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सीएम योगी ने गंगा यात्रा रथ को किया रवाना, कहा- सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व करती है गंगा - सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व करती है गंगा

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सीएम योगी
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Published : Jan 23, 2020, 10:21 AM IST

Updated : Jan 23, 2020, 12:46 PM IST

10:02 January 23

27 से 31 जनवरी तक चलेगी गंगा यात्रा

सीएम योगी ने किया संबोधित.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा रथ को रवाना करते हुए कहा कि अब पहले की तरह गंगा में गंदी नहीं है. गंगा अविरल और निर्मल हैं. हम सब इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं, जिनके कारण मां गंगा की अविरल ता निर्मलता आज देखते बनती है.

सीएम योगी के संबोधन के मुख्य बिंदु

  • गंगा यात्रा 27 जनवरी को बिजनौर और बलिया से शुरू होकर 31 जनवरी को कानपुर में खत्म होगी.
  • 128 वर्षों से कानपुर में सीवर गंगा में गिरते थे.
  • गंगा के प्रति यूपी की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा है.
  • गंगा के प्रति हम सबका दायित्व है. 
  • गंगा सनातन हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व करती है.
  • मॉरीशस के पीएम ने कुंभ में स्नान किया.
  • गंगा हमारी आस्था भी है और अर्थव्यवस्था भी है.
  • उत्तर भारत दुनिया का सबसे उर्वरा भूमि के रूप में विकसित हुआ है.

सीएम योगी ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत यूपी सरकार द्वारा आयोजित गंगा यात्रा यूपी में दो स्थानों से आरंभ हो रही है. पहले जहां से गंगा मइया यूपी में प्रवेश करती हैं अर्थात बिजनौर से और दूसरी बलिया, जहां से गंगा मइया बिहार में प्रवेश करती हैं. बिजनौर और बलिया से आरंभ होने वाली दोनों ही यात्राओं का समागम कानपुर में 31 जनवरी को होगा.

पांच राज्यों की अपनी कुल 2525 किमी की यात्रा में मां गंगा 1140 किमी की सर्वाधिक दूरी उत्तर प्रदेश में तय करती हैं. इसलिए गंगा की निर्मलता और अविरलता की यूपी की जिम्मेदारी सर्वाधिक है. योगी आदित्यनाथ ने कहा, कानपुर में 14 करोड़ लीटर सीवर सीसामऊ नाले में प्रतिदिन गिरता था. 'नमामि गंगे' परियोजना में प्रदेश सरकार ने जो कार्य किया उसका परिणाम है कि आज एक बूंद सीवर भी गंगा मइया में नहीं गिर रहा है. 

उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी 
मां गंगा देश में करीब ढाई हजार किलोमीटर यात्रा तय करती हैं. उसमें से करीब 1100 किलोमीटर उत्तर प्रदेश की धरती पर उनकी यात्रा है. इसलिये उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी बनती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज कुंभ बिना गंगा मैया की स्वच्छता के संभव नहीं हो सकता था. कुंभ में गंगा-यमुना के पवित्र संगम में दुनियाभर के करीब 25 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाकर नई ऊंचाइयां दी हैं.

मॉरीशस के पीएम ने गंगा में किया स्नान
2013 में कुंभ के दौरान मॉरीशस के प्रधानमंत्री भी पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने गंगा मैया के सामने हाथ जोड़कर विनती कर ली थी. कि मैं गंगा में स्नान नहीं कर सकता. इतनी गंदगी थी कि कोई भी गंगा जी में स्नान करने से घबराता था. लेकिन मॉरीशस के प्रधानमंत्री को मैंने कुंभ में आने के लिए एक बार फिर आमंत्रित किया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए मेरा आमंत्रण स्वीकार कर लिया. 2019 के कुंभ में जब वह प्रयागराज पहुंचे तो गंगा की निर्मलता देखकर उन्होंने खुशी व्यक्त की. उनके साथ करीब 400 अप्रवासी भारतीय आए थे. उन सब ने गंगा जी में डुबकी लगाई और अभी चार माह पूर्व मॉरीशस में चुनाव हुए वह फिर से प्रधानमंत्री चुने गए. यह गंगा जी की कृपा ही थी कि उन्हें एक बार फिर सरकार चलाने का अवसर प्राप्त हुआ है.

कानपुर में गंगा पूरी तरह से स्वच्छ 
कानपुर में 14 करोड़ लीटर प्रतिदिन सीवर गिरता था. आज एक भी बूंद गंगा जी में सीवर नहीं गिरता है. कानपुर में जलीय जीव नहीं बचे थे. नमामि गंगे परियोजना का ही परिणाम है कि कानपुर में गंगा स्वच्छ ही नहीं बल्कि उसमें बड़ी-बड़ी मछलियों से लेकर अन्य जीवों का जीवन शुरू हो गया है. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर दो गंगा रथ रवाना किए हैं. एक रथ बलिया के लिए है और दूसरा रथ बिजनौर के लिए रवाना किया गया है. इस अवसर पर गंगा यात्रा पर करीब आठ मिनट का गंगा यात्रा थीम सांग लांच किया है. इस अवसर पर जनशक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह, गन्ना मंत्री सुरेश राणा, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी, मुख्य सचिव आरके तिवारी, प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी समेत अन्य महत्वपूर्ण लोग उपस्थित रहे.

गंगा यात्रा के बारे में
27 से 31 जनवरी तक गंगा यात्रा निकाली जाएगी. 27 जनवरी को एक साथ दो जगहों से बिजनौर में बिजनौर बैराज से और बलिया में दुबे छपरा घाट बलिया शहर से यात्रा निकाली जाएगी. दोनों यात्राएं 31 जनवरी को कानपुर में कानपुर बैराज मिलन एवं समापन होगा. इस दौरान या गंगा 27 जिलों से और 21 नगरों से होकर गुजरेगी. गंगा यात्रा 1038 ग्राम पंचायतों में जाएगी. पूरी यात्रा 1358 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. इस यात्रा में हर जिले में वहां के प्रभारी मंत्री जिलाधिकारी समेत अन्य प्रमुख लोग शामिल होंगे. पूरी गंगा यात्रा का आयोजन जलशक्ति मंत्रालय करेगा.

गंगा यात्रा के मुख्य कार्यक्रम
इस यात्रा के दौरान मां गंगा की नियमित आरती के लिए गंगा आरती चबूतरे का निर्माण कराने की योजना है. नगर निकायों द्वारा गंगा पार्क की स्थापना किया जाना है. ग्राम पंचायतों में गंगा मैदानों का विकास, ऑर्गेनिक खेती हेतु प्रशिक्षण, फलदार वृक्षों को तैयार करने के लिए गंगा नर्सरी, ऑडियो प्लस के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में कार्य। पर्यावरण हेतु जागरूकता अभियान, जल संरक्षण के लिए गंगा तालाब की स्थापना, पॉलिथीन मुक्ति का अभियान।,स्वास्थ्य मेले का आयोजन, पशु आरोग्य मेले का आयोजन, गंगा ओपन जिम की स्थापना, घाट/श्मशान ग्रहों का निर्माण, निबंध, चित्रकला, भाषण, वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन।, खेलो इंडिया खेलो खेलकूद की विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन, वाटर स्पोर्ट्स एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम.
 

10:02 January 23

27 से 31 जनवरी तक चलेगी गंगा यात्रा

सीएम योगी ने किया संबोधित.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा रथ को रवाना करते हुए कहा कि अब पहले की तरह गंगा में गंदी नहीं है. गंगा अविरल और निर्मल हैं. हम सब इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं, जिनके कारण मां गंगा की अविरल ता निर्मलता आज देखते बनती है.

सीएम योगी के संबोधन के मुख्य बिंदु

  • गंगा यात्रा 27 जनवरी को बिजनौर और बलिया से शुरू होकर 31 जनवरी को कानपुर में खत्म होगी.
  • 128 वर्षों से कानपुर में सीवर गंगा में गिरते थे.
  • गंगा के प्रति यूपी की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा है.
  • गंगा के प्रति हम सबका दायित्व है. 
  • गंगा सनातन हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व करती है.
  • मॉरीशस के पीएम ने कुंभ में स्नान किया.
  • गंगा हमारी आस्था भी है और अर्थव्यवस्था भी है.
  • उत्तर भारत दुनिया का सबसे उर्वरा भूमि के रूप में विकसित हुआ है.

सीएम योगी ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत यूपी सरकार द्वारा आयोजित गंगा यात्रा यूपी में दो स्थानों से आरंभ हो रही है. पहले जहां से गंगा मइया यूपी में प्रवेश करती हैं अर्थात बिजनौर से और दूसरी बलिया, जहां से गंगा मइया बिहार में प्रवेश करती हैं. बिजनौर और बलिया से आरंभ होने वाली दोनों ही यात्राओं का समागम कानपुर में 31 जनवरी को होगा.

पांच राज्यों की अपनी कुल 2525 किमी की यात्रा में मां गंगा 1140 किमी की सर्वाधिक दूरी उत्तर प्रदेश में तय करती हैं. इसलिए गंगा की निर्मलता और अविरलता की यूपी की जिम्मेदारी सर्वाधिक है. योगी आदित्यनाथ ने कहा, कानपुर में 14 करोड़ लीटर सीवर सीसामऊ नाले में प्रतिदिन गिरता था. 'नमामि गंगे' परियोजना में प्रदेश सरकार ने जो कार्य किया उसका परिणाम है कि आज एक बूंद सीवर भी गंगा मइया में नहीं गिर रहा है. 

उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी 
मां गंगा देश में करीब ढाई हजार किलोमीटर यात्रा तय करती हैं. उसमें से करीब 1100 किलोमीटर उत्तर प्रदेश की धरती पर उनकी यात्रा है. इसलिये उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी बनती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज कुंभ बिना गंगा मैया की स्वच्छता के संभव नहीं हो सकता था. कुंभ में गंगा-यमुना के पवित्र संगम में दुनियाभर के करीब 25 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाकर नई ऊंचाइयां दी हैं.

मॉरीशस के पीएम ने गंगा में किया स्नान
2013 में कुंभ के दौरान मॉरीशस के प्रधानमंत्री भी पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने गंगा मैया के सामने हाथ जोड़कर विनती कर ली थी. कि मैं गंगा में स्नान नहीं कर सकता. इतनी गंदगी थी कि कोई भी गंगा जी में स्नान करने से घबराता था. लेकिन मॉरीशस के प्रधानमंत्री को मैंने कुंभ में आने के लिए एक बार फिर आमंत्रित किया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए मेरा आमंत्रण स्वीकार कर लिया. 2019 के कुंभ में जब वह प्रयागराज पहुंचे तो गंगा की निर्मलता देखकर उन्होंने खुशी व्यक्त की. उनके साथ करीब 400 अप्रवासी भारतीय आए थे. उन सब ने गंगा जी में डुबकी लगाई और अभी चार माह पूर्व मॉरीशस में चुनाव हुए वह फिर से प्रधानमंत्री चुने गए. यह गंगा जी की कृपा ही थी कि उन्हें एक बार फिर सरकार चलाने का अवसर प्राप्त हुआ है.

कानपुर में गंगा पूरी तरह से स्वच्छ 
कानपुर में 14 करोड़ लीटर प्रतिदिन सीवर गिरता था. आज एक भी बूंद गंगा जी में सीवर नहीं गिरता है. कानपुर में जलीय जीव नहीं बचे थे. नमामि गंगे परियोजना का ही परिणाम है कि कानपुर में गंगा स्वच्छ ही नहीं बल्कि उसमें बड़ी-बड़ी मछलियों से लेकर अन्य जीवों का जीवन शुरू हो गया है. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर दो गंगा रथ रवाना किए हैं. एक रथ बलिया के लिए है और दूसरा रथ बिजनौर के लिए रवाना किया गया है. इस अवसर पर गंगा यात्रा पर करीब आठ मिनट का गंगा यात्रा थीम सांग लांच किया है. इस अवसर पर जनशक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह, गन्ना मंत्री सुरेश राणा, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी, मुख्य सचिव आरके तिवारी, प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी समेत अन्य महत्वपूर्ण लोग उपस्थित रहे.

गंगा यात्रा के बारे में
27 से 31 जनवरी तक गंगा यात्रा निकाली जाएगी. 27 जनवरी को एक साथ दो जगहों से बिजनौर में बिजनौर बैराज से और बलिया में दुबे छपरा घाट बलिया शहर से यात्रा निकाली जाएगी. दोनों यात्राएं 31 जनवरी को कानपुर में कानपुर बैराज मिलन एवं समापन होगा. इस दौरान या गंगा 27 जिलों से और 21 नगरों से होकर गुजरेगी. गंगा यात्रा 1038 ग्राम पंचायतों में जाएगी. पूरी यात्रा 1358 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. इस यात्रा में हर जिले में वहां के प्रभारी मंत्री जिलाधिकारी समेत अन्य प्रमुख लोग शामिल होंगे. पूरी गंगा यात्रा का आयोजन जलशक्ति मंत्रालय करेगा.

गंगा यात्रा के मुख्य कार्यक्रम
इस यात्रा के दौरान मां गंगा की नियमित आरती के लिए गंगा आरती चबूतरे का निर्माण कराने की योजना है. नगर निकायों द्वारा गंगा पार्क की स्थापना किया जाना है. ग्राम पंचायतों में गंगा मैदानों का विकास, ऑर्गेनिक खेती हेतु प्रशिक्षण, फलदार वृक्षों को तैयार करने के लिए गंगा नर्सरी, ऑडियो प्लस के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में कार्य। पर्यावरण हेतु जागरूकता अभियान, जल संरक्षण के लिए गंगा तालाब की स्थापना, पॉलिथीन मुक्ति का अभियान।,स्वास्थ्य मेले का आयोजन, पशु आरोग्य मेले का आयोजन, गंगा ओपन जिम की स्थापना, घाट/श्मशान ग्रहों का निर्माण, निबंध, चित्रकला, भाषण, वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन।, खेलो इंडिया खेलो खेलकूद की विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन, वाटर स्पोर्ट्स एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम.
 

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Last Updated : Jan 23, 2020, 12:46 PM IST
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