सोनीपत : केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद भी दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन (farmer protest) जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार से बात करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी भी बनाई है. वहीं इसी बीच सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर टीडीआई मॉल के सामने धरने पर बैठे निहंग जत्थेबंदी (nihang sardar returning to punjab) ने वापस जाने की तैयारी शुरू कर दी है. निहंगों की मानें तो आज देर रात वो अपने डेरे गुरदासपुर लौट जाएंगे.
पंजाब के गुरदासपुर के निहंग जत्थे पंथ काली गुरूनानक ने वापस जाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं और अपने टेंट को समेटना शुरू कर दिया है. एक ट्रक में तो टेंट का सामान रखा जा रहा है तो दूसरे ट्रक में घोड़े लेकर निहंग जत्थेबंदी यहां से जाने के लिए तैयार हैं. निहंग की मानें तो देर रात वो यहां से निकल जाएंगे. निहंग जत्थे में शामिल निहंग हरविंदर सिंह ने बताया कि अब घर वापस जाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, क्योंकि हमें आदेश है कि अब अपने डेरे में लौटना है. क्योंकि सरकार ने हमारी तीन कृषि कानूनों की बात मान ली है और जो छोटी मोटी मांगें हैं उनको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा देख लेगा.
गौरतलब है कि शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (samyukt kisan morcha) की बैठक भी हुई है. इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत समेत कई बड़े दूसरे नेता भी मौजूद रहे. बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने बताया था कि अपनी मांगों को लेकर सरकार से बातचीत के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. किसान नेता बलबीर राजेवाल, युद्धवीर सिंह, गुरनाम सिंह चढूनी, अशोक तावले व शिवकुमार कक्का कमेटी में शामिल होंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने बताया कि 7 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक होगी. पांच सदस्यीय कमेटी अब आंदोलन की सरकार से रूपरेखा तैयार करेगी. और जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी ये आंदोलन जारी रहेगा.
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बता दें कि पंजाब की 32 किसान जत्थेबंदियों के नेताओं की ओर से पहले भी कई बार आंदोलन खत्म कर घरों की ओर लौटने के बयान आ चुके हैं. पंजाब किसान जत्थेबंदियों के नेताओं के बयानों से वो अब सरकार के उठाए कदमों से संतुष्ठ नजर आते हैं, लेकिन हरियाणा के कुछ किसान संगठन आंदोलन खत्म नहीं करना चाहते हैं. हरियाणा के किसान संगठन किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनने तक आंदोलन खत्म नहीं करना चाहते हैं. बहरहाल इन सबके बीच निहंग जत्थेबंदी आज अपने डेरे में वापस लौटने को तैयार है.
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