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अलीगढ़: 'द लिनियन सोसाइटी ऑफ लंदन' ने AMU के प्रोफेसर नफीस अहमद खान को फेलोशिप के लिए चुना

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नफीस अहमद खान को प्लांट फिजियोलॉजी में उनके उल्लेखनीय शोध कार्यों के लिए 'द लेनियन सोसाइटी ऑफ लंदन' ने अपने फेलोशिप के लिये चुना है.

fellow of linnean society of london.
प्रो. नफीस अहमद खान.
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Published : Jun 11, 2020, 10:21 PM IST

अलीगढ़: एएमयू के वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. नफीस अहमद खान को प्लांट फिजियोलॉजी में उनके उल्लेखनीय शोध कार्यों के लिए 'द लेनियन सोसाइटी ऑफ लंदन' ने अपना फेलो चयनित किया है. इस फेलोशिप को विज्ञान जगत में बेहद प्रतिष्ठित समझा जाता है.

क्या है 'द लेनियन सोसाइटी ऑफ लंदन' फेलोशिप?
बायोलॉजी के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय शोध कार्यों के लिए वैज्ञानिकों को 'द लेनियन सोसाइटी ऑफ लंदन' फेलोशिप प्रदान की जाती है. यह फेलोशिप दुनिया की सबसे पुरानी बायोलॉजिकल सोसाइटी है, जिसकी स्थापना 1788 में सर जेम्स एडवर्ड स्मिथ ने की थी और वह इसके पहले अध्यक्ष भी थे.

एफएलएस का खिताब
एएमयू संस्थान से लेनियन सोसाइटी ऑफ लंदन फेलोशिप के लिए चयनित प्रोफेसर नफीस अहमद खान 'फेलो ऑफ लेनियन सोसाइटी ऑफ लंदन' का खिताब प्रयोग करेंगे. इसके माध्यम से वह लाइफ साइंसेज में होने वाले शैक्षणिक कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे और लेनियन सोसाइटी ऑफ लंदन की मीटिंग में मतदान कर सकेंगे. फेलो की विशेष मीटिंग्स में शामिल होने के साथ-साथ सोसाइटी की लाइब्रेरी और फेलो के लिए विशेष ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग भी करेंगे.

शोध कार्यों के 13 हजार संदर्भ का उपयोग
प्रोफेसर नफीस अहमद डीएसटी, सीएसआईआर, डीबीटी, यूजीसी तथा यूपी-सीएसटी की विभिन्न शोध परियोजनाओं पर काम कर चुके हैं. प्रोफेसर नफीस प्लांट फीजियोलॉजी और बायोकैमिस्ट्री (इल्जेवियर) और प्लांट्स एण्ड फ्रंटियर्स इन प्लांट साइंस के सम्पादकीय बोर्ड में भी शामिल है. इसके अतिरिक्त प्रो. नफीस के शोध कार्यों के 13 हजार संदर्भ उपयोग किए गए हैं और गूगल स्कॉलर पर उन्हें एच-इंडेंक्स में 54वां स्थान हासिल है.

अलीगढ़: एएमयू के वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. नफीस अहमद खान को प्लांट फिजियोलॉजी में उनके उल्लेखनीय शोध कार्यों के लिए 'द लेनियन सोसाइटी ऑफ लंदन' ने अपना फेलो चयनित किया है. इस फेलोशिप को विज्ञान जगत में बेहद प्रतिष्ठित समझा जाता है.

क्या है 'द लेनियन सोसाइटी ऑफ लंदन' फेलोशिप?
बायोलॉजी के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय शोध कार्यों के लिए वैज्ञानिकों को 'द लेनियन सोसाइटी ऑफ लंदन' फेलोशिप प्रदान की जाती है. यह फेलोशिप दुनिया की सबसे पुरानी बायोलॉजिकल सोसाइटी है, जिसकी स्थापना 1788 में सर जेम्स एडवर्ड स्मिथ ने की थी और वह इसके पहले अध्यक्ष भी थे.

एफएलएस का खिताब
एएमयू संस्थान से लेनियन सोसाइटी ऑफ लंदन फेलोशिप के लिए चयनित प्रोफेसर नफीस अहमद खान 'फेलो ऑफ लेनियन सोसाइटी ऑफ लंदन' का खिताब प्रयोग करेंगे. इसके माध्यम से वह लाइफ साइंसेज में होने वाले शैक्षणिक कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे और लेनियन सोसाइटी ऑफ लंदन की मीटिंग में मतदान कर सकेंगे. फेलो की विशेष मीटिंग्स में शामिल होने के साथ-साथ सोसाइटी की लाइब्रेरी और फेलो के लिए विशेष ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग भी करेंगे.

शोध कार्यों के 13 हजार संदर्भ का उपयोग
प्रोफेसर नफीस अहमद डीएसटी, सीएसआईआर, डीबीटी, यूजीसी तथा यूपी-सीएसटी की विभिन्न शोध परियोजनाओं पर काम कर चुके हैं. प्रोफेसर नफीस प्लांट फीजियोलॉजी और बायोकैमिस्ट्री (इल्जेवियर) और प्लांट्स एण्ड फ्रंटियर्स इन प्लांट साइंस के सम्पादकीय बोर्ड में भी शामिल है. इसके अतिरिक्त प्रो. नफीस के शोध कार्यों के 13 हजार संदर्भ उपयोग किए गए हैं और गूगल स्कॉलर पर उन्हें एच-इंडेंक्स में 54वां स्थान हासिल है.

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