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गोरखपुर: मुसहर बस्ती में जागरूकता अभियान चला रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता - anganwadi workers in gorakhpur

देश में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन चालू है. ऐसे में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाभार्थियों के घर जा-जाकर स्वास्थ्यवर्धक फूड वितरित कर रही हैं. इतना ही नहीं शासन के निर्देशानुसार यह लोग लाभार्थियों को कोरोना महामारी के खिलाफ जागरूकता का भी संदेश दे रही हैं.

महिलाओं को स्वास्थ्यवर्धक आहार वितरित करतीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता.
महिलाओं को स्वास्थ्यवर्धक आहार वितरित करतीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता.
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Published : May 9, 2020, 2:11 PM IST

Updated : May 9, 2020, 3:42 PM IST

गोरखपुर: कोरोना महामारी से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन के बीच आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का काम और बढ़ गया है. जिले में लॉकडाउन के कारण आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं. इन केंद्रों का संचालन नहीं किया जा रहा है. ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाभार्थी परिवारों के घर पहुंचकर गर्भवती महिलाओं से लेकर बच्चों के बीच नियमों के पालन के साथ ही स्वास्थ्यवर्धक आहार वितरित कर रही हैं.

कोरोना को लेकर मुसहर बस्ती में लोगों को जागरूक कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

सरकारी निर्देशों के अनुपालन में जनता भले ही लापरवाही बरत रही हो, लेकिन सरकारी कर्मचारी नियमों के अनुपालन के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों और उनके बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. वहीं कोरोना के कारण लागू इस लॉकडाउन में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन नहीं हो रहा है. ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी शासन के निर्देश पर बढ़ गई है.

पत्तल बनाती मुसहर समाज की महिला.
पत्तल बनाती मुसहर समाज की महिला.

जिले के चवंरी जंगल स्थित मुसहर बस्ती में मुसहर समाज के लोग वर्षों से रहते हैं. इनका घर घास-फूस और पॉलिथीन का ही बना है. घरों पर न पक्की छत है और न ही यहां स्वास्थ्यवर्धक माहौल है. यहां इसी परिवेश में इनके परिवार में बच्चे जन्म लेते हैं. इसी माहौल में उन्हें दूध पिलाने वाली माताएं भी रहती हैं. इनके पोषण के लिए प्रदेश के बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनमें स्वास्थ्यवर्धक फूड पैकेट से लेकर इनके वजन की जांच करने का भी इंतजाम होता है.

महिला का वजन कराती आंगनबाड़ी कार्यकर्ता.
महिला का वजन कराती आंगनबाड़ी कार्यकर्ता.
महिलाओं को सिखाया गया सोशल डिस्टेंसिंग का तौर-तरीका
महिलाओं को सिखाया गया सोशल डिस्टेंसिंग का तौर-तरीका

मुसहर समाज की इन महिलाओं का मूल काम जंगल से पत्ते इकट्ठा करना और उनके पत्तल बनाना है. इस बस्ती के बीच आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर कोरोना संक्रमण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी को स्वास्थ्यवर्धक फूड वितरित किए. इतना ही नहीं इन दिनों इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोरोना महामारी के लक्षण और उससे बचाव की जानकारी देने का भी काम दिया गया है, जिसका वह बखूबी निर्वाह कर रही हैं. वह लाभार्थी के घरों तक जाकर कोरोना महामारी के खिलाफ जागरूकता का भी संदेश दे रही हैं.

मौजूदा समय में घर-घर जाकर लाभार्थियों को लाभ पहुंचाना है. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. आंगनबाडी कार्यकर्ताओं पर विभाग के दायित्व के साथ-साथ कोरोना की महामारी से बचाव के सभी तरीकों और लक्षणों की जानकारी देने का काम है. इसमें सभी आंगनबाडी कार्यकर्ता जुटी हुई हैं.
-हेमंत सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी

गोरखपुर: कोरोना महामारी से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन के बीच आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का काम और बढ़ गया है. जिले में लॉकडाउन के कारण आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं. इन केंद्रों का संचालन नहीं किया जा रहा है. ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाभार्थी परिवारों के घर पहुंचकर गर्भवती महिलाओं से लेकर बच्चों के बीच नियमों के पालन के साथ ही स्वास्थ्यवर्धक आहार वितरित कर रही हैं.

कोरोना को लेकर मुसहर बस्ती में लोगों को जागरूक कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

सरकारी निर्देशों के अनुपालन में जनता भले ही लापरवाही बरत रही हो, लेकिन सरकारी कर्मचारी नियमों के अनुपालन के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों और उनके बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. वहीं कोरोना के कारण लागू इस लॉकडाउन में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन नहीं हो रहा है. ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी शासन के निर्देश पर बढ़ गई है.

पत्तल बनाती मुसहर समाज की महिला.
पत्तल बनाती मुसहर समाज की महिला.

जिले के चवंरी जंगल स्थित मुसहर बस्ती में मुसहर समाज के लोग वर्षों से रहते हैं. इनका घर घास-फूस और पॉलिथीन का ही बना है. घरों पर न पक्की छत है और न ही यहां स्वास्थ्यवर्धक माहौल है. यहां इसी परिवेश में इनके परिवार में बच्चे जन्म लेते हैं. इसी माहौल में उन्हें दूध पिलाने वाली माताएं भी रहती हैं. इनके पोषण के लिए प्रदेश के बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनमें स्वास्थ्यवर्धक फूड पैकेट से लेकर इनके वजन की जांच करने का भी इंतजाम होता है.

महिला का वजन कराती आंगनबाड़ी कार्यकर्ता.
महिला का वजन कराती आंगनबाड़ी कार्यकर्ता.
महिलाओं को सिखाया गया सोशल डिस्टेंसिंग का तौर-तरीका
महिलाओं को सिखाया गया सोशल डिस्टेंसिंग का तौर-तरीका

मुसहर समाज की इन महिलाओं का मूल काम जंगल से पत्ते इकट्ठा करना और उनके पत्तल बनाना है. इस बस्ती के बीच आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर कोरोना संक्रमण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी को स्वास्थ्यवर्धक फूड वितरित किए. इतना ही नहीं इन दिनों इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोरोना महामारी के लक्षण और उससे बचाव की जानकारी देने का भी काम दिया गया है, जिसका वह बखूबी निर्वाह कर रही हैं. वह लाभार्थी के घरों तक जाकर कोरोना महामारी के खिलाफ जागरूकता का भी संदेश दे रही हैं.

मौजूदा समय में घर-घर जाकर लाभार्थियों को लाभ पहुंचाना है. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. आंगनबाडी कार्यकर्ताओं पर विभाग के दायित्व के साथ-साथ कोरोना की महामारी से बचाव के सभी तरीकों और लक्षणों की जानकारी देने का काम है. इसमें सभी आंगनबाडी कार्यकर्ता जुटी हुई हैं.
-हेमंत सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी

Last Updated : May 9, 2020, 3:42 PM IST
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