लखनऊ : यूपी को अपराध मुक्त करने और बड़े-बड़े अपराधियों को सलाखों में डालने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस खूब किरकिरी करा रही है. मामला सूबे की राजधानी लखनऊ की कृष्णानगर का है.
दरअसल, बीते 31 जुलाई की रात कृष्णानगर थाना क्षेत्र स्थित बाराबिरवा चौराहे के पास एक दबंग युवती ने वैन चालक पर टक्कर मारने का आरोप लगाते हुए ट्रैफिक पुलिस और भीड़ की मौजूदगी में हाई वोल्टेज ड्रामा किया और चालक की 20 मिनट तक पिटाई करती रही. साथ ही उसका मोबाइल फोन भी तोड़ डाला. यही नहीं बचाने गए एक युवक को भी उसने थप्पड़ जड़ दिए.
चालक अपनी बेगुनाही को लेकर चिल्लाता रहा लेकिन उसकी किसी ने एक न सुनी. कृष्णानगर पुलिस ने बिना कोई जांच किए चालक और पैरवी में आए उसके भाई और उसके एक मित्र का भी 151 में चालान कर दिया. अब सोमवार को CCTV फुटेज सामने आने के बाद कृष्णानगर पुलिस की कलई खुल गई है.
अब सवाल उठता है कि, CCTV फुटेज में चालक सआदत अली निर्दोष साबित हो रहा है, अब क्या पुलिस उसकी बेइज्जती और उसके मानमर्दन और टूटे हुए मोबाइल फोन की भरपाई करेगी? क्या दबंग युवती पर पुलिस कार्रवाई करेगी? फिलहाल पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर मामले की जांच की बात कहकर चुप्पी साधे हैं.
पुलिस जिम्मेदार, होनी चाहिए कार्रवाई
कृष्णानगर निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज त्रिपाठी का कहना है कि बिना जांच किए पुलिस को कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. अक्सर जो दिखता है वह सच नहीं निकलता है, इसलिए पुलिस को जांच कर ही कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए. चालक सआदत अली का भीड़ के सामने युवती ने जो अपमान किया और पुलिस ने उसे अपराधी ही बना डाला.
पुलिस के जिम्मेदार अफसरों के साथ उस युवती पर भी कार्रवाई करनी चाहिए. क्षेत्र के ही रिटायर्ड डिप्टी एसपी श्यामाकांत त्रिपाठी का कहना है कि पुलिस का काम बहुत ही जिम्मेदारी का होता है, ऐसे में पुलिस को दोनों पक्षों की बात सुनकर और हर पहलू को जांच कर ही कार्रवाई करनी चाहिए. भारतीय संविधान भी कहता है कि, एक निर्दोष को किसी भी कीमत पर सजा नहीं मिलनी चाहिए.
पूरी कहानी सआदत अली की जुबानी
पीड़ित सआदत अली की मानें तो वह एयरपोर्ट से सवारी छोड़ वापस आ रहा था. इसी बीच वह रेड लाइट होते ही बाराबिरवा चौराहे पर रुक गया. इसी बीच न जाने कहां से एक युवती आ गई और एकाएक कार का दरवाजा खोल थप्पड़ जड़ने शुरू कर दिए. कारण पूछने पर उसने मालिक का दिया हुआ मोबाइल फोन छीन लिया और जमीन पर पटक दिया.
जिससे उसका 25 हजार रुपये का मोबाइल चकनाचूर हो गया और यह सब ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी में हो रहा था. सआदत ने बताया कि मैं खुद को बचाने के लिए ट्रैफिक पुलिस और भीड़ से गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने एक न सुनी. इतना ही नहीं, पुलिस मौके पर पहुंची और उसे थाने उठा लाई और 151 में चालान कर दिया.
इस दौरान मैं अपनी बेगुनाही के लिए और रक्षा के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया. यही नहीं, पैरवी के लिए आए उसके भाई इनायत अली और मित्र दाउद को भी थाने में अपमानित किया और 151 में उनका भी चालान कर दिया. आरोप है कि उसकी गाड़ी भी थाने में बंद कर दी गई है.
गाड़ी छोड़ने के लिए भी थाने पर तैनात दारोगा हीरेन्द्र सिंह ने 10 हजार रुपये की मांग की है. लेकिन पांच हजार रुपये लेने के बाद ही उसकी गाड़ी छोड़ी गई. पीड़ित का कहना है पुलिस द्वारा हुई इस कार्रवाई से डर के कारण उसने कोई शिकायती पत्र नहीं दिया है क्योंकि उसकी सड़क पर ही रहकर अपना काम करना है.
ACP बोले सआदत अली से मांगी तहरीर
ACP कृष्णानगर स्वतंत्र कुमार सिंह का कहना है कि शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद इसका संज्ञान लिया गया था. इस मामले में वजीरगंज के रहने वाले प्राइवेट कार चालक सहादत अली के खिलाफ धारा 151 शांतिभंग में कार्रवाई की गई है.
इसके साथ ही सरोजनीनगर की रहने वाली युवती प्रियदर्शनी नारायण के खिलाफ धारा 107 (16) शांतिभंग की धारा में कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा अभी तक जानकारी में यह सामने आया है कि वह युवती दिमागी रूप से बीमार है और उसका अक्सर विवाद होता रहता है.
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उन्होंने कहा कि सहादत अली से शिकायती पत्र देने के लिए कहा गया है, लेकिन उसकी तरफ से कोई शिकायती पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. अगर कोई शिकायती पत्र मिलता है तो उसके हिसाब से ही मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा फिलहाल इस मामले पर सीसीटीवी और वीडियो के आधार पर जांच के आदेश दिए गए हैं, जिसकी जांच भी की जा रही है.