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पेगासस विवाद : बंगाल सरकार ने जांच के लिए बनाया दो सदस्यीय पैनल - स्पाईवेयर पेगासस

बंगाल की ममता सरकार ने पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय पैनल का गठन किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर और कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य शामिल हैं.

पेगासस जासूसी
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Published : Jul 26, 2021, 2:12 PM IST

Updated : Jul 26, 2021, 2:19 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने इजराइली स्पाईवेयर पेगासस (Pegasus Spyware) के जरिए फोन की कथित जासूसी मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच पैनल का गठन करने का निर्णय लिया है. सोमवार को कोलकाता में राज्य सचिवालय में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया.

दो सदस्यीय आयोग की अध्यक्षता कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य (Jyotirmay Bhattacharya) करेंगे. उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मदन भीमराव लोकुर इसके दूसरे सदस्य हैं.

राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस वार्ता में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल इस मुद्दे पर जांच आयोग गठित करने वाला पहला राज्य है. बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमें लगा था कि फोन हैक किए जाने की जांच के लिए केंद्र कोई जांच आयोग गठित करेगा या अदालत की निगरानी में जांच का आदेश दिया जाएगा, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही... इसलिए हमने इस मामले की पड़ताल के लिए 'जांच आयोग' गठित करने का फैसला किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'पेगासस के जरिए जिन लोगों का निशाना बनाया गया है, उनमें पश्चिम बंगाल के लोगों के भी नाम सामने आए हैं. केंद्र सबकी जासूसी करने की कोशिश कर रहा है. आयोग अवैध रूप से फोन हैक करने के मामले की पूरी जानकारी का पता लगाएगा.'

साथ ही ममता ने कहा कि वह आज नई दिल्ली के लिए रवाना हो रही हैं, इसलिए उन्होंने दिल्ली यात्रा से पहले कैबिनेट की बैठक में जांच आयोग के फैसले को मंजूरी देने के बारे में सोचा.

यह भी पढ़ें- Pegasus पर बोले चिदंबरम, भारत सरकार इकलौती जिसे जासूसी पर फिक्र नहीं

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल नेताओं, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए किया गया था, जिसके बाद देश और दुनिया भर में इसे लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने इजराइली स्पाईवेयर पेगासस (Pegasus Spyware) के जरिए फोन की कथित जासूसी मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच पैनल का गठन करने का निर्णय लिया है. सोमवार को कोलकाता में राज्य सचिवालय में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया.

दो सदस्यीय आयोग की अध्यक्षता कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य (Jyotirmay Bhattacharya) करेंगे. उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मदन भीमराव लोकुर इसके दूसरे सदस्य हैं.

राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस वार्ता में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल इस मुद्दे पर जांच आयोग गठित करने वाला पहला राज्य है. बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमें लगा था कि फोन हैक किए जाने की जांच के लिए केंद्र कोई जांच आयोग गठित करेगा या अदालत की निगरानी में जांच का आदेश दिया जाएगा, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही... इसलिए हमने इस मामले की पड़ताल के लिए 'जांच आयोग' गठित करने का फैसला किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'पेगासस के जरिए जिन लोगों का निशाना बनाया गया है, उनमें पश्चिम बंगाल के लोगों के भी नाम सामने आए हैं. केंद्र सबकी जासूसी करने की कोशिश कर रहा है. आयोग अवैध रूप से फोन हैक करने के मामले की पूरी जानकारी का पता लगाएगा.'

साथ ही ममता ने कहा कि वह आज नई दिल्ली के लिए रवाना हो रही हैं, इसलिए उन्होंने दिल्ली यात्रा से पहले कैबिनेट की बैठक में जांच आयोग के फैसले को मंजूरी देने के बारे में सोचा.

यह भी पढ़ें- Pegasus पर बोले चिदंबरम, भारत सरकार इकलौती जिसे जासूसी पर फिक्र नहीं

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल नेताओं, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए किया गया था, जिसके बाद देश और दुनिया भर में इसे लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है.

Last Updated : Jul 26, 2021, 2:19 PM IST
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