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आरएसएस की तालिबान से तुलना करने पर जावेद अख्तर के खिलाफ शिकायत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यकर्ता ने गीतकार जावेद अख्तर (lyricist Javed Akhtar ) के खिलाफ आरएसएस की तालिबान से तुलना (comparing RSS to the Taliban) करने वाली कथित टिप्पणी के लिए आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई है.

जावेद अख्तर
जावेद अख्तर
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Published : Sep 22, 2021, 10:55 PM IST

मुंबई : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यकर्ता ने गीतकार जावेद अख्तर (lyricist Javed Akhtar ) के खिलाफ आरएसएस की तालिबान से तुलना (comparing RSS to the Taliban) करने वाली कथित टिप्पणी के लिए आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई है.

मुंबई के वकील धृतिमान जोशी (Dhrutiman Joshi) ने अख्तर के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही शुरू करने के लिए कुर्ला में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (Metropolitan Magistrate at Kurla) के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है.

जोशी ने दावा किया कि गीतकार ने तालिबान द्वारा हाल ही में अफगानिस्तान के अधिग्रहण पर चर्चा करते हुए एक शो में आरएसएस की तुलना तालिबान से की थी. अख्तर को हिंदुओं को बदनाम करने का आरोप लगाया है.

जोशी ने कहा कि आरोपी द्वारा दिए गए बयान आरएसएस को बदनाम करने और आरएसएस में शामिल होने वाले लोगों को हतोत्साहित करने, अपमानित करने और गुमराह करने के लिए सुनियोजित, सोचे-समझे और अपमानजनक हैं. उनके बयान आम लोगों की नजर में आरएसएस को कमतर करते हैं.

जोशी ने कहा कि आरएसएस के जमीनी कार्यकर्ता होने के नाते उन्हें आम जनता की नजरों में अपमानित और बदनाम किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि अख्तर के विचार सबूतों पर आधारित नहीं थे.

शिकायत में कहा गया है कि देश में लोकतांत्रिक रूप से चुने गए पदाधिकारी जैसे कि वर्तमान राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद में आरएसएस के समर्थक और उसके आरएसएस सदस्य रहे हैं. यह जानते हुए भी अख्तर ने यह बयान दिया है.

जोशी ने शिकायत की कि आरोपी यह साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है कि आरएसएस के सदस्य या समर्थक ने तालिबान की तरह काम किया है और अलोकतांत्रिक रूप से एक राज्य या देश पर कब्जा कर किया हो.

पढ़ें - ज़ोमैटो, स्विगी, ओला, उबर से सामाजिक सुरक्षा लाभ की मांग लेकर SC पहुंचे 'गिग वर्कर्स'

अपने आरोपों में जोशी ने प्रस्तुत किया कि अख्तर द्वारा दिया गया बयान आरएसएस का समर्थन करने वाले राष्ट्रवादी लोगों (nationalistic people) के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देने के लिए दिए गए थे.

जोशी ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 499 और 500 के तहत दंडनीय मानहानि के अपराधों की जांच के लिए अपील की. शिकायत पर मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट 30 अक्टूबर 2021 को सुनवाई करेंगे.

मुंबई : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यकर्ता ने गीतकार जावेद अख्तर (lyricist Javed Akhtar ) के खिलाफ आरएसएस की तालिबान से तुलना (comparing RSS to the Taliban) करने वाली कथित टिप्पणी के लिए आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई है.

मुंबई के वकील धृतिमान जोशी (Dhrutiman Joshi) ने अख्तर के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही शुरू करने के लिए कुर्ला में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (Metropolitan Magistrate at Kurla) के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है.

जोशी ने दावा किया कि गीतकार ने तालिबान द्वारा हाल ही में अफगानिस्तान के अधिग्रहण पर चर्चा करते हुए एक शो में आरएसएस की तुलना तालिबान से की थी. अख्तर को हिंदुओं को बदनाम करने का आरोप लगाया है.

जोशी ने कहा कि आरोपी द्वारा दिए गए बयान आरएसएस को बदनाम करने और आरएसएस में शामिल होने वाले लोगों को हतोत्साहित करने, अपमानित करने और गुमराह करने के लिए सुनियोजित, सोचे-समझे और अपमानजनक हैं. उनके बयान आम लोगों की नजर में आरएसएस को कमतर करते हैं.

जोशी ने कहा कि आरएसएस के जमीनी कार्यकर्ता होने के नाते उन्हें आम जनता की नजरों में अपमानित और बदनाम किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि अख्तर के विचार सबूतों पर आधारित नहीं थे.

शिकायत में कहा गया है कि देश में लोकतांत्रिक रूप से चुने गए पदाधिकारी जैसे कि वर्तमान राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद में आरएसएस के समर्थक और उसके आरएसएस सदस्य रहे हैं. यह जानते हुए भी अख्तर ने यह बयान दिया है.

जोशी ने शिकायत की कि आरोपी यह साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है कि आरएसएस के सदस्य या समर्थक ने तालिबान की तरह काम किया है और अलोकतांत्रिक रूप से एक राज्य या देश पर कब्जा कर किया हो.

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अपने आरोपों में जोशी ने प्रस्तुत किया कि अख्तर द्वारा दिया गया बयान आरएसएस का समर्थन करने वाले राष्ट्रवादी लोगों (nationalistic people) के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देने के लिए दिए गए थे.

जोशी ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 499 और 500 के तहत दंडनीय मानहानि के अपराधों की जांच के लिए अपील की. शिकायत पर मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट 30 अक्टूबर 2021 को सुनवाई करेंगे.

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