छिंदवाड़ा। ऑनलाइन एप के जरिए रकम को दोगुनी करने के नाम पर सिंगापुर की कंपनी एमपी के छिंदवाड़ा जिले के करीब 600 किसानों से 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी कर फरार हो गई है, इस मामले में ठगी का शिकार हुए लोगों ने गांव खैरी भुताई के रहने वाले टीम लीडर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. आइए जानते हैं ठग लालच देकर कैसे ऑनलाइन बनाते हैं ठगी का शिकार और ठगी से बचने का तरीका.
574 किसानों से 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी: एमपी के छिंदवाड़ा में ऑनलाइन एप में पैसा लगवाकर ठगी का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है, हर माह 38 से 42 प्रतिशत तक का फायदा दिलाने का झांसा देकर 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की गई है. फर्जी एप से लोगों को जोड़ने और रुपए लगवाने का खेल मार्च 2023 से शुरू हुआ और 20 अगस्त तक चला, इस दौरान एप से करीब 574 लोगों को जोड़ा गया. किसी से 1 तो किसी से 5, 10 और 20-25 लाख रुपए तक लगवाए.. इस तरह 5 करोड़ रुपए से ज्यादा रुपए ठग लिए गए. शुरुआत में कुछ लोगों को रुपए दोगुने तक मिले, जिसका प्रचार भी खूब किया गया. प्रभावित होकर कई नामी व बड़े लोग भी एप से जुड़ गए, हल्ला तो तब मचा जब 20 अगस्त को एप अचानक बंद हो गया. फिलहाल अब लाखों रुपये डूबा चुके लोग अब पुलिस से गुहार लगा रहे हैं.
पैसे दोगुने करने का दिया था झांसा: एडिशनल एसपी अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि "गांव खैरी भुताई के एक व्यक्ति के नाम पर कुछ लोंगो ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है कि पैसे दोगुने कराने के नाम पर मोबाइल एप में ऑनलाइन पैसे डलवाए थे. इस मामले में अब तक 574 लोगों से 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी के मामले में सामने आए हैं, मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा ने धरमटेकड़ी चौकी से शिकायतें व दस्तावेज तलब किए हैं. एसपी ने मुझे (अवधेश प्रताप सिंह) जांच सौंपी है, धरमटेकड़ी पुलिस ने शिकायती आवेदन लेने के साथ पीड़ितों के बयान भी दर्ज किए हैं. अब तक हुई जांच में खैरी भुताई निवासी शख्स के जरिए ऑनलाइन एप जोएटरोप में पैसा लगवाए जाने की बात सामने आई है. नामजद शिकायतों में कहा गया है कि खुद को टीम लीडर बताकर पैसा लगवाया गया और दोगुने तक का फायदा दिलाने की बात कही गई."
सिंगापुर की थी कंपनी, अगस्त में अचानक बंद हुआ एप: सिंगापुर की कंपनी जोएटरोप एप में यूपीआई के जरिए पैसा जमा कराया जाता था. हॉलीवुड व बॉलीवुड की चर्चित फिल्मों की टिकटें खरीदवाई जाती थी, जिसके जरिए एक दिन में करीब 5 प्रतिशत तक का फायदा दिखाया जा रहा था. शुरूआत में थोड़े रुपए लगाने वालों को इसका फायदा भी हुआ, लोगों के रुपए दोगुने तक हुए, लेकिन लोभ बढ़ता गया और लोग ज्यादा पैसा लगाने लगे और अगस्त में अचानक एप बंद हो गया.
टीम लीडर ने भी खुद को पीड़ित, एसपी से की शिकायत: जिस शख्स के टीम लीडर होने और एप में पैसा लगवाने का आरोप लगाया जा रहा है, उसने खुद भी पुलिस अधीक्षक मिलकर खुद को पीड़ित बताते हुए बकायदा शिकायती पत्र देकर कहा कि "जोएटरोप कंपनी सिंगापुर द्वारा ठगी की गई है. कंपनी एक माह में पैसा लगभग डबल करके दे रही थी, जिस पर मैंने भी पैसे लगाए थे जो डूब गए. मैं भी पीड़ित हूं, कंपनी का एजेंट नहीं हूं. मुझे भी नुकसान हुआ है."
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कई नेताओं ने भी लगाया पैसा, सामने आने से झिझक रहे: पुलिस ने बताया कि "ऑनलाइन एप में ग्राम खैरी भुताई, चन्हिया कला, चन्हिया खुर्द, बोहनाखैरी, सारना, पांजरा, बनगांव, जमुनिया, पिपरिया बीरसा, माचागोरा, चांद, चौरई और छिंदवाड़ा के कुल 574 लोगों के एप में रुपए लगे थे. इनमें दो दर्जन से ज्यादा पूर्व सरपंच और सरपंच शामिल हैं, इसके अलावा भाजपा व कांग्रेस से जुड़े नेताओं की बड़ी रकम भी एप में दोगुनी करने के लिए लगाई गई थी. सरपंचों व नेताओं का 1 लाख से लेकर 25 लाख रुपए तक का दांव लगा था, अब डूबने के बाद ये नेता सामने आने में झिझक महसूस कर रहे हैं."
ठगी से ऐसे बचें: एसपी विनायक वर्मा ने बताया कि "आधुनिक तकनीक ने जीवन को जितना ज्यादा सरल बनाया है, उतना ही इसे लोग धोखाधड़ी के लिए उपयोग करने लगे हैं. इसलिए कोई भी ऑनलाइन लेनदेन करने से पहले उसकी पूरी जांच परख करने के बाद संबंधित एजेंसी से जानकारी लेकर या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बैंकों में पैसों से संबंधित परामर्श लेकर ही इन्वेस्ट करने का सोचें. पुलिस और सरकार के द्वारा भी लोगों को प्रचार प्रसार के माध्यम से समझाइश दी जाती है कि ऑनलाइन ठगी से कैसे बचा जा सकता है. फिलहाल इस मामले की बारीकी से जांच कराई जा रही है, जांच के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी."