रामपुरः एक पिता अपनी बेटी की इज्जत बचाने के लिए जान भी दे सकता है. लेकिन जिले में पिता ने दुनिया के सबसे पवित्र रिश्ते को कलंकित करते हुए बेटी को अपनी हवस का शिकार बनाता रहा और गर्भवती होने पर दवा खिलाकर गर्भपात करा देता था. रामपुर की जिला कोर्ट ने दोषी पिता अब आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
करीब 3 साल पहले एक बेहद शर्मनाक और समाज को कलंकित करने वाले मामले सामने आया था. एक युवती के साथ उसके पिता ने कई 4 साल तक दुष्कर्म किया और उसके प्रेग्नेंट होने पर उसे गर्भ निरोधक दवा खिलाकर उसका गर्भपात करा दिया था. लगातार पिता के हवस का शिकार बन रही युवती के हिम्मत ने एक दिन जवाब दे दिया और उसने थाना बिलासपुर में हैवान पिता के खिलाफ तहरीर दी. इसके बाद से मामला कोर्ट में विचाराधीन चल रहा था, जिसमें शुक्रवार को पीड़िता को न्याय मिला. रामपुर फास्ट ट्रैक कोर्ट एडीजे पूनम कनवाई ने दोषी पिता को आजीवन कारावास और 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई. एडीजे पूनम कनवाई अपने फैसले के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा 'जब रक्षक ही भक्षक बन जाएगा, तो समाज में बेटियों की रक्षा कौन करेगा.'
सरकारी वकील सौरभ कुमार ने बताया कि बिलासपुर थाना में 18 अगस्त 2020 को एक युवती ने अपने पिता के खिलाफ तहरीर दी थी. 21 वर्षीय युवती ने अपनी शिकायत में बताया था कि उसका पिता काफी समय से उसके साथ दुष्कर्म कर रहा है. शिकायत के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद पीड़िता का मेडिकल कराया गया. मेडिकल के बाद पीड़िता का न्यायालय में 164 का बयान कराया गया था.
पीड़िता ने अपने बयान में बताया था कि 'पिता काफी समय से उसके साथ दुष्कर्म कर रहा है. उसकी मां की काफी समय पहले मृत्यु हो चुकी है. उसके बड़े भाई को भी उसके पिता ने उसे घर से बाहर निकाल दिया है. वह घर में अपने पिता के साथ रहती है. पिता ने एक दूसरी शादी भी की है. उसकी दूसरी मां मंदबुद्धि है. उसका पिता बीते काफी समय से उसके साथ दुष्कर्म कर रहा है. इस दौरान वो कई बार प्रेग्नेंट भी हो गई थी. तब उसने गर्भनिरोधक गोली खिलाकर उसका गर्भपात करा दिया था'.
सरकारी वकील ने बताया कि एक दिन युवती के साथ उसके पिता ने दुष्कर्म की कोशिश की. इसके बाद वह चिल्लाते हुए घर से बाहर निकली. इस दौरान पड़ोस की डेरी में काम कर रह उसका भाई भी मौके पर आ गया और युवती की आवाज सुनकर आस-पड़ोस के लोग भी इकट्ठा हो गए. इसके बाद उसने आपबीती बताई. विवेचना के आधार पर दाखिल चार्जशीट के बाद एफटीसी 1 कोर्ट में मामले का ट्रायल चल रहा था. इसमें अभियोजन पक्ष ने 10 गवाह पेश किए थे. शुक्रवार को मामले में अभियुक्त को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार का जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की राशि अदा न करने पर कोर्ट ने 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतने का फैसला दिया.
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