नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अवैज्ञानिक तरीके से ठोस कचरा फेंकने और इसके निपटान को लेकर बुधवार को जम्मू कश्मीर प्रशासन (SC to J K administration) की आलोचना करते हुए कहा कि वह लोगों के जीवन से नहीं खेल सकता. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने अवैज्ञानिक तरीके से ठोस कचरा फेंकने और निपटान को लेकर 64.21 लाख रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाए जाने के खिलाफ बांदीपोरा निगम परिषद की याचिका खारिज कर दी.
पीठ ने नगर निकाय द्वारा दाखिल याचिका को खारिज करते हुए कहा, 'क्या मामलों से निपटने का आपका यही तरीका है? क्या आपके सरकार की यही सोच है? आप लोगों के जीवन के साथ नहीं खेल सकते। जुर्माना भरें.' नगर निकाय की ओर से पेश वकील ने कहा कि नया डंपिंग ग्राउंड तैयार होने के बावजूद जुर्माना लगाया गया है. उन्होंने दलील दी क निगम परिषद ने ठोस कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए सुधारात्मक कार्रवाई की है.
शीर्ष अदालत राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के एक आदेश के खिलाफ बांदीपोरा निगम परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. एनजीटी ने जम्मू-कश्मीर राज्य प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा लगाए गए पर्यावरण मुआवजे की वसूली को रद्द करने से इनकार कर दिया था. (पीटीआई-भाषा)