लखनऊ/डेस्क: यूपी में अपराध के बढ़ते मामलों ने सरकार के साथ ही पुलिस प्रशासन की भी चिंता बढ़ा दी है. एक तरफ सरकार अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का दावा करती है...तो दूसरी तरफ अपराधी वारदात को अंजाम देने से बाज नहीं आते. ऐसे में सवाल उठने लाजिमी हैं.
इससे पहले राज्य में मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी के मामले ने सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिये थे. अपराधियों के बढ़ते हौसले पुलिस के लिये परेशानी बनते जा रहे हैं.
जालौन, हमीरपुर, मेरठ और अलीगढ़..ये सिलसिला यहीं तक नहीं थमता. हैवानों के हैवानियत की फेहरिस्त काफी लंबी है. अलीगढ़ की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. ढाई साल की मासूम बच्ची को उसके ही पड़ोसियों ने बड़ी ही बेरहमी से मार डाला. पुलिस की लापरवाही भी मामले में सामने आयी. बाद में मामला तूल पकड़ता गया. पुलिस भी हरकत में आयी और आरोपी गिरफ्तार हुए. हमीरपुर में 10 साल की एक मासूम बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गयी. लोगों का आक्रोश फूट पड़ा, पुलिस के हाथ पैर फूल गये. जालौन में तो दरिंदे रिश्तेदार ने हद ही कर दी. 5 महीने की अबोध बच्ची के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया. मेरठ के एक उर्दू विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा के साथ वहीं के शिक्षक पर रेप के आरोप लगे हैं. एक अन्य मामले में जिले में स्टील व्यापारी से अपराधियों ने लाखों रुपये लूट लिये. एक के बाद एक वारदात ने लॉ एंड ऑर्डर को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.
राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते वारदात के बाद सीएम ने आलाधिकारियों के साथ बैठक की है. योगी ने अपराध के खिलाफ सख्त संदेश देते हुए अपराधियों पर लगाम लगाने की बात कही है. अब देखना है कि इस पर कितना अमल हो पाता है.