नई दिल्ली : स्वदेशी लड़ाकू विमान के विकास के पहल को बढ़ावा देने के लिए, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने बुधवार को एलसीए मार्क 2 लड़ाकू विमान के विकास को मंजूरी दे दी. यह भारतीय वायु सेना में मिग-29, मिराज 2000 और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान का एक प्रतिस्थापन होगा. एलसीए मार्क 2 लड़ाकू विमान विकास परियोजना को सरकार ने मंजूरी दे दी है. इससे डिजाइनरों के लिए एक उन्नत 17.5 टन एकल इंजन विमान विकसित करने का रास्ता खुल गया है. आरोनाटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) प्रमुख गिरीश देवधरे ने समाचार एजेंसी एएनआइ को प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि नए विमानों का विकास 2027 तक पूरा किया जाएगा.
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देवधर ने कहा कि परियोजना को एलसीए मार्क 1ए कार्यक्रम में हुई प्रगति से लाभ मिलेगा और पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान परियोजना के विकास में भी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रोटोटाइप के विकास को मंजूरी दे दी है, जिनमें से पहला एक साल में शुरू होने की संभावना है. यह परियोजना व्यापक उड़ान परीक्षणों और अन्य संबंधित कार्यों के बाद वर्ष 2027 तक पूरी होने वाली है.DRDO के अनुसार यह विमान एवियोनिक्स और क्षमताओं के मामले में राफेल विमान की श्रेणी का होगा लेकिन वजन में हल्का होगा. सरकार ने यह भी मंजूरी दे दी है कि विमान में इस्तेमाल होने वाले इंजन प्रारंभिक विकास चरण के बाद मेड इन इंडिया होने चाहिए.
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