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अतीक-अशरफ के अलावा कई और कुख्यात अपराधियों की पुलिस के सामने हो चुकी है हत्या, आईए देखें कौन हैं वो

माफिया अतीक-अशरफ की हत्या उस समय की गई जब वह 18 पुलिस कर्मियों के घेरे में था. ऐसे ही पुलिस कस्टडी या जेल में यूपी के कई अपराधियों की हत्या हुई हैं. आईए एक नजर डालते हैं उन केस पर...

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Published : Apr 16, 2023, 5:36 PM IST

लखनऊ: उमेश पाल हत्याकांड के राज से पर्दा उठाने के लिए रिमांड पर लिए गए माफिया अतीक अहमद और अशरफ का 35 वर्षों का डर और अपराधिक साम्राज्य तीन लड़कों ने महज 15 सेकेंड में खत्म कर दिया. वह भी तक जब सुरक्षा घेरे में हथियारबंद 18 पुलिसकर्मी मौजूद थे. हालांकि ये पहली बार नहीं है, जब किसी माफिया और अपराधी की हत्या पुलिस के सामने हुई हो. पहले भी कई ऐसे थे, जिनकी पुलिस की गोलियां लगने से मौत नहीं हुई, लेकिन जेल में अपराधी की ही गोली का वो शिकार हो गए.

अन्नू त्रिपाठी को उसी के चेले ने जेल में मार गिरायाः माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का एक ऐसा गुर्गा जिसकी पूर्वांचल में धमक थी और उसके नाम से व्यापारी व ठेकेदार थर-थर कांपते थे, उसकी वर्ष 2005 में 2 मार्च को सेंट्रल जेल वाराणसी की बैरक में मार दिया गया था. मुख्तार के गुर्गे अनुराग उर्फ अन्नू त्रिपाठी की जेल में बंद उसके चेले संतोष उर्फ किट्टू ने हत्या कर दी थी. अचानक वह अन्नू की बैरक में घुसा और उसे गोलियों से भून दिया था. अन्नू की मौत ठीक उसी तरह हुई जैसे उसने अपनी मौत से एक साल पहले 13 मार्च 2004 को जेल में ही बंद सपा पार्षद बंशी यादव की हत्या की थी.

बागपत जेल में बजरंगी की हुई हत्याः पुलिस की नौ गोलियां खाने के बाद भी मौत की दहलीज से वापस आने वाला मुख्तार अंसारी का सबसे खास शूटर मुन्ना बजरंगी जेल के अंदर मारा गया था. उसके खौफ का पश्चिमी और पूर्वी यूपी में था. मुन्ना बजरंगी की हत्या बागपत जेल में वर्ष 2018 में कर दी गई थी. नौ जुलाई 2018 में मुन्ना बजरंगी को बागपत के एक मामले में सुनवाई के लिए जेल लाया गया था. जेल में मुन्ना का कुछ बंदियों से झगड़ा हो गया. इसमें बंदियों ने मुन्ना पर गोलियों की बौछार कर दी, जिसमें उसकी मौत हो गई. मुन्ना की हत्या के पीछे पश्चिमी यूपी का सबसे बड़ा अपराधी व बागपत जेल में ही बंद सुनील राठी का नाम आया था.

कोर्ट में हो चुकी है अपराधियों की हत्याः वर्ष 2015, मुरादाबाद कोर्ट परिसर में पश्चिमी यूपी का अपराधी योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा पेशी के लिए लाया गया था. भूरा भारी संख्या में पुलिस के घेरे में था, बावजूद इसके कुछ लोगों ने उस पर फायरिंग कर दी, जिसमें उसकी मौत हो गई थी. यही नहीं 17 दिसंबर 2019 बिजनौर कोर्ट में दिल्ली की तिहाड़ जेल से पेशी के लिए अपराधी शाहनवाज और जब्बार को लाया गया था. जैसे ही पुलिस दोनों अपराधियों को जज के सामने ले गई, वहां भीड़ में मौजूद तीन लोगों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके शाहनवाज की हत्या कर दी थी.

चित्रकूट जेल में हुआ था शूटआउटः 14 मई 2021 चित्रकूट जेल में रायबरेली जेल से ट्रांसफर होकर आए अपराधी अंशु दीक्षित ने मुख्तार अंसारी के सबसे खास गुर्गे मेराज के ऊपर कई राउंड फायरिंग कर दी. इस फायरिंग में मेराज की मौके पर ही मौत हो गई. इतना ही नहीं अंशु ने मेराज को मारने के बाद पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी मुकीम काला को भी मौत के घाट उतार दिया. हालांकि इसके बाद अंशु दीक्षित को भी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया.

ये भी पढ़ेंः पुश्तैनी कब्रिस्तान में असद की कब्र के बगल में दफन होंगे अतीक अहमद और अशरफ के शव

लखनऊ: उमेश पाल हत्याकांड के राज से पर्दा उठाने के लिए रिमांड पर लिए गए माफिया अतीक अहमद और अशरफ का 35 वर्षों का डर और अपराधिक साम्राज्य तीन लड़कों ने महज 15 सेकेंड में खत्म कर दिया. वह भी तक जब सुरक्षा घेरे में हथियारबंद 18 पुलिसकर्मी मौजूद थे. हालांकि ये पहली बार नहीं है, जब किसी माफिया और अपराधी की हत्या पुलिस के सामने हुई हो. पहले भी कई ऐसे थे, जिनकी पुलिस की गोलियां लगने से मौत नहीं हुई, लेकिन जेल में अपराधी की ही गोली का वो शिकार हो गए.

अन्नू त्रिपाठी को उसी के चेले ने जेल में मार गिरायाः माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का एक ऐसा गुर्गा जिसकी पूर्वांचल में धमक थी और उसके नाम से व्यापारी व ठेकेदार थर-थर कांपते थे, उसकी वर्ष 2005 में 2 मार्च को सेंट्रल जेल वाराणसी की बैरक में मार दिया गया था. मुख्तार के गुर्गे अनुराग उर्फ अन्नू त्रिपाठी की जेल में बंद उसके चेले संतोष उर्फ किट्टू ने हत्या कर दी थी. अचानक वह अन्नू की बैरक में घुसा और उसे गोलियों से भून दिया था. अन्नू की मौत ठीक उसी तरह हुई जैसे उसने अपनी मौत से एक साल पहले 13 मार्च 2004 को जेल में ही बंद सपा पार्षद बंशी यादव की हत्या की थी.

बागपत जेल में बजरंगी की हुई हत्याः पुलिस की नौ गोलियां खाने के बाद भी मौत की दहलीज से वापस आने वाला मुख्तार अंसारी का सबसे खास शूटर मुन्ना बजरंगी जेल के अंदर मारा गया था. उसके खौफ का पश्चिमी और पूर्वी यूपी में था. मुन्ना बजरंगी की हत्या बागपत जेल में वर्ष 2018 में कर दी गई थी. नौ जुलाई 2018 में मुन्ना बजरंगी को बागपत के एक मामले में सुनवाई के लिए जेल लाया गया था. जेल में मुन्ना का कुछ बंदियों से झगड़ा हो गया. इसमें बंदियों ने मुन्ना पर गोलियों की बौछार कर दी, जिसमें उसकी मौत हो गई. मुन्ना की हत्या के पीछे पश्चिमी यूपी का सबसे बड़ा अपराधी व बागपत जेल में ही बंद सुनील राठी का नाम आया था.

कोर्ट में हो चुकी है अपराधियों की हत्याः वर्ष 2015, मुरादाबाद कोर्ट परिसर में पश्चिमी यूपी का अपराधी योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा पेशी के लिए लाया गया था. भूरा भारी संख्या में पुलिस के घेरे में था, बावजूद इसके कुछ लोगों ने उस पर फायरिंग कर दी, जिसमें उसकी मौत हो गई थी. यही नहीं 17 दिसंबर 2019 बिजनौर कोर्ट में दिल्ली की तिहाड़ जेल से पेशी के लिए अपराधी शाहनवाज और जब्बार को लाया गया था. जैसे ही पुलिस दोनों अपराधियों को जज के सामने ले गई, वहां भीड़ में मौजूद तीन लोगों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके शाहनवाज की हत्या कर दी थी.

चित्रकूट जेल में हुआ था शूटआउटः 14 मई 2021 चित्रकूट जेल में रायबरेली जेल से ट्रांसफर होकर आए अपराधी अंशु दीक्षित ने मुख्तार अंसारी के सबसे खास गुर्गे मेराज के ऊपर कई राउंड फायरिंग कर दी. इस फायरिंग में मेराज की मौके पर ही मौत हो गई. इतना ही नहीं अंशु ने मेराज को मारने के बाद पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी मुकीम काला को भी मौत के घाट उतार दिया. हालांकि इसके बाद अंशु दीक्षित को भी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया.

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