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BMS ने EPFO दफ्तर के बाहर किया धरना प्रदर्शन, न्यूनतम पेंशन ₹5,000 करने की मांग

बीएमएस ने कहा कि सरकार को ऐसी यूनिवर्सल पेंशन स्कीम तैयार करना चाहिए, जिसमें आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन मिले. बीएमएस ने अपनी इन मांगों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुए बजट पूर्व परामर्श बैठक में भी 18 दिसंबर 2021 को उठाया था.

Bharatiya Mazdoor Sangh
भारतीय मजदूर संघ
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Published : Jan 20, 2022, 10:17 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) की मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संघ (Bharatiya Mazdoor Sangh) अपने ही सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन किया. बीएमएस (BMS) न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये हर महीने करने की मांग को लेकर को गुरुवार को देशभर में ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization) के दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया.

बीएमएस ने सभी ईपीएस-95 पेंशनर्स को लेकर ईपीएफओ दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम ज्ञापन सौंपा. बीएमएस का कहना है कि ईपीएफओ की ईपीएस-95 के तहत पेंशन एक बड़ा मुद्दा बन चुका है जो 65 लाख पेंशनर्स को प्रभावित करती है. कोरोना महामारी के दौरान भी आजीवन काम करने वालों को केवल 1,000 रुपये ही न्यूनतम पेंशन मिल रहा है. यह एक निराश्रित पेंशन से भी कम है, इसलिए ईपीएस-95 के तहत न्यूनतम पेंशन को मौजूदा 1000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति माह किया जाना चाहिए.

आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन मिले
बीएमएस ने कहा है कि न्यूनत्तम पेंशन में बढ़ोतरी के किसी भी फैसले का लाभ सभी 65 लाख पेंशनर्स को मिलना चाहिए. पिछली बार जब पेंशन बढ़ा था तब 44 लाख पेंशनर्स में से केवल 14 लाख पेंशनधारकों को फायदा पहुंचा था. बीएमएस के मुताबिक, श्रम मंत्रालय ने सैद्धांतिक तौर ईपीएस-95 पेंशनर्स को आयुष्मान भारत मेडिकल स्कीम के तहत कवर करने को मंजूरी दे दी थी, क्योंकि कम पेंशन होने के चलते ये पेंशनर्स सुपर स्पेशयलटी अस्पताल में इलाज नहीं करा पाते हैं.

Bharatiya Mazdoor Sangh
भारतीय मजदूर संघ के सदस्य.

बीएमएस ने कहा कि सरकार को ऐसी यूनिवर्सल पेंशन स्कीम तैयार करना चाहिए जिसमें आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन मिले. बीएमएस ने अपनी इन मांगों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुए बजट पूर्व बैठक में भी 18 दिसंबर 2021 को उठाया था.

कई राज्यों में हुए विरोध प्रदर्शन
ईटीवी भारत से बात करते हुए, भारतीय मजदूर संघ के महासचिव बिनॉय कुमार सिन्हा ने बताया कि उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, ओडिशा, पंजाब, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन हुए. उन्होंने कहा कि हमने कोविड मानदंडों का पालन करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है. यह लंबे समय से लंबित मांग है जिसे हमने पिछले महीने केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठक के दौरान उठाया था.

बीएमएस नेता के अनुसार, दिसंबर 2021 में आयोजित बजट पूर्व परामर्श के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री ने ईपीएस-95 पेंशनभोगियों के संबंध में उनकी मांगों को स्वीकार किया था, लेकिन अब वे इस मुद्दे पर विकास चाहते हैं, न कि केवल सरकार से आश्वासन.

संसद का बजट सत्र अगले महीने शुरू हो रहा है, सूत्रों ने बताया कि सरकार पेंशन में बढ़ोतरी पर विचार कर सकती है और जब वह संसद में बजट पेश करती है तो वित्त मंत्री द्वारा कुछ घोषणा की जा सकती है. बीएमएस ने उनके आंदोलन को कम करने और सरकार के बड़े विरोध की योजना बनाने का संकेत दिया है. इस बजट सत्र में उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया.

पढ़ें:ईपीएफओ ने इनविट जैसे नए इंस्ट्रूमेंट में निवेश के लिए एफआईएसी को सक्षम बनाया

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) की मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संघ (Bharatiya Mazdoor Sangh) अपने ही सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन किया. बीएमएस (BMS) न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये हर महीने करने की मांग को लेकर को गुरुवार को देशभर में ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization) के दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया.

बीएमएस ने सभी ईपीएस-95 पेंशनर्स को लेकर ईपीएफओ दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम ज्ञापन सौंपा. बीएमएस का कहना है कि ईपीएफओ की ईपीएस-95 के तहत पेंशन एक बड़ा मुद्दा बन चुका है जो 65 लाख पेंशनर्स को प्रभावित करती है. कोरोना महामारी के दौरान भी आजीवन काम करने वालों को केवल 1,000 रुपये ही न्यूनतम पेंशन मिल रहा है. यह एक निराश्रित पेंशन से भी कम है, इसलिए ईपीएस-95 के तहत न्यूनतम पेंशन को मौजूदा 1000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति माह किया जाना चाहिए.

आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन मिले
बीएमएस ने कहा है कि न्यूनत्तम पेंशन में बढ़ोतरी के किसी भी फैसले का लाभ सभी 65 लाख पेंशनर्स को मिलना चाहिए. पिछली बार जब पेंशन बढ़ा था तब 44 लाख पेंशनर्स में से केवल 14 लाख पेंशनधारकों को फायदा पहुंचा था. बीएमएस के मुताबिक, श्रम मंत्रालय ने सैद्धांतिक तौर ईपीएस-95 पेंशनर्स को आयुष्मान भारत मेडिकल स्कीम के तहत कवर करने को मंजूरी दे दी थी, क्योंकि कम पेंशन होने के चलते ये पेंशनर्स सुपर स्पेशयलटी अस्पताल में इलाज नहीं करा पाते हैं.

Bharatiya Mazdoor Sangh
भारतीय मजदूर संघ के सदस्य.

बीएमएस ने कहा कि सरकार को ऐसी यूनिवर्सल पेंशन स्कीम तैयार करना चाहिए जिसमें आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन मिले. बीएमएस ने अपनी इन मांगों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुए बजट पूर्व बैठक में भी 18 दिसंबर 2021 को उठाया था.

कई राज्यों में हुए विरोध प्रदर्शन
ईटीवी भारत से बात करते हुए, भारतीय मजदूर संघ के महासचिव बिनॉय कुमार सिन्हा ने बताया कि उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, ओडिशा, पंजाब, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन हुए. उन्होंने कहा कि हमने कोविड मानदंडों का पालन करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है. यह लंबे समय से लंबित मांग है जिसे हमने पिछले महीने केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठक के दौरान उठाया था.

बीएमएस नेता के अनुसार, दिसंबर 2021 में आयोजित बजट पूर्व परामर्श के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री ने ईपीएस-95 पेंशनभोगियों के संबंध में उनकी मांगों को स्वीकार किया था, लेकिन अब वे इस मुद्दे पर विकास चाहते हैं, न कि केवल सरकार से आश्वासन.

संसद का बजट सत्र अगले महीने शुरू हो रहा है, सूत्रों ने बताया कि सरकार पेंशन में बढ़ोतरी पर विचार कर सकती है और जब वह संसद में बजट पेश करती है तो वित्त मंत्री द्वारा कुछ घोषणा की जा सकती है. बीएमएस ने उनके आंदोलन को कम करने और सरकार के बड़े विरोध की योजना बनाने का संकेत दिया है. इस बजट सत्र में उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया.

पढ़ें:ईपीएफओ ने इनविट जैसे नए इंस्ट्रूमेंट में निवेश के लिए एफआईएसी को सक्षम बनाया

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