नई दिल्ली : कांग्रेस ने ओडिशा रेल हादसे को लेकर रविवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) के इस्तीफे की मांग की और आरोप लगाया कि उनका प्रचार पाने का हथकंडा भारतीय रेलवे की गंभीर कमियों, आपराधिक लापरवाही और सुरक्षा की पूर्ण उपेक्षा पर भारी पड़ गया. विपक्षी दल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने भारतीय रेलवे और लोगों के बीच जो अव्यवस्था पैदा की है, उसकी उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
कांग्रेस नेता एवं सांसद शक्तिसिंह गोहिल और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के प्रचार एवं मीडिया विभाग प्रमुख पवन खेड़ा (publicity and media department head Pawan Khera) ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि ओडिशा रेल हादसा एक मानवनिर्मित त्रासदी है, जो घोर लापरवाही, प्रणाली में गंभीर कमियों, अक्षमता और मोदी (के नेतृत्व वाली) सरकार की सब कुछ पता होने की अहंकारी आत्ममुग्धता का नतीजा है.
खेड़ा ने कहा कि दोषियों को सजा देने की घोषणा करने करने वाले प्रधानमंत्री मोदी को इसकी शुरुआत रेल मंत्री से करनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'हम स्पष्ट रूप से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग करते हैं. इससे कम कुछ नहीं.' इससे पहले, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि रेलवे की सुरक्षा से प्रधानमंत्री और रेल मंत्री के 'प्रचार पाने की मुहिम' की वजह से समझौता किया गया.
उन्होंने ट्वीट किया, 'याद कीजिए कि लाल बहादुर शास्त्री ने नवंबर 1956 की अरियालुर रेल दुर्घटना के बाद इस्तीफा दे दिया था और नीतीश कुमार ने भी अगस्त 1999 की गैसल ट्रेन हादसे के बाद ऐसा किया था.' गोहिल और खेड़ा ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान सरकार से सवाल किया प्रधानमंत्री मोदी, रेल मंत्री वैष्णव से इस्तीफा कब मांगेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि वैष्णव के 'अत्यधिक प्रचार, और पीआर हथकंडे' गंभीर कमियों, आपराधिक लापरवाही तथा भारतीय रेलवे में सुरक्षा की पूर्ण उपेक्षा पर भारी पड़ गए.
गोहिल और खेड़ा ने अपने बयान में कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाने के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं. वह भारतीय रेलवे में 'सब कुछ ठीक होने' का माहौल बनाने के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं, जबकि भारतीय रेलवे के महत्वपूर्ण एवं संवदेनशील बुनियादी ढांचे की उपेक्षा की जा रही है.' उन्होंने कहा, 'हम जानना चाहते हैं कि कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक), संसदीय स्थायी समितियों और विशेषज्ञों द्वारा कई बार सतर्क किए जाने के बावजूद मोदी सरकार ने रेलवे सुरक्षा को बेहतर बनाने पर खर्च क्यों नहीं किया?'
गोहिल और खेड़ा ने सवाल किया कि स्वतंत्र भारत की इस भीषण रेल त्रासदी के लिए कौन जिम्मेदार है. उन्होंने पूछा कि क्या केवल निचले या मध्यम स्तर के अधिकारियों की ही जवाबदेही होगी या 'वंदे भारत' रेलगाड़ियों का सारा श्रेय लेने वाले व्यक्ति को भी सुरक्षा मानकों की इस खुली अवहेलना के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा. कांग्रेस नेताओं ने यह भी सवाल किया कि मोदी सरकार रेलगाड़ियों को टकराने से बचाने वाली बहुप्रचारित 'कवच' प्रणाली को परीक्षण के बाद देश भर में कब लागू करेगी.
गोहिल और खेड़ा ने सवाल किया कि सरकार राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष (RRSK) में और निधि कब देगी तथा भारतीय रेलवे में तीन लाख से अधिक खाली पदों को कब भरेगी. उल्लेखनीय है कि ओडिशा के बालासोर जिले में कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार शाम करीब सात बजे एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे इसके (कोरोमंडल एक्सप्रेस के) अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए. कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे उसी समय वहां से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के कुछ पिछले डिब्बों पर पलट गए. इस हादसे में कम से कम 275 लोगों की मौत हो गई है और 1,100 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
(पीटीआई-भाषा)