हैदराबाद : राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा आयोजित वार्षिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के श्रम ब्यूरो द्वारा संचालित सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन, रोजगार और बेरोजगारी सर्वेक्षण मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय के अनुसार, अनुमानित 15 वर्ष से ऊपर आयु के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर बढ़ी है.
पिछले पांच वर्षों की बेरोजगारी दर :-
वर्ष | दर |
2018-19 (पीएलएफएस) | 5.80% |
2017-18 (पीएलएफएस) | 6.00% |
2015-16 (लेबर ब्यूरो) | 3.70% |
2013-14 (लेबर ब्यूरो) | 3.40% |
2012-13 (लेबर ब्यूरो) | 4.00% |
रोजगार और बेरोजगारी पर वार्षिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा संचालित किए जाते हैं. इसमें आखिरी सर्वेक्षण 2018-19 के दौरान किया गया था. सर्वेक्षण के अनुसार, अनुमानित बेरोजगारी दर और देश में उपलब्ध सीमा के आधार पर सामान्य स्थिति (प्रधान स्थिति + सहायक स्थिति) के आधार पर श्रमिकों की आबादी का अनुपात क्रमशः 5.8% और 35.3% था.
रोजगार के लिए सरकार द्वारा कदम उठाए गए
सरकार ने देश में रोजगार करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे अर्थव्यवस्था के निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करना, पर्याप्त निवेश सहित कई परियोजनाओं पर तेजी से नजर रखना और योजनाओं पर अधिक व्यय बढ़ाना.
सरकारी योजनाएं : -
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमसीजीपी)
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस)
- पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (डीडीयू-जीकेवाए)
- दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाए-एनयूएलएम)
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाए) को स्वरोजगार की सुविधा के लिए सरकार द्वारा शुरू किया गया. जिसके तहत छोटे और लघु उद्यमों और व्यक्तियों के लिए 10 लाख रुपये तक की व्यवस्था की गई है. जिससे वह अपना व्यवसाय स्थापित कर सकें.
सरकार ने राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) परियोजना को लागू किया है, जिसमें एक डिजिटल पोर्टल शामिल है. यह पोर्टल नौकरी चाहने वालों और नियोक्ताओं के लिए एक गतिशील, कुशल और उत्तरदायी तरीके से नौकरी के लिए एक ऑनलाइन मंच प्रदान करता है. इसमें नौकरी करने वालों के लिए अपना करियर बनाने के लिए कई सारे विकल्प उपलब्ध हैं.
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भारत सरकार देश में रोगजार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास कर रही है. जिसके तहत प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. यह पैकेज देश में रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद कर सकता है.