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बेटी को चाहिए था 10 लाख का लोन, इसलिए मां के शव के साथ एक साल तक सोती रहीं

वाराणसी में घर में महिला के शव के साथ उसकी दोनों बेटियां (Daughters Stayed with Dead Body in Varanasi) रह रही थीं और इसकी भनक वहां रहने वाले लोगों को नहीं लगी. पुलिस पूछताछ में पड़ोसियों ने कई सारी बातें बताईं. वहीं, पुलिस अधिकारी ने कहा कि शव का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 30, 2023, 2:24 PM IST

Updated : Dec 1, 2023, 6:20 AM IST

वाराणसी: लंका इलाके में बुधवार को एक मकान के अंदर पुलिस ने घुसकर एक महिला की लाश बरामद की. सबसे बड़ी बात यह है कि लगभग एक साल पहले इस महिला की मौत हो गई थी और इसकी लाश के साथ उसकी दो बेटियां रह रही थीं. मां का अंतिम संस्कार किए बिना ही यह दोनों बेटियां इस लाश के साथ ही खाती थी, पीती थी और सोती भी थी. यह अपने आप में दिल दहला देने वाला मामला है. वहीं, पुलिस अधिकारी ने बताया कि शव का डीएनए टेस्ट होगा. इसकी रिपोर्ट लगभग तीन महीने में आएगी.

मां से साथ दोनों बेटियों की फोटो
मां से साथ दोनों बेटियों की फोटो

आखिर क्या वजह थी कि इन दोनों बेटियों ने मां की मौत के एक साल बाद तक इस राज को छुपाए रखा? क्यों इन दोनों ने अपनी मां की लाश को घर पर ही रखा? क्यों किसी को सूचना नहीं दी? इन सवालों का जवाब जानना बेहद जरूरी है? मां की मौत के बाद एक साल तक उनके घर का खर्च कैसे चला? क्योंकि किसी की मौत के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए न सिर्फ उसका अंतिम संस्कार जरूरी है, बल्कि अन्य धार्मिक पहलुओं से भी चीज होना आवश्यक हो जाता है. लेकिन, इन दोनों बेटियों ने ऐसा क्यों किया? इन सवालों का जवाब पड़ोसियों और उनके कुछ रिश्तेदारों ने बताया.

दरअसल, वाराणसी के लंका क्षेत्र के मदरवा इलाके की रहने वाली उषा त्रिपाठी (52) की दो बेटियां पल्लवी और वैष्णवी अपनी मां की मौत के बाद एक साल तक लाश को घर में रखकर उसके साथ रह रही थीं. बुधवार को जब इन दोनों के मौसा धर्मेंद्र वहां पहुंचे तो दरवाजा न खुलने पर पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने दरवाजा तोड़कर जब अंदर प्रवेश किया तो हर कोई आश्चर्यचकित था. अंदर एक पलंग पर उषा त्रिपाठी की रजाई से ढकी लाश पड़ी थी और पूरे शरीर का मांस गायब होने के बाद सिर्फ नरमुंड और शरीर का बाकी हिस्सा भी कंकाल के रूप में वहां पर दिखाई दिया.

पड़ोसियों से जानकारी लेते पुलिसकर्मी
पड़ोसियों से जानकारी लेते पुलिसकर्मी

पुलिस ने तहकीकात शुरू की. पूछताछ में सबसे पहले पड़ोसी रमेश सिंह और उनके परिवार के लोगों से बातचीत की. रमेश सिंह ने बताया कि परिवार में सिर्फ तीन ही लोग हैं. उषा और उनकी दो बेटियां. कॉस्मेटिक की दुकान चलाने वाली उषा की तबीयत टीबी की वजह से खराब हो गई थी. टीबी होने के बाद उषा घर पर ही रहती थी और उनसे मिलने जुलने भी कोई नहीं आता था. हां कभी-कभी उनके पिता और उनकी बहन उनसे मिलने आया करते थे. लेकिन, वह भी लंबे वक्त से नहीं आए थे. लगभग दो महीने पहले उषा त्रिपाठी के पिता रामकृष्ण घर पहुंचे तो दोनों बेटियों ने दरवाजा ही नहीं खोला, जिससे वह वापस चले गए. इसके बाद इनकी मौसी सीमा भी अपनी बहन से मिलने आई थीं. लेकिन, दरवाजा नहीं खुला और उन्हें भी वापस लौटना पड़ा.

पल्लवी पहले अपने नाना के साथ ही रहा करती थी. लेकिन, उसका व्यवहार उचित न होने की वजह से वह उसे बनारस छोड़कर चले गए थे. पुलिस पूछताछ में पड़ोसियों ने बताया कि लगभग एक महीने पहले ही पल्लवी ने अपना जन्मदिन मनाया था. घर से बाहर निकल कर दोनों बहनों ने केक काटने की इच्छा जाहिर की थी तो पड़ोसियों ने केक मंगवा कर इसे कटवाया. पल्लवी ने अपनी छोटी बहन का जन्मदिन भी मनाया था. क्योंकि, दोनों बहने किसी से मतलब नहीं रखती थीं. इसलिए दोनों के कहने पर परिवार से अलग लोगों ने केक कटवा कर इनका यह दिन उनके साथ सेलिब्रेट किया था. लेकिन, किसी को क्या पता था कि अंदर उषा की लाश पड़ी हुई है.

जांच-पड़ताल करती पुलिस
जांच-पड़ताल करती पुलिस

पड़ोसी ने बताया, बड़ी बेटी चाहती थी लोन

रमेश सिंह ने पुलिस को यह भी बताया है कि पल्लवी बार-बार उनसे 10 लाख रुपये का लोन दिलवाने के लिए कहती थी. लेकिन, रमेश बात को टाल देते थे. पल्लवी बार-बार कहती थी कि उसे अपना एक बिजनेस स्थापित करना है. इसके लिए पैसा चाहिए. लोन दिलवा दीजिए तो काम शुरू कर लें. पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला कि उषा त्रिपाठी जिस मकान में रह रही थीं, वह उनके पिता रामकृष्ण का ही था. रामकृष्ण बनारस छोड़कर लखनऊ में रहने लगे थे और इस घर को अपनी बेटी को दे दिया था. इसमें वह अपनी दोनों बेटियों के साथ रह रही थीं. क्षय रोग की बीमारी होने के बाद उषा दिन पर दिन कमजोर होती जा रही थीं.

सीमा 14 महीने पहले अपनी बहन से मिलने आई थी

पल्लवी ने 2021 में एमकॉम की पढ़ाई पूरी की थी, जबकि छोटी बहन वैष्णवी 2 साल से पढ़ाई नहीं कर रही थी. दसवीं पास करने के बाद वह घर पर ही थी. पुलिस पूछताछ में उषा की बहन सीमा ने बताया कि लगभग 14 महीने पहले वह अपनी बहन से मिलने आई थीं. उस समय सब कुछ ठीक था. बीमारी की वजह से वह कमजोर जरूर थीं. लेकिन, ऐसी बात नहीं समझ में आई थी कि कुछ अनहोनी हो सकती है. वह लगातार फोन पर बात करने के लिए कॉल भी करती थीं. लेकिन, दोनों बेटियां फोन नहीं उठाती थीं. और जब उठाती थीं तो बहन से बात नहीं करवाती थीं. सीमा ने पुलिस को बताया कि एक दो बार उषा की बेटियों ने उनसे कुछ पैसे मांगे थे. उन्होंने ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए थे.

घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से खाना पीना सब कुछ बहुत ही बुरी कंडीशन से गुजर रहा था. क्योंकि, सरकारी राशन इन्हें मिलता था. इसलिए उस सरकारी राशन के साथ ही घर पर मां के रखे हुए गहने को बेचकर यह अपने घर का खर्च चल रही थीं. घर के बिजली के बिल का भुगतान उषा के पिता रामकृष्ण करते थे. इसलिए बिजली भी नहीं कटी थी और सब कुछ नॉर्मल तरीके से चल रहा था.

दुर्गंध न आने की बात किसी को हजम नहीं हो रही

पुलिस पूछताछ में पड़ोसियों ने भी कुछ ऐसी बातें बताईं, जिसने पुलिस को भी संशय में डाल दिया. एक साल तक घर में लाश पड़ी होने और दुर्गंध न आने की बात किसी को हजम नहीं हो रही है. हालांकि, जब इस बारे में दोनों लड़कियों से बात की गई तो उनका कहना था कि लाश घर में इसलिए रखी थी कि उन्हें लग रहा था कि किसी को बताने पर उन्हें जेल भेज दिया जाएगा. डर के कारण उन्होंने किसी को इस बारे में सूचना ही नहीं दी. मां की लाश की जब महक घर में फैलने लगी तो वह लोग छत पर जाकर रहने लगीं. छत पर ही खाना बनाती थी और वहीं खाना खाती थीं. पड़ोसियों ने बताया कि लाश की महक उन्हें जरूर आ रही थी. लेकिन, लोग यह सोचकर चुप थे कि हो सकता है कि किसी छुट्टा या आवारा जानवर के आसपास मरे होने की वजह से यह महक आ रही हो. लेकिन, किसी को क्या पता था कि इतनी बड़ी घटना मोहल्ले में घटी है और किसी को इसकी भनक तक नहीं है.

परिवार की आर्थिक स्थिति थी खराब

पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला कि उषा की तरफ से चलाई जा रही कॉस्मेटिक की दुकान कोविड काल में 2021 के दौरान बंद हो गई थी. इसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी और उषा क्षय रोग की चपेट में आ गई. इसके बाद दोनों बेटियों के दिमाग का संतुलन धीरे-धीरे बिगड़ने लगा. घर में आर्थिक तंगी और तमाम समस्याओं की वजह से दोनों बेटियां बाहरी दुनिया से कटती चली गईं और घर में ही कैद होकर रह गईं. फिलहाल, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है. दोनों बेटियों से भी पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने घर को सील कर दिया है और दोनों युवतियां अभी पड़ोसी के घर पर हैं.

यह भी पढ़ें: मां के शव के साथ एक साल तक सोती रहीं दो बेटियां, पड़ोसियों-रिश्तेदारों को भी नहीं लगने दी भनक

वाराणसी: लंका इलाके में बुधवार को एक मकान के अंदर पुलिस ने घुसकर एक महिला की लाश बरामद की. सबसे बड़ी बात यह है कि लगभग एक साल पहले इस महिला की मौत हो गई थी और इसकी लाश के साथ उसकी दो बेटियां रह रही थीं. मां का अंतिम संस्कार किए बिना ही यह दोनों बेटियां इस लाश के साथ ही खाती थी, पीती थी और सोती भी थी. यह अपने आप में दिल दहला देने वाला मामला है. वहीं, पुलिस अधिकारी ने बताया कि शव का डीएनए टेस्ट होगा. इसकी रिपोर्ट लगभग तीन महीने में आएगी.

मां से साथ दोनों बेटियों की फोटो
मां से साथ दोनों बेटियों की फोटो

आखिर क्या वजह थी कि इन दोनों बेटियों ने मां की मौत के एक साल बाद तक इस राज को छुपाए रखा? क्यों इन दोनों ने अपनी मां की लाश को घर पर ही रखा? क्यों किसी को सूचना नहीं दी? इन सवालों का जवाब जानना बेहद जरूरी है? मां की मौत के बाद एक साल तक उनके घर का खर्च कैसे चला? क्योंकि किसी की मौत के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए न सिर्फ उसका अंतिम संस्कार जरूरी है, बल्कि अन्य धार्मिक पहलुओं से भी चीज होना आवश्यक हो जाता है. लेकिन, इन दोनों बेटियों ने ऐसा क्यों किया? इन सवालों का जवाब पड़ोसियों और उनके कुछ रिश्तेदारों ने बताया.

दरअसल, वाराणसी के लंका क्षेत्र के मदरवा इलाके की रहने वाली उषा त्रिपाठी (52) की दो बेटियां पल्लवी और वैष्णवी अपनी मां की मौत के बाद एक साल तक लाश को घर में रखकर उसके साथ रह रही थीं. बुधवार को जब इन दोनों के मौसा धर्मेंद्र वहां पहुंचे तो दरवाजा न खुलने पर पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने दरवाजा तोड़कर जब अंदर प्रवेश किया तो हर कोई आश्चर्यचकित था. अंदर एक पलंग पर उषा त्रिपाठी की रजाई से ढकी लाश पड़ी थी और पूरे शरीर का मांस गायब होने के बाद सिर्फ नरमुंड और शरीर का बाकी हिस्सा भी कंकाल के रूप में वहां पर दिखाई दिया.

पड़ोसियों से जानकारी लेते पुलिसकर्मी
पड़ोसियों से जानकारी लेते पुलिसकर्मी

पुलिस ने तहकीकात शुरू की. पूछताछ में सबसे पहले पड़ोसी रमेश सिंह और उनके परिवार के लोगों से बातचीत की. रमेश सिंह ने बताया कि परिवार में सिर्फ तीन ही लोग हैं. उषा और उनकी दो बेटियां. कॉस्मेटिक की दुकान चलाने वाली उषा की तबीयत टीबी की वजह से खराब हो गई थी. टीबी होने के बाद उषा घर पर ही रहती थी और उनसे मिलने जुलने भी कोई नहीं आता था. हां कभी-कभी उनके पिता और उनकी बहन उनसे मिलने आया करते थे. लेकिन, वह भी लंबे वक्त से नहीं आए थे. लगभग दो महीने पहले उषा त्रिपाठी के पिता रामकृष्ण घर पहुंचे तो दोनों बेटियों ने दरवाजा ही नहीं खोला, जिससे वह वापस चले गए. इसके बाद इनकी मौसी सीमा भी अपनी बहन से मिलने आई थीं. लेकिन, दरवाजा नहीं खुला और उन्हें भी वापस लौटना पड़ा.

पल्लवी पहले अपने नाना के साथ ही रहा करती थी. लेकिन, उसका व्यवहार उचित न होने की वजह से वह उसे बनारस छोड़कर चले गए थे. पुलिस पूछताछ में पड़ोसियों ने बताया कि लगभग एक महीने पहले ही पल्लवी ने अपना जन्मदिन मनाया था. घर से बाहर निकल कर दोनों बहनों ने केक काटने की इच्छा जाहिर की थी तो पड़ोसियों ने केक मंगवा कर इसे कटवाया. पल्लवी ने अपनी छोटी बहन का जन्मदिन भी मनाया था. क्योंकि, दोनों बहने किसी से मतलब नहीं रखती थीं. इसलिए दोनों के कहने पर परिवार से अलग लोगों ने केक कटवा कर इनका यह दिन उनके साथ सेलिब्रेट किया था. लेकिन, किसी को क्या पता था कि अंदर उषा की लाश पड़ी हुई है.

जांच-पड़ताल करती पुलिस
जांच-पड़ताल करती पुलिस

पड़ोसी ने बताया, बड़ी बेटी चाहती थी लोन

रमेश सिंह ने पुलिस को यह भी बताया है कि पल्लवी बार-बार उनसे 10 लाख रुपये का लोन दिलवाने के लिए कहती थी. लेकिन, रमेश बात को टाल देते थे. पल्लवी बार-बार कहती थी कि उसे अपना एक बिजनेस स्थापित करना है. इसके लिए पैसा चाहिए. लोन दिलवा दीजिए तो काम शुरू कर लें. पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला कि उषा त्रिपाठी जिस मकान में रह रही थीं, वह उनके पिता रामकृष्ण का ही था. रामकृष्ण बनारस छोड़कर लखनऊ में रहने लगे थे और इस घर को अपनी बेटी को दे दिया था. इसमें वह अपनी दोनों बेटियों के साथ रह रही थीं. क्षय रोग की बीमारी होने के बाद उषा दिन पर दिन कमजोर होती जा रही थीं.

सीमा 14 महीने पहले अपनी बहन से मिलने आई थी

पल्लवी ने 2021 में एमकॉम की पढ़ाई पूरी की थी, जबकि छोटी बहन वैष्णवी 2 साल से पढ़ाई नहीं कर रही थी. दसवीं पास करने के बाद वह घर पर ही थी. पुलिस पूछताछ में उषा की बहन सीमा ने बताया कि लगभग 14 महीने पहले वह अपनी बहन से मिलने आई थीं. उस समय सब कुछ ठीक था. बीमारी की वजह से वह कमजोर जरूर थीं. लेकिन, ऐसी बात नहीं समझ में आई थी कि कुछ अनहोनी हो सकती है. वह लगातार फोन पर बात करने के लिए कॉल भी करती थीं. लेकिन, दोनों बेटियां फोन नहीं उठाती थीं. और जब उठाती थीं तो बहन से बात नहीं करवाती थीं. सीमा ने पुलिस को बताया कि एक दो बार उषा की बेटियों ने उनसे कुछ पैसे मांगे थे. उन्होंने ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए थे.

घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से खाना पीना सब कुछ बहुत ही बुरी कंडीशन से गुजर रहा था. क्योंकि, सरकारी राशन इन्हें मिलता था. इसलिए उस सरकारी राशन के साथ ही घर पर मां के रखे हुए गहने को बेचकर यह अपने घर का खर्च चल रही थीं. घर के बिजली के बिल का भुगतान उषा के पिता रामकृष्ण करते थे. इसलिए बिजली भी नहीं कटी थी और सब कुछ नॉर्मल तरीके से चल रहा था.

दुर्गंध न आने की बात किसी को हजम नहीं हो रही

पुलिस पूछताछ में पड़ोसियों ने भी कुछ ऐसी बातें बताईं, जिसने पुलिस को भी संशय में डाल दिया. एक साल तक घर में लाश पड़ी होने और दुर्गंध न आने की बात किसी को हजम नहीं हो रही है. हालांकि, जब इस बारे में दोनों लड़कियों से बात की गई तो उनका कहना था कि लाश घर में इसलिए रखी थी कि उन्हें लग रहा था कि किसी को बताने पर उन्हें जेल भेज दिया जाएगा. डर के कारण उन्होंने किसी को इस बारे में सूचना ही नहीं दी. मां की लाश की जब महक घर में फैलने लगी तो वह लोग छत पर जाकर रहने लगीं. छत पर ही खाना बनाती थी और वहीं खाना खाती थीं. पड़ोसियों ने बताया कि लाश की महक उन्हें जरूर आ रही थी. लेकिन, लोग यह सोचकर चुप थे कि हो सकता है कि किसी छुट्टा या आवारा जानवर के आसपास मरे होने की वजह से यह महक आ रही हो. लेकिन, किसी को क्या पता था कि इतनी बड़ी घटना मोहल्ले में घटी है और किसी को इसकी भनक तक नहीं है.

परिवार की आर्थिक स्थिति थी खराब

पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला कि उषा की तरफ से चलाई जा रही कॉस्मेटिक की दुकान कोविड काल में 2021 के दौरान बंद हो गई थी. इसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी और उषा क्षय रोग की चपेट में आ गई. इसके बाद दोनों बेटियों के दिमाग का संतुलन धीरे-धीरे बिगड़ने लगा. घर में आर्थिक तंगी और तमाम समस्याओं की वजह से दोनों बेटियां बाहरी दुनिया से कटती चली गईं और घर में ही कैद होकर रह गईं. फिलहाल, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है. दोनों बेटियों से भी पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने घर को सील कर दिया है और दोनों युवतियां अभी पड़ोसी के घर पर हैं.

यह भी पढ़ें: मां के शव के साथ एक साल तक सोती रहीं दो बेटियां, पड़ोसियों-रिश्तेदारों को भी नहीं लगने दी भनक

Last Updated : Dec 1, 2023, 6:20 AM IST

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