लखनऊ: शिया और सुन्नी मरकजी चांद कमेटी ने पूरे मुल्क में 25 मई को ईद-उल-फित्र मनाए जाने का ऐलान किया है. मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद और शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने शनिवार को ईद का चांद नहीं नजर आने के चलते सोमवार को ईद का पर्व मनाए जाने का ऐलान किया है.
पवित्र महीना रमजान खत्म होते ही ईद का पर्व मनाया जाता है. ईद-उल-फित्र को मुसलमानों का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. 29 या 30 रोजे रखकर पूरे महीने अल्लाह की इबादत के बाद रोजेदार के लिए यह खुशी का त्योहार होता है. ईद में बड़े और बुजुर्ग अपने से छोटों को ईदी (तोहफे) देते हैं.
सिंवई और लजीज पकवान खिलाकर खुशियां मनाते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए उलेमा ने सादगी से ईद का त्योहार मनाने और अपने घरों में ही रहकर इबादत करने की अपील की है. ईदगाह लखनऊ की इमाम और मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने ईद के खर्चे का 50 फीसदी गरीब और जरूरतमंदों को देने की अपील के साथ ईद की नमाज भी घर पर रहकर ही अदा करने को कहा है.
शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने भी चांद नहीं नजर आने की तस्दीक की है, जिसके चलते ईद का पर्व सोमवार 25 मई को मनाया जाएगा. मौलाना सैफ अब्बास और इदारे शरिया फिरंगी महल के मुफ्ती अबुल इरफान मियां ने बेहद सादगी से ईद मनाने और गले मिलने या हाथ मिलाने की जगह एक दूसरे को फोन और सोशल मीडिया के जरिए ईद की मुबारकबाद पेश करने की अपील की है.