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संभल का कार्तिकेय महादेव मंदिर क्या तीर्थस्थल बनेगा?, आखिर क्या है वजह जानिए - SAMBHAL NEWS

दूसरे जिलों से भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हुआ. दर्शन और पूजन-अर्चन कर रहे.

sambhal kartikeya mahadev temple news.
संभल क्या तीर्थस्थल बनेगा. (photo credit: etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 19, 2025, 7:59 AM IST

संभलः संभल में 46 साल बाद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट खुलने के बाद यहां के जीर्ण-शीर्ण मंदिरों और कूपों को संरक्षित करने का काम प्रशासन कर रहा है. इस बीच दूसरे जिलों से भक्तों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. आने वाले समय में अन्य जिलों से भी भक्तों के आने की संभावना जताई जा रही है. संभावना जताई जा रही है कि अगर दूसरे जिलों से आने वाले भक्तों की तादाद और बढ़ी तो संभल का कार्तिकेय महादेव मंदिर किसी तीर्थस्थल के रूप में विख्यात हो सकता है.

गाजियाबाद से 40 भक्तों की टोली दर्शन को पहुंचीः गाजियाबाद से 40 भक्तों की टोली शनिवार को संभल में कार्तिकेय महादेव मंदिर में दर्शन और पूजन को पहुंची. इस दौरान भक्तों में मंदिर में दर्शन-पूजन करने के साथ ही भजन भी गाए. भक्त यहां दर्शन से काफी गदगद नजर आए. उनका कहना है कि यहां आकर उन्हें सुखद अनुभव हुआ है. आगे भी वह संभल आते रहेंगे.

भक्तों ने किया पूजन-अर्चन. (video credit: etv bharat)

अमरदीप ने बताया कि गाजियाबाद से 40 भक्तों का जत्था संभल के मंदिरों के दर्शन करने आया है. हिन्दू धर्म में इन पौराणिक स्थानों का बहुत महत्व है अब इन भव्य स्थानों का आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विकास हो यह स्थान पर्यटन का हिन्दू धर्म की आस्था के बड़े केंद्र बन रहे है संभल नगरी का पौराणिक और दैविक महत्व का वर्णन है कुछ समय के लिए कुछ ऐसी परिस्थिति बनी जिसके चलते आम समाज के समय यह विस्मृत था लेकिन अब सबके सामने है हम लोग यहां आकर बहुत उत्साहित है.

sambhal kartikeya mahadev temple news.
भक्तों ने मंदिर में गाए भजन. (photo credit: etv bharat)
आखिर संभल आने की वजह क्या हैः भक्तों की माने तो हिंदू शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान कल्कि का यहां दसवां अवतार होना है. इस वजह से भी यह जिला भक्तों की आस्था के केंद्र में धीरे-धीरे आ रहा है. गाजियाबाद से आए भक्तों की टोली की तरह ही आने वाले समय में दूसरे जिलों से भी भक्त यहां दर्शन को आ सकते हैं. भक्तों का मानना है कि जिस स्थान पर भगवान कल्कि का अवतार होने का वर्णन मिला है वह अध्यात्म की दृष्टि से बेहद पावन स्थान है. इस वजह से वह दर्शन कर पुण्य़ अर्जित करना चाहते हैं. दूसरी वजह भगवान कार्तिकेय महादेव के मंदिर के 46 वर्ष बाद पट खुलने की वजह भी है. वह ऐसे मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं.

ये स्थान भी दर्शन करने जा रहे भक्तः दूसरे जिलों से आ रहे भक्त कार्तिकेय महादेव के दर्शन के साथ ही वंश गोपाल तीर्थ, चंद्रेश्वर मंदिर, कल्कि मंदिर सहित कई धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः संभल कार्तिकेय महादेव मंदिर; 46 साल बाद कराई गई रंगाई-पुताई, टाइल्स भी लगाए जाएंगे

संभलः संभल में 46 साल बाद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट खुलने के बाद यहां के जीर्ण-शीर्ण मंदिरों और कूपों को संरक्षित करने का काम प्रशासन कर रहा है. इस बीच दूसरे जिलों से भक्तों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. आने वाले समय में अन्य जिलों से भी भक्तों के आने की संभावना जताई जा रही है. संभावना जताई जा रही है कि अगर दूसरे जिलों से आने वाले भक्तों की तादाद और बढ़ी तो संभल का कार्तिकेय महादेव मंदिर किसी तीर्थस्थल के रूप में विख्यात हो सकता है.

गाजियाबाद से 40 भक्तों की टोली दर्शन को पहुंचीः गाजियाबाद से 40 भक्तों की टोली शनिवार को संभल में कार्तिकेय महादेव मंदिर में दर्शन और पूजन को पहुंची. इस दौरान भक्तों में मंदिर में दर्शन-पूजन करने के साथ ही भजन भी गाए. भक्त यहां दर्शन से काफी गदगद नजर आए. उनका कहना है कि यहां आकर उन्हें सुखद अनुभव हुआ है. आगे भी वह संभल आते रहेंगे.

भक्तों ने किया पूजन-अर्चन. (video credit: etv bharat)

अमरदीप ने बताया कि गाजियाबाद से 40 भक्तों का जत्था संभल के मंदिरों के दर्शन करने आया है. हिन्दू धर्म में इन पौराणिक स्थानों का बहुत महत्व है अब इन भव्य स्थानों का आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विकास हो यह स्थान पर्यटन का हिन्दू धर्म की आस्था के बड़े केंद्र बन रहे है संभल नगरी का पौराणिक और दैविक महत्व का वर्णन है कुछ समय के लिए कुछ ऐसी परिस्थिति बनी जिसके चलते आम समाज के समय यह विस्मृत था लेकिन अब सबके सामने है हम लोग यहां आकर बहुत उत्साहित है.

sambhal kartikeya mahadev temple news.
भक्तों ने मंदिर में गाए भजन. (photo credit: etv bharat)
आखिर संभल आने की वजह क्या हैः भक्तों की माने तो हिंदू शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान कल्कि का यहां दसवां अवतार होना है. इस वजह से भी यह जिला भक्तों की आस्था के केंद्र में धीरे-धीरे आ रहा है. गाजियाबाद से आए भक्तों की टोली की तरह ही आने वाले समय में दूसरे जिलों से भी भक्त यहां दर्शन को आ सकते हैं. भक्तों का मानना है कि जिस स्थान पर भगवान कल्कि का अवतार होने का वर्णन मिला है वह अध्यात्म की दृष्टि से बेहद पावन स्थान है. इस वजह से वह दर्शन कर पुण्य़ अर्जित करना चाहते हैं. दूसरी वजह भगवान कार्तिकेय महादेव के मंदिर के 46 वर्ष बाद पट खुलने की वजह भी है. वह ऐसे मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं.

ये स्थान भी दर्शन करने जा रहे भक्तः दूसरे जिलों से आ रहे भक्त कार्तिकेय महादेव के दर्शन के साथ ही वंश गोपाल तीर्थ, चंद्रेश्वर मंदिर, कल्कि मंदिर सहित कई धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर रहे हैं.

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