नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं. इस दौरान दो लाख से अधिक महिलाओं की मौजूदगी वाले एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, रोजगार के लिए, परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए जो योजनाएं देश में चल रहा है, उसमें भी महिलाओं को बराबर का भागीदार बनाया जा रहा है. मुद्रा योजना आज गांव-गांव में, गरीब परिवारों से भी नई-नई महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही है. दीनदयाल अंत्योदय योजना के जरिए भी देश भर में महिलाओं को स्वयं सहायता समूह (self help group) और ग्रामीण संगठनों से जोड़ा जा रहा है. महिला स्वयं सहायता समूह की बहनों को तो मैं आत्मनिर्भर भारत अभियान का चैपिंयन मानता हूं.
उन्होंने कहा, बेटियां भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिलें. इसलिए बेटियों की शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि महिलाएं शादी की उम्र 21 साल करने संबंधी सरकार के फैसले से खुश हैं, लेकिन इससे कुछ लोगों को तकलीफ हो रही है. मोदी ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिए गए 30 लाख घरों में से 25 लाख उत्तर प्रदेश में महिलाओं के नाम पर पंजीकृत हैं. उन्होंने कहा कि यह महिलाओं के सच्चे सशक्तिकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
उन्होंने कहा, कन्याओं को आगे पढ़ने और बढ़ने के लिए अवसर मिले, इसलिए केंद्र ने उनके विवाह की आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का प्रयास किया. लेकिन किसको इससे तकलीफ हो रही है, यह सब देख रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में विकास के लिए, महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए जो काम हुआ है, वो पूरा देश देख रहा है. अभी मुझे यहां मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की 1 लाख से ज्यादा लाभार्थी बेटियों के खातों में करोड़ो रूपये ट्रांसफर करने का सौभाग्य मिला. यूपी सरकार ने बैंक सखियों के ऊपर 75 हजार करोड़ रुपये के लेनदेन की जिम्मेदारी सौंपी हैं. 75 हजार करोड़ रुपये का कारोबार गांवों में रहने वाली मेरी बहनें-बेटियां कर रही हैं.
उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने, माताओं-बहनों-बेटियों ने ठान लिया है- अब वो पहले की सरकारों वाला दौर वापस नहीं आने देंगी. डबल इंजन की सरकार ने यूपी की महिलाओं को जो सुरक्षा दी है, जो सम्मान दिया है, उनकी गरिमा बढ़ाई है, वो अभूतपूर्व है.
पीएम मोदी ने कहा, बेटियां कोख में ही ना मारी जाएं, वो जन्म लें, इसके लिए हमने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के माध्यम से समाज में चेतना जगाने का प्रयास किया. आज परिणाम यह है कि देश के अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है. प्रसव के बाद भी बिना चिंता के अपने बच्चे की शुरुआती देखरेख करते हुए मां अपना काम जारी रख सके. इसके लिए महिलाओं की छुट्टी को 6 महीने किया गया है.
उन्होंने कहा, दशकों तक ऐसी व्यवस्था रही कि घर और घर की संपत्ति को केवल पुरुषों का ही अधिकार समझा जाने लगा. घर है तो किसके नाम? पुरुषों के नाम. खेत है तो किसके नाम? पुरुषों के नाम. नौकरी, दुकान पर किसका हक? पुरुषों का. आज हमारी सरकार की योजनाएं, इस असमानता को भी दूर कर रही हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर दिये जा रहे हैं, वो प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं के ही नाम से बन रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा, प्रयागराज हजारों सालों से हमारी मातृशक्ति की प्रतीक मां गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम की धरती रही है. आज ये तीर्थ नगरी नारी-शक्ति के इतने अद्भुत संगम की भी साक्षी बन रही है.
पढ़ें :- यूपी : 1.6 लाख स्वयं सहायता समूह को 1,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बताया कि यह कार्यक्रम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विशेष रूप से जमीनी स्तर पर, उन्हें आवश्यक कौशल, प्रोत्साहन और संसाधन प्रदान करने के प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप आयोजित किया जा रहा है. पीएम ने स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के खातों मे 1000 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की है, जिससे लगभग 16 लाख महिला सदस्यों को लाभ पहुंचेगा.
पीएमओ ने बताया कि यह हस्तांतरण दीनदयाल उपाध्याय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई) के तहत किया गया, जिसमें 80,000 एसएचजी को प्रति एसएचजी 1.10 लाख रुपये का सामुदायिक निवेश कोष (सीआईएफ) प्राप्त होगा और 60,000 एसएचजी को प्रति एसएचजी 15,000 रुपये की चक्रीय (रिवॉल्विंग) निधि प्राप्त होगी.
पीएमओ ने बताया कि व्यापार अभिकर्ता-सखियों (बीसी-सखियों) को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रधानमंत्री उनमें से 20,000 के खाते में पहले महीने के वजीफे के रूप में 4,000 रुपये की राशि भी स्थानांतरित करेंगे. जब बीसी-सखियां जमीनी स्तर पर वित्तीय सेवाओं के प्रदाता के रूप में अपना काम शुरू करती हैं, तो उन्हें छह महीने के लिए 4,000 रुपये का वजीफा दिया जाता है, ताकि वे अपने काम में स्थिर हो जाएं और फिर लेन-देन पर कमीशन के माध्यम से कमाई शुरू करें.
कार्यक्रम के दौरान, मोदी 'मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना' के तहत एक लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल 20 करोड़ से रुपये अधिक की राशि हस्तांतरित करेंगे. यह योजना एक बालिका को उसके जीवन के विभिन्न चरणों में सशर्त नकद हस्तांतरण प्रदान करती है. कुल हस्तांतरण 15,000 रुपये प्रति लाभार्थी है.
वह 202 पूरक पोषण निर्माण इकाइयों की आधारशिला भी रखेंगे. इन इकाइयों को स्वयं सहायता समूहों द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है और एक इकाई के लिए लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से निर्माण किया जाएगा.