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यूपी एटीएस ने तीन बांग्लादेशी नागरिकों को किया गिरफ्तार, बांग्लादेश से भारत में करवा रहे थे घुसपैठ

यूपी एटीएस ने गुरुवार को देवबंद से दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार (Bangladeshi Citizen Arrested From Deoband) किया. ये लोग छिपकर यहां रह रहे थे. ये लोग इंटरनेशनल ह्यूमन ट्रैफिकिंग सिंडिकेट (International Human Trafficking Syndicate) से जुड़े हुए थे.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 12, 2023, 7:13 PM IST

लखनऊ: यूपी एटीएस ने बांग्लादेश से घुसपैठ कर फर्जी दस्तावेज के सहारे यूपी में रह रहे दो अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को सहारनपुर से गुरुवार को गिरफ्तार किया. एटीएस के मुताबिक, ये सभी भारत के नागरिक बन कर यूपी में छिप कर रह रहे थे और इंटरनेशनल ह्यूमन ट्रैफिकिंग सिंडिकेट से जुड़े हुए थे. इन दोनों की गिरफ्तारी वाराणसी से पकड़े गए बांग्लादेशी आदिल मोहम्मद, अशरफी उर्फ आदिल उर रहमान से पूछताछ के बाद की गई.

यूपी एटीएस चीफ मोहित अग्रवाल ने बताया कि बांग्लादेश से घुसपैठ कर यूपी के वाराणसी में छिपे आदिल उर रहमान को गिरफ्तार किया गया था. इसके पास से भारत के फर्जी दस्तावेज मिले थे. पूछताछ में उसने बताया कि उसे यह दस्तावेज शेख नजीब उल हक और अबू हुरायरा ने बनवाए थे. उसने एटीएस को बताया कि ये दोनों देवबंद में भारतीय नागरिक बन कर रह रहे है. शेख नजीब उल हक और अबू हुरायरा ने ही पूर्व में गिरफ्तार मोहम्मद हबीबुल्लाह मिस्बाह के भी फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवाए थे.

एटीएस चीफ मोहित अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को इन दोनों को सहारनपुर के देवबंद से गिरफ्तार कर लिया गया. पकड़े गए ये दोनों आरोपी अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी सिंडिकेट से जुड़े हैं. इन्हें बड़े पैमाने पर विदेशी फंडिंग भी की जा रही थी. एटीएस के मुताबिक, अब तक की जांच में 20 करोड़ की विदेशी फंडिंग मिल चुकी है. इसके सबूत मिले हैं. बता दें कि यूपी एटीएस बीते कुछ वर्षों में 350 से अधिक बांग्लादेशी और रोहिंज्ञाओं को गिरफ्तार कर चुकी है, जो भारत में घुसपैठ कर रहे थे.

यह भी पढ़ें: गोरखपुर में एनआईए की छापेमारी, चार घंटे तक खंगाली किताब की दुकान, टीम को कुछ नहीं मिला

लखनऊ: यूपी एटीएस ने बांग्लादेश से घुसपैठ कर फर्जी दस्तावेज के सहारे यूपी में रह रहे दो अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को सहारनपुर से गुरुवार को गिरफ्तार किया. एटीएस के मुताबिक, ये सभी भारत के नागरिक बन कर यूपी में छिप कर रह रहे थे और इंटरनेशनल ह्यूमन ट्रैफिकिंग सिंडिकेट से जुड़े हुए थे. इन दोनों की गिरफ्तारी वाराणसी से पकड़े गए बांग्लादेशी आदिल मोहम्मद, अशरफी उर्फ आदिल उर रहमान से पूछताछ के बाद की गई.

यूपी एटीएस चीफ मोहित अग्रवाल ने बताया कि बांग्लादेश से घुसपैठ कर यूपी के वाराणसी में छिपे आदिल उर रहमान को गिरफ्तार किया गया था. इसके पास से भारत के फर्जी दस्तावेज मिले थे. पूछताछ में उसने बताया कि उसे यह दस्तावेज शेख नजीब उल हक और अबू हुरायरा ने बनवाए थे. उसने एटीएस को बताया कि ये दोनों देवबंद में भारतीय नागरिक बन कर रह रहे है. शेख नजीब उल हक और अबू हुरायरा ने ही पूर्व में गिरफ्तार मोहम्मद हबीबुल्लाह मिस्बाह के भी फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवाए थे.

एटीएस चीफ मोहित अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को इन दोनों को सहारनपुर के देवबंद से गिरफ्तार कर लिया गया. पकड़े गए ये दोनों आरोपी अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी सिंडिकेट से जुड़े हैं. इन्हें बड़े पैमाने पर विदेशी फंडिंग भी की जा रही थी. एटीएस के मुताबिक, अब तक की जांच में 20 करोड़ की विदेशी फंडिंग मिल चुकी है. इसके सबूत मिले हैं. बता दें कि यूपी एटीएस बीते कुछ वर्षों में 350 से अधिक बांग्लादेशी और रोहिंज्ञाओं को गिरफ्तार कर चुकी है, जो भारत में घुसपैठ कर रहे थे.

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