नई दिल्ली : लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान खालिद के वकील त्रिदीप पायस ने अपनी दलील में कहा कि दिल्ली पुलिस की तरफ से दाखिल पूरी चार्जशीट 'फैमिली मैन' वेब सीरीज की स्क्रिप्ट जैसी है, क्योंकि इसमें आरोपों के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं दिया गया है.
त्रिदीप पायस ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ किसी एक कम्युनिटी ने प्रदर्शन नहीं किया था, बल्कि पूरे देश में प्रदर्शन हुए थे. दिल्ली पुलिस ने जो चार्जशीट दायर की है, उसमें किसी क्राइम की बात ही नहीं की गई है.
पायस ने कोर्ट तर्क दिया कि क्या इस तरह चार्जशीट लिखी जाती है? यह किसी न्यूज चैनल की स्क्रिप्ट की तरह लगती है. दिल्ली पुलिस को यह स्क्रिप्ट कहां से मिली.
पायस ने कहा,'कृपया समझें, वह फैमिली मैन की स्क्रिप्ट नहीं लिख रहे हैं. वह चार्जशीट लिख रहे हैं. खालिद के वकील ने कोर्ट से कहा कि आरोप पत्र खालिद के खिलाफ बयानबाजी के आरोप लगाता है, खालिद को बिना किसी तथ्यात्मक आधार के देशद्रोही करार दिया गया है.
वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई है. इसके साथ ही वकील ने दिल्ली पुलिस की चार्जशीट को तथ्यों से परे करार दिया है.
खालिद के वकील ने कहा कि अभियोजन पक्ष का मामला समाचार एजेंसी की एक क्लिप पर निर्भर करता है, जिसमें कथित रूप से देशद्रोही होने वाले भाषण का पूरा वीडियो भी नहीं था. उमर खालिद की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई सोमवार को होगी.
पिछले 23 अगस्त को सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से वकील त्रिदिप पायस ने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ 6 मार्च 2020 को एफआईआर दर्ज की गई और गिरफ्तारी 13 सितंबर 2020 को हुई. दिल्ली दंगों के मामले में उमर खालिद की ये पहली गिरफ्तारी थी. इस मामले में उमर खालिद से पहली पूछताछ 30 जुलाई 2020 को हुई. जब भी उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया वो बिना देरी किए पहुंचा. खालिद पूछताछ के लिए गुवाहाटी से दिल्ली आया.
उमर खालिद नोटिस पर आया था, जब उसे गिरफ्तार किया गया. उसे कहीं से गिरफ्तार नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि उमर खालिद को दूसरे FIR नंबर 101 में 1 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार किया गया. उस मामले में उसे जमानत मिल चुकी है.
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पिछले 27 जुलाई दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अपना जवाब दाखिल किया था. सुनवाई के दौरान त्रिदिप पेस ने इस जवाब को पढ़ने के लिए समय देने की मांग की. पिछले 15 जुलाई को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था.
बता दें कि क्राइम ब्रांच ने दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में उमर खालिद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर दंगे भड़काने, दंगों की साजिश रचने और देशविरोधी भाषण देने के अलावा दूसरी धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. करीब 100 पेजों की चार्जशीट में कहा गया है कि 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में उमर खालिद, खालिद सैफी औऱ ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगों की योजना बनाने के लिए मीटिंग की. इस दौरान ही उमर खालिद ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में हिस्सा लिया और भड़काऊ भाषण दिए. इन भाषणों में उमर खालिद ने दंगों के लिए लोगों को भड़काया है. चार्जशीट में कहा गया है कि जिन-जिन राज्यों में उमर खालिद गया उसके लिए उसे आने-जाने और रुकने का पैसा प्रदर्शनकारियों के कर्ता-धर्ता इंतजाम करते थे.
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उमर खालिद को 13 सितंबर 2020 को करीब 10 घंटे की पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने रात में गिरफ्तार कर लिया था. 17 सितंबर 2020 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 16 सितंबर 2020 को स्पेशल सेल करीब 18 हजार पन्नों का चार्जशीट लेकर दो बक्सों में पहुंची थी.