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गले में खराश को हल्के में न लें, कोविड मरीजों में मिले हैं नए लक्षण

राजधानी दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामले को लेकर ईटीवी भारत ने सर गंगा राम अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. मनीष मुंजाल से बात की. जहां पर उन्होंने कहा कि एक्सटी और ओमिक्रोन के जो नए वेरिएंट आए हैं, उसमें लोगों में गले में लक्षण ज्यादा दिखाई दे रहा है.

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Published : Jun 12, 2022, 10:39 PM IST

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. बढ़ते मामलों को लेकर ईटीवी भारत ने सर गंगा राम अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. मनीष मुंजाल से बात की, जहां पर उन्होंने कहा कि एक्सटी और ओमिक्रोन के जो नए वेरिएंट आए हैं, उसमें लोगों में गले में लक्षण ज्यादा दिखाई दे रहा है. जिसमें दो-तीन दिन से बुखार, लंबी खांसी के लक्षण ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सामान्य वायरल से ज्यादा अलग नहीं है. इसके लिए इसे कोई अलग से ट्रीटमेंट नहीं किया जा रहा है.

डॉक्टर ने कहा कि मनुष्य शरीर के लिए यह नया वायरस स्ट्रेन है. ऐसे में अब भी लोगों में कुछ न कुछ सीरियस मामले देखने को मिलेंगे. जिसकी वजह से अस्पतालों में पिछले कुछ दिनों से मरीजों की संख्या बढ़ी है और हाल ही में कुछ लोगों की भी जान गई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें अभी भी खुद का ख्याल रखने की जरूरत है. कोविड-19 के नियमों का पालन करने की आवश्यकता है. अगर किसी भी प्रकार की कोई भी परेशानी है तो खुद डॉक्टर न बनें डॉक्टर से तुरंत सलाह जरूर लें.

डॉ. मनीष मुंजाल ने कहा कि सबसे पहले यह देखते हैं कि कहीं यात्रा या पार्टी से तो नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि गले में खराश, गला सूख रहा है, सांस लेने में दिक्कत हो रही है बेशक ऑक्सीजन ठीक है. खाने में दिक्कत आ रही हो. इसके साथ बुखार पिछले कई दिनों से नहीं जा रहा हो और कुछ लोगों में डायरिया की भी शिकायत आ रही है तो आशंका ज्यादा है कि वायरल इनफेक्शन कोविड-19 हो सकता है. अभी इस तरह के मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है. डॉ. मनीष मुंजाल ने कहा कि वायरस कमजोर व्यक्ति और बुजुर्गों पर हमेशा से हमला करता रहा है. उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में गले में खराश, थकान यह बच्चों और बड़ों में ज्यादा देखने को मिल रहा है, लेकिन बड़ों में जो अस्पताल पहुंच रहे हैं दुर्भाग्यवश उन्हें वेंटिलेटर या आईसीयू की जरूरत पड़ रही है. साथ ही कहा कि तीन-चार दिन से ज्यादा बुखार के केस ही अब अस्पताल में आ रहे हैं. इनमें इंफेक्शन कोविड-19 काफी रिएक्ट कर रहा है. कुछ जांच के बाद पता चलता है कि गांठ, पेट की गांठ और जोड़ों में इनमें रिएक्शन बढ़ गया है.
कोविड मरीजों में मिले हैं नए लक्षण
डेल्टा स्ट्रेन में यह पहले केवल फेफड़ों में ही दिखाई पड़ रहा था. इसके कारण शरीर में काफी गर्मी बढ़ जाती है. बुखार काफी दिनों तक रहता है, लेकिन वायरस जल्दी निगेटिव हो जाता है. डॉ. मनीष मुंजाल ने कहा कि मरीज पांचवें या छठे दिन अस्पताल में भर्ती होने के लिए आते हैं क्योंकि फिलहाल कोई ज्यादा दिक्कत नहीं हो रही है, जिसकी वजह से वायरस टेस्ट में नहीं आ पाता है. उन्होंने कहा कि जो लोग पहले से किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं जैसे कि किडनी की बीमारी, शुगर, ब्लड प्रेशर ऐसे लोगों को आईसीयू तक की जरूरत पड़ रही है. इनमें हाल के दिनों में कई लोगों की जान भी चली गई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लग गई है, जिसकी वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या काफी कम है और टेस्ट में जल्दी नहीं लक्षण दिखाई दे रहे हैं.


ये भी पढ़ें : नई दिल्ली नगर पालिका परिषद काजल की कोठरी! कर्मचारी नेता ने उठाई करप्शन के ख़िलाफ़ आवाज़

डॉ. मनीष मुंजाल ने कहा कि इस सीजन चेंज कहना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि गर्मी में ठंडा गरम अधिक हो जाता है एसी के कमरे में रहने के बाद बाहर गर्म में निकलते हैं तो यह वायरस के लिए एक अनुकूल माहौल है. दूसरा पानी कहीं पर भी किसी तरीके से पी लेते हैं. साफ - सफाई को नजरअंदाज कर देते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि गर्मी से हमें खुद को बचाने के साथ खुद को सुरक्षित भी रखना है. ऐसे में हमें अपने शरीर के तापमान के आसपास खानपान और रहन-सहन रखना है. मौजूदा समय में गर्मी काफी है जितना पानी पी सकें. हमें उतना पानी पीते रहना चाहिए पर यह ख्याल रहे कि जो पानी पी रहे हैं वह साफ सुथरा हो.


ये भी पढ़ें : दिल्ली कोरोना : 24 घंटे में 655 नए मामले, दो की गई जान


मनीष मुंजाल ने कहा कि बच्चों की इम्युनिटी काफी अच्छी है लेकिन बच्चों में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर बच्चों के स्कूल खुल गए हैं. वातानुकूलित कमरों की जगह खुले कमरे हों. बच्चों में अगर बुखार, खांसी, जुकाम का लक्षण हो तो उन्हें शिक्षक से बात कर 4 या 5 दिन तक की स्कूल ना भेजें. साथ ही कहा कि कोविड-19 अब हमारे समाज का एक हिस्सा हो गया है. लेकिन हमें सरकार के द्वारा जारी किए गए. कोविड-19 नियमों का सही से पालन करना है. अगर कहीं पर बाहर जा रहे हैं तो निरंतर हाथ सेनीटाइज करना और मास्क पहन कर रखना है. किसी भी तरह कि अगर शरीर में कोई तकलीफ हो तो खुद डॉक्टर बनने की जगह डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोविड-19 के 655 नए मामले सामने आए थे. संक्रमण दर 3.11 फ़ीसदी दर्ज की गई थी इसके अलावा 2 मरीजों की जान चली गई थी. वहीं सक्रिय मरीजों की संख्या 2000 के पार चली गई है.

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. बढ़ते मामलों को लेकर ईटीवी भारत ने सर गंगा राम अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. मनीष मुंजाल से बात की, जहां पर उन्होंने कहा कि एक्सटी और ओमिक्रोन के जो नए वेरिएंट आए हैं, उसमें लोगों में गले में लक्षण ज्यादा दिखाई दे रहा है. जिसमें दो-तीन दिन से बुखार, लंबी खांसी के लक्षण ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सामान्य वायरल से ज्यादा अलग नहीं है. इसके लिए इसे कोई अलग से ट्रीटमेंट नहीं किया जा रहा है.

डॉक्टर ने कहा कि मनुष्य शरीर के लिए यह नया वायरस स्ट्रेन है. ऐसे में अब भी लोगों में कुछ न कुछ सीरियस मामले देखने को मिलेंगे. जिसकी वजह से अस्पतालों में पिछले कुछ दिनों से मरीजों की संख्या बढ़ी है और हाल ही में कुछ लोगों की भी जान गई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें अभी भी खुद का ख्याल रखने की जरूरत है. कोविड-19 के नियमों का पालन करने की आवश्यकता है. अगर किसी भी प्रकार की कोई भी परेशानी है तो खुद डॉक्टर न बनें डॉक्टर से तुरंत सलाह जरूर लें.

डॉ. मनीष मुंजाल ने कहा कि सबसे पहले यह देखते हैं कि कहीं यात्रा या पार्टी से तो नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि गले में खराश, गला सूख रहा है, सांस लेने में दिक्कत हो रही है बेशक ऑक्सीजन ठीक है. खाने में दिक्कत आ रही हो. इसके साथ बुखार पिछले कई दिनों से नहीं जा रहा हो और कुछ लोगों में डायरिया की भी शिकायत आ रही है तो आशंका ज्यादा है कि वायरल इनफेक्शन कोविड-19 हो सकता है. अभी इस तरह के मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है. डॉ. मनीष मुंजाल ने कहा कि वायरस कमजोर व्यक्ति और बुजुर्गों पर हमेशा से हमला करता रहा है. उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में गले में खराश, थकान यह बच्चों और बड़ों में ज्यादा देखने को मिल रहा है, लेकिन बड़ों में जो अस्पताल पहुंच रहे हैं दुर्भाग्यवश उन्हें वेंटिलेटर या आईसीयू की जरूरत पड़ रही है. साथ ही कहा कि तीन-चार दिन से ज्यादा बुखार के केस ही अब अस्पताल में आ रहे हैं. इनमें इंफेक्शन कोविड-19 काफी रिएक्ट कर रहा है. कुछ जांच के बाद पता चलता है कि गांठ, पेट की गांठ और जोड़ों में इनमें रिएक्शन बढ़ गया है.
कोविड मरीजों में मिले हैं नए लक्षण
डेल्टा स्ट्रेन में यह पहले केवल फेफड़ों में ही दिखाई पड़ रहा था. इसके कारण शरीर में काफी गर्मी बढ़ जाती है. बुखार काफी दिनों तक रहता है, लेकिन वायरस जल्दी निगेटिव हो जाता है. डॉ. मनीष मुंजाल ने कहा कि मरीज पांचवें या छठे दिन अस्पताल में भर्ती होने के लिए आते हैं क्योंकि फिलहाल कोई ज्यादा दिक्कत नहीं हो रही है, जिसकी वजह से वायरस टेस्ट में नहीं आ पाता है. उन्होंने कहा कि जो लोग पहले से किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं जैसे कि किडनी की बीमारी, शुगर, ब्लड प्रेशर ऐसे लोगों को आईसीयू तक की जरूरत पड़ रही है. इनमें हाल के दिनों में कई लोगों की जान भी चली गई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लग गई है, जिसकी वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या काफी कम है और टेस्ट में जल्दी नहीं लक्षण दिखाई दे रहे हैं.


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डॉ. मनीष मुंजाल ने कहा कि इस सीजन चेंज कहना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि गर्मी में ठंडा गरम अधिक हो जाता है एसी के कमरे में रहने के बाद बाहर गर्म में निकलते हैं तो यह वायरस के लिए एक अनुकूल माहौल है. दूसरा पानी कहीं पर भी किसी तरीके से पी लेते हैं. साफ - सफाई को नजरअंदाज कर देते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि गर्मी से हमें खुद को बचाने के साथ खुद को सुरक्षित भी रखना है. ऐसे में हमें अपने शरीर के तापमान के आसपास खानपान और रहन-सहन रखना है. मौजूदा समय में गर्मी काफी है जितना पानी पी सकें. हमें उतना पानी पीते रहना चाहिए पर यह ख्याल रहे कि जो पानी पी रहे हैं वह साफ सुथरा हो.


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मनीष मुंजाल ने कहा कि बच्चों की इम्युनिटी काफी अच्छी है लेकिन बच्चों में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर बच्चों के स्कूल खुल गए हैं. वातानुकूलित कमरों की जगह खुले कमरे हों. बच्चों में अगर बुखार, खांसी, जुकाम का लक्षण हो तो उन्हें शिक्षक से बात कर 4 या 5 दिन तक की स्कूल ना भेजें. साथ ही कहा कि कोविड-19 अब हमारे समाज का एक हिस्सा हो गया है. लेकिन हमें सरकार के द्वारा जारी किए गए. कोविड-19 नियमों का सही से पालन करना है. अगर कहीं पर बाहर जा रहे हैं तो निरंतर हाथ सेनीटाइज करना और मास्क पहन कर रखना है. किसी भी तरह कि अगर शरीर में कोई तकलीफ हो तो खुद डॉक्टर बनने की जगह डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोविड-19 के 655 नए मामले सामने आए थे. संक्रमण दर 3.11 फ़ीसदी दर्ज की गई थी इसके अलावा 2 मरीजों की जान चली गई थी. वहीं सक्रिय मरीजों की संख्या 2000 के पार चली गई है.

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