पटना : जातिगत जनगणना और जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर बिहार में भाजपा (Bhartiya Janata Party) और जेडीयू (JDU) के बीच विवाद गहराता जा रहा है. जेडीयू जहां जातिगत जनगणना को लेकर भाजपा पर दबाव बना रही है. वहीं जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भाजपा और जेडीयू के बीच का विवाद भी खुलकर सामने आ गया है.
भाजपा (BJP) और जेडीयू (JDU) के बीच शह और मात का खेल चल रहा है. जेडीयू जहां जातिगत जनगणना (Cast Census) के मुद्दे पर हमलावर है, वहीं भाजपा जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) के मुद्दे पर जेडीयू को घेरने में जुटी है.
जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा, हमारे नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जनसंख्या नियंत्रण कानून पर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है. हम जनसंख्या नियंत्रण जागरुकता के जरिए चाहते हैं. महिलाओं को शिक्षित कर जनसंख्या नियंत्रित की जा सकती है. बिहार ने ऐसा करके दिखाया गया है.
नीतीश कैबिनेट के मंत्री जनसंख्या नियंत्रण को लेकर हमलावर हैं. पहले वन पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू और फिर उसके बाद श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने की वकालत की है.
आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा, जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की जरूरत नहीं है. जनसंख्या नियंत्रण जागरुकता के जरिए किया जा सकता है. जनसंख्या नियंत्रण जबरदस्ती नहीं करवाया जा सकता है.
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण, कानून के जरिए नहीं जागरुकता के जरिए होना चाहिए और हम महिलाओं को शिक्षित कर ऐसा करके दिखा चुके हैं. आने वाले कुछ वर्षों में जनसंख्या वृद्धि दर में और कमी आएगी.
बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार ने कहा, जनसंख्या नियंत्रण बेहद जरूरी है. देश के संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है हर कोई चाहता है कि जनसंख्या नियंत्रण हो. कानून के जरिए जनसंख्या नियंत्रण किया जाना चाहिए.
वहीं, राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि जनसंख्या नियंत्रण वर्तमान में परिस्थितियों की मांग है. भाजपा और जेडीयू में भले इस मुद्दे को लेकर तकरार है लेकिन सरकार की योजनाओं में जनसंख्या नियंत्रण का ख्याल रखने वालों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए.
जातिगत जनगणना जेडीयू के तेवर तल्ख
दरअसल, जातिगत जनगणना को लेकर जेडीयू नेताओं के तेवर तल्ख हैं. इस मुद्दे पर पार्टी विपक्ष के साथ दिख रही है. जेडीयू का मानना है कि बिहार विधानसभा में जातिगत जनगणना को लेकर दो बार प्रस्ताव पारित हुआ है. विकास कार्यों को मूर्त रूप देने के लिए भी जातिगत जनगणना जरूरी है और इसे हर हाल में कराया जाना चाहिए.
वहीं, जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी जेडीयू भाजपा के साथ खड़ी नहीं है. पार्टी का मानना है कि कानून बनाने के बजाय लोगों को जागरूक और शिक्षित कर जनसंख्या नियंत्रण की जानी चाहिए.
इधर, भाजपा का मानना है कि बगैर कानून के जनसंख्या नियंत्रण नहीं हो सकता है. जनसंख्या नियंत्रण के लिए दंडनीय कानून के बजाय प्रेरक कानून केंद्र सरकार बनाना चाह रही है. अगर किसी दल को यह लगता है कि जनसंख्या नियंत्रण जरूरी नहीं है तो उसे आगे आना चाहिए.
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