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TMC सांसद महुआ मोइत्रा का आरोप, निशिकांत दुबे ने अपनी शिक्षा के बारे में हलफनामे में दी झूठी जानकारी - हलफनामे में दी झूठी जानकारी

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (TMC MP Mahua Moitra) ने झारखंड के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) की शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाया है. मोइत्रा ने इस संबंध में कई ट्वीट किए हैं. साथ ही कहा है कि ऐसे लोगों को पद पर बने रहने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए.

Nishikant Dubey Mahua Moitra
निशिकांत दुबे महुआ मोइत्रा
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Published : Mar 17, 2023, 4:29 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा में पीएम मोदी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान को लेकर झारखंड के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विशेषाधिकार नोटिस दे रखा है. इस घटना के कुछ दिनों बाद, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (TMC MP Mahua Moitra) ने आरोप लगाया है कि दुबे ने अपने हलफनामे में शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी दी है. मोइत्रा ने अपने आरोपों के समर्थन में सबूत पेश करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. मोइत्रा ने अपने ट्वीट में कई सबूत पोस्ट किए और सांसद की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाए.

  • Hon’ble Member in his 2009 and 2014 Lok Sabha affidavit claimed to be “part time MBA from Delhi University”. Please note- prior to 2019 full list of educational qualifications was required to be listed.
    (1/3) pic.twitter.com/dcI3FaAuFa

    — Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पहले ट्वीट में मोइत्रा ने 2009 से दुबे के नामांकन पत्र के हलफनामे की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें उन्होंने 1993 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए करने का दावा किया था. मोइत्रा ने बताया कि दुबे ने 2019 से पहले अपनी शैक्षिक योग्यता की पूरी सूची प्रदान नहीं की. उन्होंने इसकी जानकारी सार्वजनिक करने को कहा.

मोइत्रा के दूसरे ट्वीट में दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन द्वारा झारखंड के पुलिस निरीक्षक को लिखा गया एक पत्र दिखाया गया है, जिसमें कहा गया है कि निशिकांत दुबे के नाम से किसी को भी 1993 में दिल्ली विश्वविद्यालय में एमबीए कार्यक्रम में प्रवेश नहीं दिया गया था. यह जानकारी एक आरटीआई क्वेरी के माध्यम से प्राप्त की गई थी. मोइत्रा ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि विश्वविद्यालय ने 2020 में एक लिखित प्रतिक्रिया दी थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि दुबे 1993 में प्रबंधन अध्ययन विभाग से पास आउट नहीं हुए हैं.

  • In 2019 Lok Sabha affidavit Hon’ble Member makes no mention of MBA and instead only states he has a PhD in Management from Pratap University Rajasthan in 2018 .
    Please note- One cannot do a PhD from UGC deemed uni without valid masters degree (3/3) pic.twitter.com/Ym4fGxFYSx

    — Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तीसरे ट्वीट में, मोइत्रा ने झारखंड सरकार द्वारा मुहर लगाए गए दो पेज पोस्ट किए, जिसमें 2019 से दुबे का हलफनामा था. इस हलफनामे में, दुबे ने दावा किया कि उनकी सर्वोच्च शैक्षिक योग्यता 2018 में प्रताप विश्वविद्यालय, राजस्थान से प्रबंधन में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी थी. हालांकि, मोइत्रा ने बताया कि यूजीसी से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी किए बिना कोई पीएचडी नहीं कर सकता है.

  • Am very keen to see Hon’ble Member’s attendance record at Pratap Uni for full time MBA 2013-15 given he was full time MP then & match with LS attendance & constituency visits. Btw Pratap Uni MBA transcript has spelt “cumulative” incorrectly so don’t know how genuine it is :-) pic.twitter.com/u1HoRPAjoZ

    — Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मोइत्रा ने इसके बाद दुबे की शैक्षिक योग्यता के बारे में तीन और ट्वीट किए, जहां उन्होंने प्रताप विश्वविद्यालय से एक प्रमाण पत्र पोस्ट किया, जिसमें दिखाया गया कि दुबे ने 2013-15 में एमबीए की डिग्री प्राप्त की थी. मोइत्रा ने टिप्पणी की कि दुबे ने अपने पीएचडी आवेदन में दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री का उल्लेख नहीं किया था, और यह स्पष्ट नहीं था कि कौन सी एमबीए की डिग्री को वैध माना जाएगा.

  • Now finally see this. Hon’ble member in his PhD application to Pratap Uni makes NO mention of DU MBA degree & instead miraculously has another MBA transcript from Pratap Uni itself from 2013-15! Clearly loves collecting MBA degrees :-) - never know which one may work. pic.twitter.com/HdzVg9Xahy

    — Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मोइत्रा ने यह कहते हुए अपने ट्वीट को समाप्त किया कि जो लोग फर्जी डिग्री लिखते हैं और अपने हलफनामों में झूठ बोलते हैं, उन्हें अपने पदों पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने दुबे को उस प्रमाणपत्र का खुलासा करने के लिए भी कहा जो दिल्ली विश्वविद्यालय ने उन्हें 1993 में दिया था.

यह पहली बार नहीं है, बल्कि पहले भी कृष्णानगर से टीएमसी सांसद ने सत्तारूढ़ दल की आलोचना करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया था, हाल के ट्वीट में उन्होंने आरोप लगाया है कि अध्यक्ष केवल भाजपा मंत्रियों को बोलने का मौका दे रहे हैं, जिससे विपक्ष को अपनी राय व्यक्त करने से रोका जा रहा है.

पढ़ें- Budget Session: विपक्षी दलों के नेताओं को संसद में बोलने का मौका नहीं देते हैं लोकसभा स्पीकर- महुआ मोइत्रा

नई दिल्ली: लोकसभा में पीएम मोदी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान को लेकर झारखंड के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विशेषाधिकार नोटिस दे रखा है. इस घटना के कुछ दिनों बाद, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (TMC MP Mahua Moitra) ने आरोप लगाया है कि दुबे ने अपने हलफनामे में शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी दी है. मोइत्रा ने अपने आरोपों के समर्थन में सबूत पेश करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. मोइत्रा ने अपने ट्वीट में कई सबूत पोस्ट किए और सांसद की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाए.

  • Hon’ble Member in his 2009 and 2014 Lok Sabha affidavit claimed to be “part time MBA from Delhi University”. Please note- prior to 2019 full list of educational qualifications was required to be listed.
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पहले ट्वीट में मोइत्रा ने 2009 से दुबे के नामांकन पत्र के हलफनामे की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें उन्होंने 1993 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए करने का दावा किया था. मोइत्रा ने बताया कि दुबे ने 2019 से पहले अपनी शैक्षिक योग्यता की पूरी सूची प्रदान नहीं की. उन्होंने इसकी जानकारी सार्वजनिक करने को कहा.

मोइत्रा के दूसरे ट्वीट में दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन द्वारा झारखंड के पुलिस निरीक्षक को लिखा गया एक पत्र दिखाया गया है, जिसमें कहा गया है कि निशिकांत दुबे के नाम से किसी को भी 1993 में दिल्ली विश्वविद्यालय में एमबीए कार्यक्रम में प्रवेश नहीं दिया गया था. यह जानकारी एक आरटीआई क्वेरी के माध्यम से प्राप्त की गई थी. मोइत्रा ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि विश्वविद्यालय ने 2020 में एक लिखित प्रतिक्रिया दी थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि दुबे 1993 में प्रबंधन अध्ययन विभाग से पास आउट नहीं हुए हैं.

  • In 2019 Lok Sabha affidavit Hon’ble Member makes no mention of MBA and instead only states he has a PhD in Management from Pratap University Rajasthan in 2018 .
    Please note- One cannot do a PhD from UGC deemed uni without valid masters degree (3/3) pic.twitter.com/Ym4fGxFYSx

    — Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तीसरे ट्वीट में, मोइत्रा ने झारखंड सरकार द्वारा मुहर लगाए गए दो पेज पोस्ट किए, जिसमें 2019 से दुबे का हलफनामा था. इस हलफनामे में, दुबे ने दावा किया कि उनकी सर्वोच्च शैक्षिक योग्यता 2018 में प्रताप विश्वविद्यालय, राजस्थान से प्रबंधन में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी थी. हालांकि, मोइत्रा ने बताया कि यूजीसी से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी किए बिना कोई पीएचडी नहीं कर सकता है.

  • Am very keen to see Hon’ble Member’s attendance record at Pratap Uni for full time MBA 2013-15 given he was full time MP then & match with LS attendance & constituency visits. Btw Pratap Uni MBA transcript has spelt “cumulative” incorrectly so don’t know how genuine it is :-) pic.twitter.com/u1HoRPAjoZ

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मोइत्रा ने इसके बाद दुबे की शैक्षिक योग्यता के बारे में तीन और ट्वीट किए, जहां उन्होंने प्रताप विश्वविद्यालय से एक प्रमाण पत्र पोस्ट किया, जिसमें दिखाया गया कि दुबे ने 2013-15 में एमबीए की डिग्री प्राप्त की थी. मोइत्रा ने टिप्पणी की कि दुबे ने अपने पीएचडी आवेदन में दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री का उल्लेख नहीं किया था, और यह स्पष्ट नहीं था कि कौन सी एमबीए की डिग्री को वैध माना जाएगा.

  • Now finally see this. Hon’ble member in his PhD application to Pratap Uni makes NO mention of DU MBA degree & instead miraculously has another MBA transcript from Pratap Uni itself from 2013-15! Clearly loves collecting MBA degrees :-) - never know which one may work. pic.twitter.com/HdzVg9Xahy

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मोइत्रा ने यह कहते हुए अपने ट्वीट को समाप्त किया कि जो लोग फर्जी डिग्री लिखते हैं और अपने हलफनामों में झूठ बोलते हैं, उन्हें अपने पदों पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने दुबे को उस प्रमाणपत्र का खुलासा करने के लिए भी कहा जो दिल्ली विश्वविद्यालय ने उन्हें 1993 में दिया था.

यह पहली बार नहीं है, बल्कि पहले भी कृष्णानगर से टीएमसी सांसद ने सत्तारूढ़ दल की आलोचना करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया था, हाल के ट्वीट में उन्होंने आरोप लगाया है कि अध्यक्ष केवल भाजपा मंत्रियों को बोलने का मौका दे रहे हैं, जिससे विपक्ष को अपनी राय व्यक्त करने से रोका जा रहा है.

पढ़ें- Budget Session: विपक्षी दलों के नेताओं को संसद में बोलने का मौका नहीं देते हैं लोकसभा स्पीकर- महुआ मोइत्रा

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