, तो दिन भर में मात्र 300 से 400 रुपये की आमदनी हो पा रही है.

यह 400 रुपये गाड़ी वालों को देना पड़ता है. गाड़ी जमा करते हैं तो प्रतिदिन स्टैंड में भी पैसे जमा करना पड़ता है. हमारे लिए कुछ बचा पाना बड़ा मुश्किल है. बहुत सारे लोगों ने गाड़ी किस्त पर ले रखी है. उसको भी जमा करना पड़ेगा और ऐसे में हमारा गुजारा कैसे हो पाएगा. अगर हम कुछ बचा लेंगे तो शायद हमारे परिवार का थोड़ा-बहुत गुजारा हो सकेगा.

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