हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार धर्म संसद में भड़काऊ भाषण मामले में गिरफ्तार किये गये जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. वहीं सीजेएम हरिद्वार की अदालत ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.अब वसीम रिजवी के वकील सत्र न्यायालय में अपील करेंगे. जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जमानत याचिका खारिज होने के बाद हरिद्वार में अनशन पर बैठे स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी व स्वामी अमृतानंद ने अब कोर कमेटी के आग्रह के बाद अनशन को समाप्त कर दिया और सत्याग्रह शुरू कर दिया है.
धर्म संसद के आयोजकों में से एक रहे और कोर कमेटी के सदस्य स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया कि वसीम रिजवी की जमानत याचिका निरस्त होने के बाद अनशन पर बैठे स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि व अमृतानंद की तबीयत अचानक बिगड़ गई. जिसके बाद कोर कमेटी ने दोनों संतों से जल ग्रहण करने का आग्रह किया गया और उन्होंने जल ग्रहण किया. स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि अब यह लड़ाई काफी लंबी चलने वाली है. जिसके लिए हमें दोनों ही संतों की अति आवश्यकता है. ऐसे में हमारे द्वारा छोटी सी गलती भी विरोधियों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है. इसी को देखते हुए हमने दोनों संतों से आग्रह किया था कि वह जल ग्रहण करना प्रारंभ करें. दोनों ही संतों ने इसे मान भी लिया है.
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अनशन पर बैठे स्वामी यति नरसिंहानंद ने कहा कि मुझे इस तरह की उम्मीद नहीं थी कि मुस्लिम समाज से हिंदू धर्म में आए जितेंद्र नारायण त्यागी के साथ अन्याय होगा. मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं, यह लड़ाई अब कितनी लंबी चलेगी यह भी कहना मुश्किल है. गौरतलब है कि धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी) के खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में कुल 3 मुकदमे दर्ज हैं. एक मुकदमे में पुलिस आरोपी को 41 सीआरपीसी के तहत नोटिस भी जारी कर चुकी थी. अपराध दोहराने पर एक दूसरे मुकदमे में गुरुवार को नारसन बॉर्डर से जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी) को गिरफ्तार किया गया था.